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Vidisha news; समर्थ सदगुरु की प्राप्ति से मिटता है अज्ञान: प्रज्ञा पुराण कथा में बोले कथावाचक मुकेश श्रीवास्तव

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अतुल्य भारत चेतना
ब्युरो चीफ हाकम सिंह रघुवंशी

विदिशा। गायत्री प्रज्ञा पीठ, स्वर्णकार कॉलोनी, विदिशा में प्रत्येक गुरुवार को आयोजित होने वाली प्रज्ञा पुराण कथा में कथावाचक मुकेश श्रीवास्तव ने कहा कि “समर्थ सदगुरु की प्राप्ति से ही मनुष्य के जीवन से अज्ञान का अंधकार मिटता है।” इस साप्ताहिक आयोजन में उन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान की महत्ता पर प्रकाश डाला और जनमानस को नैतिकता व सदाचार की प्रेरणा दी। अब यह आयोजन प्रत्येक रविवार को शाम 4:00 बजे से आयोजित होगा।

कथा का सार और कथावाचक का संदेश

प्रज्ञा पुराण कथा के दौरान कथावाचक मुकेश श्रीवास्तव ने कहा कि काम, क्रोध, मोह, लोभ, और अहंकार जैसे मानवीय दोषों के दलदल में फंसा मनुष्य अज्ञान के अंधकार में डूबा रहता है। उन्होंने बताया, “समर्थ सदगुरु ही वह प्रकाश हैं जो मनुष्य को इस दलदल से बाहर निकालकर उसके अंतःकरण को आध्यात्मिक ज्ञान से प्रकाशित करते हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि अज्ञान ही मनुष्य के अधिकांश दुखों का मूल कारण है। आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त होने पर मनुष्य ईश्वर से सीधा जुड़ाव महसूस करता है और हर परिस्थिति में सुख, शांति, और संतोष का अनुभव करता है।

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मुख्य अतिथि की प्रतिक्रिया

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, लायंस क्लब के पूर्व अध्यक्ष और अखिल भारतीय स्वर्णकार महासभा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी लायन अरुण कुमार सोनी ने प्रज्ञा पुराण कथा के आयोजन की सराहना की। उन्होंने कहा, “यह आयोजन आध्यात्मिक जागरूकता और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मैं सभी से अपील करता हूं कि वे इस सत्संग में शामिल होकर आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करें।”

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आयोजन की जानकारी और उद्देश्य

गायत्री प्रज्ञा पीठ, स्वर्णकार कॉलोनी के प्रमुख ट्रस्टी राजाराम पवार ने बताया कि यह संस्था जनमानस को धर्म और आध्यात्मिकता की शिक्षा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। प्रज्ञा पुराण कथा के माध्यम से नियमित सत्संग का आयोजन इसी दिशा में एक कदम है। उन्होंने सूचित किया कि अब यह आयोजन प्रत्येक रविवार को शाम 4:00 बजे से प्रज्ञा पीठ पर होगा। पवार ने कहा, “हमारा उद्देश्य लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान और नैतिकता से जोड़ना है ताकि वे अपने जीवन को सार्थक बना सकें।”

नैतिक शिक्षा पर जोर

भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा की जिला संयोजिका रश्मि पोरवाल ने शिक्षकों से अपील की कि वे अपने मेधावी छात्रों को इस तरह के आयोजनों में लाएं ताकि उन्हें नैतिक ज्ञान और सदाचार की शिक्षा मिल सके। उन्होंने कहा, “ऐसे आयोजन युवा पीढ़ी को नैतिकता और संस्कृति के मूल्यों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।”

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गीता मर्मज्ञ और प्रवचनकर्ता हीरालाल आचार्य ने उपस्थित श्रद्धालुओं से भगवद्गीता से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गीता के उपदेश जीवन को सही दिशा प्रदान करते हैं और मनुष्य को कर्तव्यपथ पर चलने की प्रेरणा देते हैं।

उपस्थित गणमान्य और श्रद्धालु

कार्यक्रम में बाला राम पंथी, अजय नारायण टंडन, भगवान गुरु, रवि शरण मुडैया, कंवर लाल साहू, अंबिका कुमार, किरण कुमार, शंकर लाल डीडौत, तनय गुर्जर सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे। सभी ने कथा का श्रवण किया और आध्यात्मिक माहौल में हिस्सा लिया।

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