अतुल्य भारत चेतना
ब्युरो चीफ हाकम सिंह रघुवंशी
गंजबासौदा। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के गंजबासौदा में एक दिल दहला देने वाला डबल मर्डर का मामला सामने आया है, जिसने पूरे शहर में सनसनी फैला दी। वार्ड क्रमांक 8, मंशापूर्ण हनुमान मंदिर के पीछे स्थित एक किराए के मकान में 31 वर्षीय महिला रामसखी कुशवाह और उसकी 3 वर्षीय मासूम बेटी की गला घोंटकर हत्या कर दी गई। इस जघन्य अपराध का आरोपी कोई और नहीं, बल्कि रामसखी का लिव-इन पार्टनर अनुज विश्वकर्मा उर्फ राजा निकला, जिसे पुलिस ने कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर लिया है।

घटना का विवरण
मंगलवार सुबह, बरेठ रोड पर मंशापूर्ण हनुमान मंदिर के पीछे शशि कुशवाह के तीन मंजिला मकान में यह सनसनीखेज वारदात सामने आई। मकान मालिक शशि कुशवाह ने सुबह अपने किराएदार के कमरे में रामसखी और उसकी 3 वर्षीय बेटी को मृत अवस्था में जमीन पर पड़ा देखा। इस भयावह दृश्य से मोहल्ले में हड़कंप मच गया, और तत्काल सिटी कोतवाली पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस, एसडीओपी शिखा भलावी, और फोरेंसिक (एसएफएल) टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की।
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जांच में पता चला कि दोनों की हत्या गला घोंटकर की गई। प्रारंभिक जांच और पूछताछ में यह सामने आया कि हत्यारा अनुज विश्वकर्मा, जो पिछले सात महीनों से रामसखी के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा था, इस अपराध का मुख्य आरोपी है। अनुज ने मकान किराए पर लेते समय स्वयं को रामसखी का पति और उसकी बेटियों को अपनी संतान बताया था।
आरोपी का कबूलनामा और दीवार पर लिखा संदेश
हैरान करने वाली बात यह है कि अनुज ने हत्या के बाद कमरे की दीवार पर लाल लिपस्टिक से एक कबूलनामा लिखा। इसमें उसने रामसखी के माता-पिता को संबोधित करते हुए कहा, “मुझे माफ कर देना मम्मी पापा, महू वाले मेरी मां से कह देना बेटा तुम्हारा प्यार करता है। वो किसी और लड़के के साथ भागना चाहती थी, इसलिए मैंने यह कदम उठाया। मैंने पहले बोला था रामसखी, जीवन साथ जिएंगे और साथ मरेंगे।” इस संदेश से प्रतीत होता है कि हत्या का कारण रामसखी के कथित तौर पर किसी और व्यक्ति के साथ संबंध और आपसी विवाद था।
पुलिस की पूछताछ में अनुज ने बताया कि सोमवार रात करीब 12 बजे वह शराब के नशे में घर लौटा, जहां उसका रामसखी से झगड़ा हुआ। गुस्से में उसने पहले रसोई से छोटा गैस सिलेंडर उठाकर रामसखी के सिर पर मारा, जिससे वह बेहोश हो गई। इसके बाद उसने रामसखी का गला घोंटकर हत्या कर दी और फिर मासूम बेटी मानवी की भी गला दबाकर जान ले ली। अनुज रातभर शवों के पास बैठा रहा और सुबह फरार हो गया।

सात साल की बेटी बनी गवाह
घटना के समय रामसखी की सात वर्षीय बेटी तनु कमरे में मौजूद थी। वह अपनी मां और बहन के शवों के पास चुपचाप बैठी रही, जिसे देखकर मकान मालिक और पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। तनु को इस घटना से गहरा मानसिक आघात पहुंचा है, और पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
रामसखी का पारिवारिक पृष्ठभूमि
रामसखी के पिता गजराज सिंह कुशवाह ने बताया कि वह सिरोंज के महू गांव की रहने वाली थी। दस साल पहले उनकी बेटी की शादी बेतौली निवासी एक युवक से हुई थी, जिसकी कुछ समय बाद मृत्यु हो गई। इसके बाद रामसखी की दूसरी शादी बादल सिंह कुशवाह से कोर्ट मैरिज के जरिए हुई, जिससे उसे तीन बेटियां—तनु (7 वर्ष), मानवी (3 वर्ष), और मनु—हुईं। बादल से घरेलू हिंसा और पारिवारिक कलह के कारण रामसखी ने उसे छोड़ दिया और करीब सात महीने पहले अनुज विश्वकर्मा के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगी। तीसरी बेटी मनु नाना-नानी के पास रह रही थी, जिसके कारण वह इस त्रासदी से बच गई।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही सिटी कोतवाली पुलिस, एसडीओपी शिखा भलावी, और फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य एकत्र किए। दोपहर करीब 1:30 बजे उप पुलिस महानिरीक्षक (DIG) ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और स्थानीय अधिकारियों को जांच में तेजी लाने के निर्देश दिए। पुलिस ने कुछ ही घंटों में आरोपी अनुज विश्वकर्मा को गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है, और उसके खिलाफ हत्या व अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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मृतक रामसखी और उसकी बेटी मानवी के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है, जिसके बाद शव परिजनों को सौंपे जाएंगे। पुलिस इस मामले में हत्या के सटीक कारणों और परिस्थितियों की गहन जांच कर रही है। एएसपी प्रशांत चौबे ने बताया कि दीवार पर लिखा कबूलनामा और अन्य साक्ष्य जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
सामाजिक प्रभाव और चर्चाएं
इस डबल मर्डर ने गंजबासौदा में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। मकान मालिक शशि कुशवाह ने बताया कि सोमवार रात करीब 2:30 बजे रामसखी के कमरे से झगड़े की आवाज आई थी, लेकिन रात होने के कारण उन्होंने इसे सामान्य विवाद समझकर ध्यान नहीं दिया। सुबह कमरे का दरवाजा खुला देखकर ही यह भयावह घटना सामने आई।
सोशल मीडिया, विशेष रूप से व्हाट्सएप, के माध्यम से यह खबर तेजी से फैली, जिससे लोग इस जघन्य अपराध को लेकर स्तब्ध और चिंतित हैं। शहर में दिनभर इस घटना की चर्चा होती रही, और लोग इसके पीछे के कारणों के बारे में कयास लगाते रहे।
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यह दिल दहला देने वाली घटना न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि समाज में अवैध संबंधों, शराब की लत, और आपसी विवादों से उत्पन्न होने वाली हिंसा पर भी सवाल उठाती है। अनुज की शराबखोरी और हिंसक व्यवहार पहले से ही मोहल्ले में चर्चा का विषय था, जिसे समय रहते रोका जा सकता था। गंजबासौदा में हुई इस वारदात ने समाज को एक बार फिर मानवीय रिश्तों और उनकी जटिलताओं पर विचार करने के लिए मजबूर किया है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और जांच से उम्मीद है कि इस मामले का जल्द खुलासा होगा और पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा।