जीवन एक समर है…
तू उठ, तू चल, तू दौड़कौन क्या कहता हैउसकी परवाह न कर। जब तुझे खुद है पताकि मंजिल…
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Read Moreनिर्धन सिर्फ कमेरा क्यों है ? किसने दिये बुझाए इनके ?किसने यहां अन्धेरा बोया ?जिसने सबको खुशियां बांटी…
Read Moreप्रिय! तुम रामचरितमानस अवश्य पढ़ना ।। जीवन के अनुबंधों की,तिलांजलि संबंधों की,टूटे मन के तारो की,फिर से नई…
Read Moreऐसा तो हमने सोचा न था, जैसे हम दिल बहलाने,नन्हे बच्चों से पूछते हैं प्रश्न,बताओ शेर जंगल में…
Read Moreराम सिया का वन को जानासाधारण सी बात नहीं है।यह सत्ता का पैदल चल करजन मानस की खोज…
Read Moreमैं करती हूं हर बार बात संभालने की कोशिश,और तुम बाल की खाल निकालने की कोशिश। कभी तो…
Read Moreक्यों किसी को ज्ञान दे कर खुश करें।मूर्ख को सम्मान दे कर खुश करें। त्याग कर्मठता दिखा कर…
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