अतुल्य भारत चेतना
प्रमोद कश्यप
रतनपुर/छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ सरयू पारिन ब्राह्मण सभा द्वारा पवित्र सावन मास के अवसर पर रतनपुर के ऐतिहासिक दुलहरा जलाशय स्थित प्राचीन शिवालय में दुग्धाभिषेक का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन रुद्राष्टाध्यायी विधि के साथ मंत्रोच्चार के द्वारा संपन्न हुआ, जिसमें पंडित हर्ष शर्मा सपत्नीक यजमान के रूप में उपस्थित रहे।
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मंत्रोच्चार के साथ दुग्धाभिषेक और महाआरती
आयोजन का मार्गदर्शन आचार्य पंडित अश्वनी दुबे ने किया। रुद्राष्टाध्यायी विधि के अनुसार मंत्रोच्चार के साथ दुग्धाभिषेक संपन्न हुआ, जिसके बाद महाआरती और प्रसाद वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आयोजन भक्ति और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ, जिसने श्रद्धालुओं में आध्यात्मिक उत्साह का संचार किया।

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सावन मास में परंपरागत आयोजन
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ सरयू पारिन ब्राह्मण सभा द्वारा हर वर्ष सावन के पवित्र महीने में नगर के विभिन्न शिवालयों में दुग्धाभिषेक का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष यह आयोजन दुलहरा जलाशय स्थित प्राचीन शिवालय में संपन्न हुआ। यह परंपरा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक मूल्यों को भी मजबूत करती है।
ब्राह्मण सभा के सदस्यों की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में ब्राह्मण सभा के अनेक गणमान्य सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इनमें बलराम पांडे, अश्वनी दुबे, राजेंद्र मिश्रा, रविंद्र दुबे, ओमप्रकाश दुबे, संतोष शर्मा, शेष देव मिश्रा, राजेंद्र दुबे, डॉ. सुरेश चंद्र शर्मा, रमन शर्मा, विनय शर्मा, शिवानंद पांडे, मनोज दुबे, प्रमोद मिश्रा, मदन पांडे, लक्ष्मी पांडे, वंदनी मिश्रा, प्रीति शर्मा, रानी पांडे, अन्नपूर्णा शर्मा, शुभ्रा तिवारी, वंदना दुबे, शांति तिवारी, आरती दुबे, शोभा दुबे, सीमा शर्मा, अनुभव पांडे, प्राची दुबे, शांति पांडे, मंजू मिश्रा सहित अन्य सदस्य शामिल रहे।

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धार्मिक और सामाजिक महत्व
यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में एकता और भक्ति के भाव को बढ़ाने में भी सहायक है। दुलहरा जलाशय के प्राचीन शिवालय में आयोजित इस दुग्धाभिषेक ने स्थानीय लोगों में श्रद्धा और उत्साह का संचार किया। ब्राह्मण सभा की इस पहल ने रतनपुर की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को और सुदृढ़ किया है।