
अतुल्य भारत चेतना
वीरेंद्र यादव
सूर्य की ज्येष्ठता के कारण इसे जेठ माह भी कहते हैं। ज्येष्ठ महीने में भीषण गर्मी पड़ती है, इस महीने सूर्य देव, वरुण देव शनि देव,श्रीराम और हनुमान जी की पूजा अचूक मानी गई है।
ज्येष्ठ माह में पशु-पक्षियों, पेड़ पौधों की सेवा, जरुरतमंदों की मदद करने वालों पर कभी दुख, संकट नहीं आता सारी बाधाएं नष्ट हो जाती है. ज्येष्ठ में शनि जयंती, बड़ा मंगल,वट सावित्री व्रत आदि प्रमुख त्योहार आते हैं. जानें साल 2024 में ज्येष्ठ माह कब शुरू हो रहा है, महत्व और इस दौरान किन बातों का ध्यान रखें।
ज्येष्ठ माह 2024 तिथि
इस साल 2024 में ज्येष्ठ माह 24 मई 2024 से शुरू हो रहा है, इसका समापन 23 जून 2024 को होगा। इस महीने में जल का दान करने से व्यक्ति के सासे पाप धुल जाते हैं और उसकी समस्त मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती है।
ज्येष्ठ माह क्यों है खास
ज्येष्ठ महीने के स्वामी मंगल ग्रह है, जिसे ज्योतिष में साहस का प्रतीक माना गया है. यह महीना भगवान विष्णु और बजरंगबली का प्रिय मास है।
ज्येष्ठ माह में ही शनि देव का जन्म हुआ था, इस महीने के मंगलवार को श्रीराम जी पहली बार हनुमान जी से मिले थे।
पति की लंबी आयु के लिए ज्येष्ठ माह में वट सावित्री व्रत करना पुण्यदायक माना गया है।
सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए ज्येष्ठ माह में रविवार के व्रत करने से मान-सम्मान में वृद्धि, करियर में लाभ मिलता है. कुंडली में सूर्य मजबूत होता है।
देवी गंगा का पृथ्वी पर आगमन भी ज्येष्ठ माह में हुआ था,जिसे गंगा दशहरा कहते हैं. इस दिन गंगा स्नान से पितरों की आत्म तृप्त हो जाती है. व्यक्ति के कष्ट, रोग, दोष दूर होते हैं।
ज्येष्ठ माह के दान
ज्येष्ठ माह में जल भरे घट, पंखे, जूते, चप्पल, खीरा, सत्तू, अन्न, छाता आदि का दान करें. इससे लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं।
ज्येष्ठ माह में क्या करना चाहिए
जेठ के पूरे महीने धरती आग उगलती है, सूर्य की तीव्र किरणें सीधा पृथ्वी पर पड़ती है, इस दौरान जल स्तर कम होने लगता है. ज्येष्ठ में पेड़ पौधों में निरंतर पानी डालते रहें. ये कार्य कभी न खत्म होने वाला पुण्य देता है।
सूर्य के प्रचंड तेज को देखते हुए जेष्ठ मास में दोपहर 12 बजे से लेकर 3:00 तक घर में ही रहने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे हीट स्ट्रोक होने की संभावना बढ़ जाती है।
ज्येष्ठ में नौतपा के दौरान भीषण लू चलने के बीमार हो सकते हैं, इसलिए पानी पीते रहें और जरुरतमंदों के लिए भी जल की व्यवस्ता करें, प्याऊ लगवाएं. शरबत बांटें।
ज्येष्ठ मास का महत्व
बता दें ज्येष्ठ माह को सभी माह में काफी खास माना जाता है। ज्येष्ठ के स्वामी मंगल है और मंगल ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में साहस का प्रतीक माना गया है। ज्येष्ठ मास भगवान विष्णु का प्रिय मास है। इस मास में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। भगवान विष्णु और उनके चरणों से निकलने वाली मां गंगा और पवनपुत्र हनुमान की पूजा का बहुत ज्यादा महत्व है। ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले मंगलवार को बड़ा मंगल या फिर बुढ़वा मंगल के नाम से जाना जाता है।
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