कोविड-19 महामारी, जिसने कुछ वर्ष पहले विश्वभर में तबाही मचाई थी, एक बार फिर एशिया के कई देशों में सिर उठा रही है। हांगकांग, सिंगापुर, चीन, और थाईलैंड जैसे देशों में हाल के हफ्तों में नए मामलों में तेजी देखी गई है, जिसने स्वास्थ्य अधिकारियों और जनता के बीच चिंता बढ़ा दी है। यह लेख इस उछाल के कारणों, प्रभावित क्षेत्रों, और इससे निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर प्रकाश डालता है।
प्रभावित देशों में स्थिति
हांगकांग
हांगकांग में कोविड-19 के मामलों में चिंताजनक वृद्धि देखी जा रही है। हांगकांग सेंटर फॉर हेल्थ प्रोटेक्शन के अनुसार, 3 मई 2025 को समाप्त हुए सप्ताह में 31 नए गंभीर मामले दर्ज किए गए, जो पिछले एक साल में सबसे अधिक हैं। श्वसन नमूनों में कोविड-19 पॉजिटिविटी दर एक साल के उच्चतम स्तर पर पहुँच गई है। अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या में 30% की वृद्धि हुई है, और वायरल लोड में भी इजाफा देखा गया है। इस स्थिति ने 70 लाख की आबादी वाले इस शहर को अलर्ट मोड में ला दिया है। हांगकांग के मशहूर गायक ईसन चैन को भी कोविड-19 के कारण ताइवान में अपने कॉन्सर्ट रद्द करने पड़े हैं।
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सिंगापुर
सिंगापुर में भी कोविड-19 के मामलों में तेजी देखी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 27 अप्रैल से 3 मई 2025 के बीच मामले 11,100 से बढ़कर 14,200 हो गए, जो 28% की वृद्धि दर्शाता है। इस दौरान अस्पताल में भर्ती मरीजों की औसत संख्या 102 से बढ़कर 133 हो गई। प्रमुख वेरिएंट्स LF.7 और NB.1.8, जो ओमिक्रॉन के JN.1 स्ट्रेन से संबंधित हैं, इन मामलों के दो-तिहाई से अधिक के लिए जिम्मेदार हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वर्तमान वेरिएंट्स पिछले वेरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक या गंभीर नहीं हैं, लेकिन कमजोर इम्युनिटी इस उछाल का कारण हो सकती है।
चीन
चीन में कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिविटी दर पिछले पाँच हफ्तों (31 मार्च से 4 मई 2025) में 7.5% से बढ़कर 16.2% हो गई है। क्लीनिक और आपातकालीन कक्षों में फ्लू जैसे लक्षणों वाले मरीजों में भी वृद्धि देखी गई है। चीनी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने अस्पताल में भर्ती होने की दर में 3.3% से 6.3% तक की बढ़ोतरी दर्ज की है। यह स्थिति पिछले साल की गर्मियों के चरम स्तर के करीब पहुँच रही है।
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थाईलैंड
थाईलैंड में अप्रैल 2025 में आयोजित सोंगक्रान उत्सव के बाद दो बड़े क्लस्टर प्रकोपों में कोविड-19 के मामले बढ़े हैं। 11 मई से 17 मई के बीच 33,030 मामले दर्ज किए गए, जिनमें बैंकॉक में 6,000 मामले शामिल हैं। ओमिक्रॉन का XEC वेरिएंट इस वृद्धि का प्रमुख कारण माना जा रहा है।
मामलों में वृद्धि के कारण
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इस उछाल के कई संभावित कारण हैं:
- कमजोर इम्युनिटी: समय के साथ टीकाकरण और पिछले संक्रमणों से प्राप्त प्रतिरक्षा कम हो रही है, खासकर उच्च जोखिम वाले समूहों जैसे बुजुर्गों में।
- नए वेरिएंट्स: JN.1 और इसके सब-वेरिएंट्स LF.7, NB.1.8, और XEC इस उछाल के लिए जिम्मेदार हैं। हालाँकि, ये वेरिएंट्स पिछले वेरिएंट्स की तुलना में अधिक गंभीर नहीं हैं।
- मौसमी और सामाजिक कारक: गर्मियों में सामाजिक मेलजोल और यात्रा में वृद्धि, जैसे थाईलैंड का सोंगक्रान उत्सव, ने वायरस के प्रसार को बढ़ावा दिया है।
- घनी आबादी: हांगकांग और सिंगापुर जैसे घनी आबादी वाले शहरों में वायरस तेजी से फैलता है।
स्वास्थ्य अधिकारियों की प्रतिक्रिया
- हांगकांग: स्वास्थ्य अधिकारी अलर्ट मोड में हैं और लोगों से बूस्टर डोज लेने की अपील कर रहे हैं। सीवेज के पानी में वायरल लोड की निगरानी बढ़ा दी गई है।
- सिंगापुर: स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से सावधानी बरतने और बूस्टर शॉट्स लेने की सलाह दी है। अस्पतालों में भर्ती मरीजों की निगरानी के लिए मजबूत व्यवस्था लागू की गई है।
- चीन और थाईलैंड: दोनों देशों में स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण अभियान को बढ़ावा दे रहे हैं और सामुदायिक प्रसार को नियंत्रित करने के लिए निगरानी बढ़ा रहे हैं।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO): WHO ने JN.1 को दिसंबर 2023 में ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया था और इसे करीब से मॉनिटर कर रहा है।
भारत में स्थिति
भारत में कोविड-19 की स्थिति अभी नियंत्रण में है। 19 मई 2025 तक देश में केवल 257 सक्रिय मामले हैं, जो भारत की विशाल आबादी के हिसाब से नगण्य हैं। पिछले हफ्ते 164 नए मामले सामने आए, जिनमें से अधिकांश केरल, महाराष्ट्र, और तमिलनाडु से हैं। भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। अधिकांश मामले हल्के हैं, और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ी है। अधिकारियों ने कहा कि भारत में अभी नई लहर का कोई संकेत नहीं है।
सावधानियाँ और सलाह
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने निम्नलिखित सावधानियाँ बरतने की सलाह दी है:
- बूस्टर डोज: कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों, विशेष रूप से बुजुर्गों और पहले से स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों को बूस्टर शॉट लेना चाहिए।
- मास्क और स्वच्छता: भीड़भाड़ वाले स्थानों में मास्क पहनें और नियमित रूप से हाथ धोएँ।
- लक्षणों की निगरानी: बुखार, खांसी, गले में खराश, या सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सा सलाह लें।
- यात्रा सावधानियाँ: प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा करते समय स्थानीय स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन करें।
एशिया में कोविड-19 की नई लहर ने एक बार फिर सतर्कता की आवश्यकता को रेखांकित किया है। हालाँकि वर्तमान वेरिएंट्स पहले की तुलना में कम गंभीर प्रतीत होते हैं, बढ़ते मामले और अस्पताल में भर्ती होने की दर चिंता का विषय हैं। भारत में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन वैश्विक स्तर पर बढ़ते मामलों को देखते हुए सावधानी बरतना जरूरी है। स्वास्थ्य अधिकारियों और जनता को मिलकर इस चुनौती का सामना करने की आवश्यकता है ताकि महामारी का प्रभाव न्यूनतम रहे।