अतुल्य भारत चेतना
मेहरबान अली कैरानवी
कैराना/शामली। कैराना क्षेत्र के गांव मन्नामाजरा निवासी मौलवी आमिर (27) की शुक्रवार, 25 जुलाई 2025 को जलालाबाद में हुए एक सड़क हादसे में दर्दनाक मृत्यु हो गई। शनिवार सुबह उनके शव को गांव के निकट कब्रिस्तान में गमगीन माहौल में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस हादसे ने उनके परिवार और समुदाय में शोक की लहर दौड़ा दी है।
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हादसे का विवरण
मौलवी आमिर, जो गांव गंदराऊ की मस्जिद में इमामत का कार्य करते थे, शुक्रवार शाम को बाइक से देवबंद जा रहे थे। शाम करीब 5 बजे, जब वे जलालाबाद में दिल्ली-यमुनोत्री मार्ग पर पहुंचे, उनकी बाइक एक कार से टकरा गई। इस भीषण हादसे में मौलवी आमिर की मौके पर ही मृत्यु हो गई। सूचना मिलने पर जलालाबाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव का पंचायतनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। देर रात शव उनके गांव मन्नामाजरा पहुंचा, जहां परिजनों में कोहराम मच गया।
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परिवार में शोक और अंतिम संस्कार
मृतक मौलवी आमिर चार भाइयों में सबसे बड़े थे और डेढ़ वर्ष की एक मासूम बेटी के पिता थे। उनकी अचानक मृत्यु से परिवार सदमे में है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। शनिवार सुबह, गांव के निकट कब्रिस्तान में गमगीन माहौल के बीच मौलवी आमिर के शव को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में ग्रामीण और समुदाय के लोग शामिल हुए, जिन्होंने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया।
सामुदायिक और सामाजिक प्रभाव
मौलवी आमिर एक सम्मानित धार्मिक व्यक्ति थे, जो गंदराऊ की मस्जिद में इमामत के माध्यम से समुदाय की सेवा करते थे। उनकी मृत्यु ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे गांव और आसपास के क्षेत्र में शोक की लहर पैदा कर दी। स्थानीय लोगों ने उनके धार्मिक और सामाजिक योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
सड़क सुरक्षा पर सवाल
यह हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा के मुद्दे को सामने लाता है। दिल्ली-यमुनोत्री मार्ग पर अक्सर तेज रफ्तार वाहनों और सड़क की स्थिति के कारण हादसे होते रहते हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मार्ग पर यातायात नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाए और सड़क सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जाए।
परिजनों और समुदाय की प्रतिक्रिया
मौलवी आमिर की मृत्यु से उनके परिजनों में हाहाकार मचा हुआ है। उनकी मासूम बेटी और परिवार के अन्य सदस्यों के प्रति समुदाय ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। स्थानीय लोगों ने परिवार के साथ इस दुख की घड़ी में एकजुटता दिखाई और उनके लिए प्रार्थना की।
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यह दुखद घटना सड़क हादसों की गंभीरता और परिवारों पर उनके विनाशकारी प्रभाव को उजागर करती है। मौलवी आमिर की स्मृति में समुदाय ने उनके धार्मिक और सामाजिक योगदान को याद किया और उनके परिवार के प्रति समर्थन का वादा किया।