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रईस
बहराइच। समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर 26 जुलाई 2025 को आरक्षण दिवस को संविधान मान स्तंभ स्थापना दिवस के रूप में बहराइच के डॉ. भीमराव अंबेडकर सभागार में धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में लखीमपुर खीरी के सांसद उत्कर्ष वर्मा उपस्थित रहे, जिनका सपा जिला अध्यक्ष रामहर्ष यादव (एडवोकेट) और पूर्व मंत्री याशर शाह ने भव्य स्वागत किया। कार्यक्रम में सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने संविधान और आरक्षण की रक्षा के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने का संकल्प लिया।
मुख्य अतिथि का संबोधन
मुख्य अतिथि सांसद उत्कर्ष वर्मा ने अपने संबोधन में छत्रपति शाहूजी महाराज को नमन करते हुए कहा कि 26 जुलाई 1902 को कोल्हापुर रियासत में शाहूजी महाराज ने दलितों और पिछड़ों को 50% आरक्षण देकर सामाजिक न्याय की नींव रखी थी। उन्होंने कहा, “आजादी से पहले शुरू हुई यह पहल बाबा साहब भीमराव अंबेडकर द्वारा संविधान में आरक्षण को शामिल करने के साथ और सशक्त हुई।”
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उन्होंने वर्तमान भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार निजीकरण और आउटसोर्सिंग के जरिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण को खत्म करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार संवैधानिक संस्थाओं पर अंकुश लगा रही है और ईडी व सीबीआई जैसे संस्थानों का दुरुपयोग कर विपक्ष को दबाने का प्रयास कर रही है। वर्मा ने सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रशंसा करते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराकर उनके संविधान बदलने की मंशा को नाकाम कर दिया। उन्होंने सभा में उपस्थित लोगों से सामाजिक न्याय की लड़ाई में सपा के साथ खड़े होकर 2027 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने का आह्वान किया।

याशर शाह का संबोधन
पूर्व मंत्री याशर शाह ने अपने संबोधन में कहा कि आज देश में संविधान और पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समाज के हकों को बचाने के लिए केवल एक नेता संघर्ष कर रहा है, और वह हैं अखिलेश यादव। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि 2027 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने के लिए अभी से बूथ और सेक्टर स्तर पर संगठन को मजबूत किया जाए। शाह ने कहा, “हम सभी समाजवादी लोग आज से यह प्रण लेते हैं कि संविधान की रक्षा और पीडीए समाज के सम्मान के लिए पूरी ताकत से लड़ेंगे।”
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अन्य नेताओं के विचार
कार्यक्रम में विधायक मारिया शाह, विधायक आनंद यादव, पूर्व विधायक मुकेश श्रीवास्तव, रमेश गौतम, के.के. ओझा, पूर्व मंत्री बंशीधर बौद्ध, शिक्षक सभा के जितेंद्र मौर्य, महिला सभा की जिलाध्यक्ष मन्नू देवी, अनवर वारसी, और शैलेश शैलू ने भी अपने विचार रखे। वक्ताओं ने संविधान की रक्षा, आरक्षण के महत्व, और सपा की पीडीए नीति पर जोर देते हुए कार्यकर्ताओं को संगठित होकर सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने का आह्वान किया।
आयोजन और उपस्थिति
कार्यक्रम की अध्यक्षता सपा जिला अध्यक्ष रामहर्ष यादव (एडवोकेट) ने की, जबकि संचालन महामंत्री सुनील निषाद ने किया। इस अवसर पर जिला कोषाध्यक्ष हाजी अब्दुल मन्नान, जिला उपाध्यक्ष देवेशचंद्र मिश्र, उत्तम सिंह (एडवोकेट), अनिल यादव, प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य सुंदरलाल बाजपेयी, हाजी इमलाक खान, इंजीनियर राकेश सोनकर, सब्बीर खान, सुमन शर्मा, अफशाल शानू, नंदेश्वर यादव, जावहर यादव, मोहम्मद आसिफ, और अन्य अनेक पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
सामाजिक और राजनीतिक महत्व
यह आयोजन बहराइच में सपा की संगठनात्मक ताकत और सामाजिक न्याय के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। संविधान मान स्तंभ स्थापना दिवस के माध्यम से सपा ने न केवल आरक्षण के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित किया, बल्कि 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं में जोश भी भरा। स्थानीय लोगों ने इस आयोजन की सराहना की और सपा के पीडीए फॉर्मूले को सामाजिक समावेश और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
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कार्यक्रम ने यह स्पष्ट किया कि सपा अखिलेश यादव के नेतृत्व में संविधान और आरक्षण की रक्षा के लिए दृढ़संकल्प है। कार्यकर्ताओं ने 2027 में उत्तर प्रदेश में सपा सरकार बनाने और सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करने के लिए अभी से जमीनी स्तर पर काम शुरू करने का संकल्प लिया।