सावधान युग…
घर से भागे लोगतथागत होने का करते हैं दावा।सावधान युग ! पहचानना बहुत मुश्किल हैइन छलियों का ढंग…
Read Moreघर से भागे लोगतथागत होने का करते हैं दावा।सावधान युग ! पहचानना बहुत मुश्किल हैइन छलियों का ढंग…
Read Moreदर्पण के जैसा होना कितना मुश्किल है।दुनिया में अच्छा होना कितना मुश्किल है। इसका अनुभव कोल्हू के गन्ने…
Read More!! सबके राम !! जग के पालनहारे रामसंत जनों के प्यारे रामनिश्छल मन से जो भी सुमिरैसबके मन…
Read Moreज़िन्दगी के दिन ढले अब शाम आईअंशुपति ठंडे पड़े परसब दिशाएँ जल रही हैंसब उलट है , सब…
Read Moreदेश गांधी का खुले बाजार जैसा हो गया है।कर्म का हर क्षेत्र कारोबार जैसा हो गया है। बिक…
Read Moreहीरे मोती लेकर कोईयदि फ़िर से बचपन ला दे।जीवन भर की पूंजी दे दूंयदि वह गुज़रे क्षण ला…
Read Moreआओ एक-एक दीप जलाएंघनघोर तमस में,कई सहस्त्र दीपक जले उठेदूर हुआ अंधियारा,जग से,निराश मन से,आओ एक-एक दीप जलाएं।…
Read Moreन जाने क्या कशिश है बम्बई तेरे शबिस्तां मेंकि हम शामे-अवध, सुब्हे-बनारस छोड़ आये हैं पपीहे बोलते हैं,…
Read Moreसेवा की खातिर जो चुनाव होते!तो खुशहाल सारे नगर गांव होते।। तो फिर मुल्क मे भूखे नंगे ना…
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