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रईस
रूपईडीहा/बहराइच। कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शनिवार, 26 जुलाई 2025 को लैंड पोर्ट रूपईडीहा के सभागार में आयोजित एक गरिमामय कार्यक्रम में कारगिल युद्ध के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता आईसीपी (इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट) प्रबंधक सुधीर शर्मा ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में नगर पंचायत चेयरमैन डॉ. उमाशंकर वैश्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का विवरण
कार्यक्रम की शुरुआत शहीदों की स्मृति में दो मिनट के मौन धारण के साथ हुई, जिसमें सभी उपस्थित लोगों ने वीर जवानों के बलिदान को याद किया। मुख्य अतिथि डॉ. उमाशंकर वैश्य ने अपने संबोधन में कारगिल युद्ध के शहीदों की वीरता और बलिदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “कारगिल युद्ध में हमारे सैनिकों ने असाधारण शौर्य और देशभक्ति का परिचय दिया। उनका बलिदान हमें हमेशा राष्ट्र के प्रति समर्पण और एकता की प्रेरणा देता है।”

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कारगिल युद्ध की शौर्य गाथा
कार्यक्रम में अधिशासी अधिकारी रामबदन यादव, अनिकेत पांडेय, संजय कुमार, और अन्य अधिकारियों ने कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों की वीरता की चर्चा की। उन्होंने युद्ध में सैनिकों द्वारा दुर्गम परिस्थितियों में दिखाए गए साहस और देश के लिए दी गई कुर्बानी को याद किया। आईसीपी प्रबंधक सुधीर शर्मा ने विशेष रूप से कैप्टन विक्रम बत्रा के प्रेरक शब्दों, “ये दिल मांगे मोर”, का उल्लेख करते हुए उनकी देशभक्ति और साहस को प्रेरणादायी बताया। उन्होंने कहा, “शहीदों का बलिदान हमें यह सिखाता है कि देश की एकता और सुरक्षा से बढ़कर कुछ भी नहीं है।”
राष्ट्र के प्रति संकल्प
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों ने राष्ट्र की एकता, अखंडता, और सुरक्षा के लिए समर्पण का संकल्प लिया। उन्होंने शहीदों के बलिदान को नमन करते हुए देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को और मजबूत करने का वचन दिया।
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उपस्थित गणमान्य और कर्मचारी
कार्यक्रम में प्रतिभा सिंह, राजकुमार वर्मा, निरंजन, और लैंड पोर्ट रूपईडीहा के कई अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में शहीदों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और उनके बलिदान को देश के लिए अनमोल बताया।
सामाजिक और राष्ट्रीय महत्व
कारगिल विजय दिवस का यह आयोजन न केवल शहीदों के प्रति सम्मान और श्रद्धांजलि का प्रतीक रहा, बल्कि यह देशवासियों में राष्ट्रप्रेम और एकता की भावना को प्रबल करने वाला भी साबित हुआ। लैंड पोर्ट रूपईडीहा, जो भारत-नेपाल सीमा पर एक महत्वपूर्ण केंद्र है, में इस तरह के आयोजन से कर्मचारियों और स्थानीय समुदाय में देशभक्ति की भावना को बढ़ावा मिलता है।
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स्थानीय लोगों ने इस आयोजन की सराहना की और कहा कि कारगिल युद्ध के शहीदों की स्मृति को जीवित रखने और उनकी शौर्य गाथा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए ऐसे कार्यक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह आयोजन शहीदों के प्रति सम्मान और राष्ट्र के प्रति कर्तव्यबोध को मजबूत करने की दिशा में एक सराहनीय कदम रहा।