जीवन होगा मंगलमय जेष्ठ माह के बड़े मंगलवार से
अतुल्य भारत चेतनावीरेंद्र यादव जेष्ठ माह के मंगलवार को बुढ़वा मंगल बड़े मंगल वार कहा जाता है इसी…
Read Moreअतुल्य भारत चेतनावीरेंद्र यादव जेष्ठ माह के मंगलवार को बुढ़वा मंगल बड़े मंगल वार कहा जाता है इसी…
Read Moreकामनाओं,आकांक्षाओं से मुक्त नदिया, पहाड़ और झरनेसदैव एक से होते हैंना बाढ़ से परेशानना सुखे से हलाकान,पहाड़ चट्टान…
Read Moreघर से भागे लोगतथागत होने का करते हैं दावा।सावधान युग ! पहचानना बहुत मुश्किल हैइन छलियों का ढंग…
Read Moreदर्पण के जैसा होना कितना मुश्किल है।दुनिया में अच्छा होना कितना मुश्किल है। इसका अनुभव कोल्हू के गन्ने…
Read Moreअतुल्य भारत चेतनावीरेंद्र यादव सूर्य की ज्येष्ठता के कारण इसे जेठ माह भी कहते हैं। ज्येष्ठ महीने में…
Read More!! सबके राम !! जग के पालनहारे रामसंत जनों के प्यारे रामनिश्छल मन से जो भी सुमिरैसबके मन…
Read Moreज़िन्दगी के दिन ढले अब शाम आईअंशुपति ठंडे पड़े परसब दिशाएँ जल रही हैंसब उलट है , सब…
Read Moreदेश गांधी का खुले बाजार जैसा हो गया है।कर्म का हर क्षेत्र कारोबार जैसा हो गया है। बिक…
Read Moreहीरे मोती लेकर कोईयदि फ़िर से बचपन ला दे।जीवन भर की पूंजी दे दूंयदि वह गुज़रे क्षण ला…
Read Moreआओ एक-एक दीप जलाएंघनघोर तमस में,कई सहस्त्र दीपक जले उठेदूर हुआ अंधियारा,जग से,निराश मन से,आओ एक-एक दीप जलाएं।…
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