अतुल्य भारत चेतना
रईस
रुपईडीहा/बहराइच। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित नेपालगंज रोड रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘रुपईडीहा रेलवे स्टेशन’ करने की मांग जोर पकड़ रही है। इस संबंध में नगर पंचायत अध्यक्ष डॉ. उमा शंकर वैश्य ने भारत सरकार के माननीय रेल मंत्री को एक पत्र भेजकर स्थानीय लोगों और यात्रियों की सुविधा के लिए यह बदलाव करने का अनुरोध किया है।
ऐतिहासिक नाम और स्थानीय पहचान
नगर पंचायत अध्यक्ष ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि नेपालगंज रोड रेलवे स्टेशन का नाम अंग्रेजों के शासनकाल में रखा गया था। हालांकि, दशकों से स्थानीय स्तर पर यह स्थान ‘रुपईडीहा’ के नाम से जाना जाता है। भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में केंद्र और राज्य सरकार की सभी संस्थाओं, कार्यालयों, और दस्तावेजों में भी इसका नाम ‘रुपईडीहा’ के रूप में दर्ज है। नेपाल से लेकर भारत के प्रमुख महानगरों तक यह स्थान ‘रुपईडीहा’ के नाम से ही पहचाना जाता है।
यात्रियों को हो रही असुविधा
डॉ. उमा शंकर वैश्य ने बताया कि जब यात्री अन्य राज्यों से ‘रुपईडीहा’ नाम से टिकट बुक करने का प्रयास करते हैं, तो स्टेशन का नाम उपलब्ध न होने के कारण उन्हें असुविधा का सामना करना पड़ता है। इस वजह से यात्रियों को वैकल्पिक साधनों से यात्रा करनी पड़ती है, जिससे समय और धन दोनों की हानि होती है। उन्होंने कहा कि स्टेशन का नाम ‘रुपईडीहा रेलवे स्टेशन’ करने से यात्रियों को सुविधा होगी और क्षेत्र की पहचान को और सुदृढ़ किया जा सकेगा।
रेल मंत्री से अनुरोध, अन्य अधिकारियों को भी पत्र
नगर पंचायत अध्यक्ष ने रेल मंत्री से अनुरोध किया है कि अंग्रेजों के जमाने के ‘नेपालगंज रोड’ नाम को बदलकर ‘रुपईडीहा रेलवे स्टेशन’ किया जाए। इस पत्र की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री, सांसद, और मंडल रेल प्रबंधक को भी आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजी गई है, ताकि इस मांग पर शीघ्र विचार किया जा सके।
स्थानीय लोगों में उत्साह
इस मांग ने स्थानीय लोगों में उत्साह पैदा किया है, जो मानते हैं कि स्टेशन का नाम बदलने से न केवल उनकी क्षेत्रीय पहचान को बल मिलेगा, बल्कि यात्रा संबंधी असुविधाएं भी कम होंगी। यह कदम भारत-नेपाल सीमा पर व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने में भी सहायक हो सकता है।