अतुल्य भारत चेतना
हाकम सिंह रघुवंशी
विदिशा। जिला कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य ने जिले में पदस्थ सभी शासकीय, अर्धशासकीय कार्यालय के विभाग प्रमुखों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वह बिना लिखित अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे। सक्षम अधिकारी की अनुमति अथवा उनके संज्ञान में लाए बिना कार्यालय नहीं छोड़ें अन्यथा उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। सभी जिला प्रमुख उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई एवं पूर्ण निष्ठा से पालन किया जाना सुनिश्चित करेंगे।

एक प्रसिद्ध समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के माध्यम से यह तथ्य प्रकाश आया है कि जिले में पदस्थ लोक सेवक बिना अनुमति प्राप्त कर अवकाश एवं मुख्यालय से बाहर चले जाते है, जिसके कारण
शासकीय कार्य तो अवरूद्व होता ही है साथ ही कार्यालयीन प्रक्रिया एवं अधीनस्थ कार्यरत स्टॉफ पर
नियंत्रण ना होने से कार्यालय में विपरीत प्रभाव पड़ता है। इन सभी बातो को दृष्टिगत रखते हुये अवकाश
के संबंध में निम्नानुसार निर्देश प्रसारित किये गए है।
जिला विदिशा में स्थापित समस्त शासकीय तथा अर्धशासकीय कार्यालयों के विभाग प्रमुख बिना लिखित अनुमति के जिला मुख्यालय नहीं छोड़ेगें। सक्षम अधिकारी की अनुमति अथवा उनके संज्ञान में लाये बिना कार्यालय नहीं छोड़ेगें। विषम परिस्थितियों में आकस्मिक अवकाश का आवेदन पत्र किसी के हस्ते न भेजकर अवकाश पर जाने से पूर्व सक्षम अधिकारी से अवकाश स्वीकृत पश्चात ही अवकाश लेना सुनिश्चित करें।
आकस्मिक अवकाशध्अर्जित अवकाश या अन्य अवकाश पर प्रस्थान करने के 01 दिवस पूर्व अपने
सहयोगी, जो आपके अवकाशकाल में आपके कार्य को संपादित करेगा, उसे अपने प्रभार से संबंधित कार्य
से अवगत कराने के उपरांत ही अवकाश पर प्रस्थान किया जाए। अवकाश आवेदन पत्र पर स्वयं का
मोबाईल नंबर एवं अवकाश काल का पता अनिवार्य रूप से अंकित किया जाए, जिससे किसी प्रकार की
आवश्यकता पड़ने पर मोबाईल से संपर्क किया जा सके। सभी अधिकारी/ कर्मचारी अपना मोबाईल नंबर अधीक्षक कलेक्ट्रेट को उपलब्ध कराएं।
अवकाश के संबंध में मध्यप्रदेश सिविल सेवाएं (अवकाश) नियम 1977 नियम 6 में स्पष्ट निर्देश हैं
कि अवकाश की मांग अधिकार रूप में नहीं की जा सकती तथा मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम
1965 के नियम 7 में भी स्पष्ट निर्देश हैं कि कोई भी शासकीय सेवक अवकाश (आकस्मिक अवकाश व
अन्य) पर उसके स्वीकृत हो जाने के पूर्व प्रगमन नहीं करेगा। इस प्रकार मध्यप्रदेश सिविल सेवाएं
(अवकाश) नियम 1977 के नियम 17 के अनुसार अस्वस्थता के अतिरिक्त अन्य आधार पर अर्जित अवकाश स्वीकृति हेतु आवेदन पत्र निर्धारित प्रारूप पर 03 सप्ताह पूर्व अनिवार्य रूप से प्रस्तुत किया जाए।
प्रायः यह देखने में आता है कि, लोक सेवकों द्वारा शासकीय अवकाश दिवसों में अपने मोबाईल
बंद कर लिये जाते हैं, जिससे आवश्यकता पड़ने पर संपर्क ना होने से शासकीय कार्यों में व्यवधान की
स्थिति निर्मित होती है। अतः शासकीय अवकाश दिवसों में अपना मोबाईल बंद ना किया जाए ताकि
संबंधित से संपर्क स्थापित कर कार्य पूर्ण किया जा सके।
अधिकांश शासकीय एवं वरिष्ठ कार्यालय से ई-मेल ध् फैक्स के माध्यम से जानकारी चाहने हेतु
कार्यालयीन समय समाप्ति के पूर्व ही पत्र प्राप्त होते हैं, जिसमें अपेक्षा की जाती है कि उक्त पत्र के संबंध
में वांछित जानकारी उसी दिन ही प्रेषित की जाए। आज का कार्य कल पर छोड़कर कार्यालय नहीं
छोड़ेंगे। अतएव कार्य की महत्ता को दृष्टिगत रखते हुए शासन के समस्त पत्रों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते
हुए वांछित जानकारी उसी दिनांक को भेजे जाने का यथा संभव प्रयास किया जाए। यदि किसी कारणवश
वांछित जानकारी उसी दिनांक को भेजा जाना संभव ना हो तो वस्तुस्थिति से अपने प्रभारी अधिकारी को
अवगत कराकर ही कार्यालय से प्रस्थान करेंगे। पुनः उक्त स्थिति निर्मित होने पर आवंटित शासकीय आवास निरस्त किया जाएगा।
कोई भी विभाग प्रमुख बिना अनुमति के अवकाश एवं मुख्यालय से बाहर प्रगमन नहीं करेगा, और शासकीय अवकाश में भी बिना स्वीकृति के मुख्यालय नही छोड़ा जायेगा, उक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए।
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