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रईस
बहराइच। बहराइच जनपद के प्राचीन और पौराणिक धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण, जीर्णोद्धार, और बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। बहराइच के सांसद डॉ. आनंद कुमार गोंड के प्रयासों से पर्यटन विभाग ने सात प्रमुख मंदिरों के विकास के लिए लगभग पांच करोड़ रुपये (प्रति मंदिर 75 लाख रुपये) की धनराशि स्वीकृत की है। यह पहल क्षेत्र की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित करने के साथ-साथ धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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स्वीकृत मंदिर और विकास कार्य
सांसद डॉ. आनंद गोंड ने उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री को पत्र लिखकर जनपद के प्रमुख धार्मिक स्थलों के विकास का आग्रह किया था। इसके परिणामस्वरूप, निम्नलिखित मंदिरों के सौंदर्यीकरण, जीर्णोद्धार, और श्रद्धालुओं के लिए मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए धनराशि आवंटित की गई है:
भूल भूलिया बाबा मंदिर, सेमरी मलमला, मिहीपुरवा
बुढ़वा बाबा मंदिर, रामपुर धोबियाहार, शिवपुर
मंगलीनाथ मंदिर, राम नगर, सेमरा, नवाबगंज
कर्पूरे बाबा मंदिर, बांग्लाचक, रिसिया
मोहम्मदा समय माता मंदिर, सलारपुर, चित्तौरा
अन्य दो मंदिरों का चयन चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा।
प्रत्येक मंदिर के लिए 75 लाख रुपये की धनराशि से सौंदर्यीकरण, मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार, और श्रद्धालुओं के लिए बुनियादी सुविधाओं जैसे पेयजल, विश्राम स्थल, और स्वच्छता व्यवस्था का विकास किया जाएगा।
सांसद का बयान
सांसद डॉ. आनंद कुमार गोंड ने कहा कि डबल इंजन की सरकार बहराइच जैसे सीमावर्ती जनपद की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित करने के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि यह परियोजना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है, और आने वाले समय में जनपद के अन्य प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को चिह्नित कर उनके विकास के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्य किया जाएगा। डॉ. गोंड ने कहा, “यह पहल न केवल हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर पर्यटन और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ाएगी।”
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सामुदायिक प्रतिक्रिया
मंगलीनाथ मंदिर, नवाबगंज के जीर्णोद्धार के लिए स्वीकृत धनराशि के उपलक्ष्य में स्थानीय समाजसेवियों और नागरिकों ने सांसद डॉ. आनंद गोंड को बधाई और धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर अतुल सिंह (प्रधान), अरविंद कुमार वर्मा, विनोद गिरी, वैभव सिंह, जीतेंद्र शर्मा, अनूप मिश्रा, पिंटू गुप्ता, अजय सिंह, जीतेंद्र सोनी सहित कई अन्य लोगों ने सांसद के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इसे क्षेत्र के धार्मिक और सांस्कृतिक विकास के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया।
धार्मिक पर्यटन और आर्थिक विकास
यह परियोजना बहराइच जनपद को धार्मिक पर्यटन के नए केंद्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मंदिरों के सौंदर्यीकरण और बुनियादी सुविधाओं के विकास से न केवल श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय व्यापार और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार की इस पहल को पर्यटन विभाग द्वारा तैयार किए गए व्यापक रोडमैप का हिस्सा माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य राज्य के प्राचीन और पौराणिक स्थलों को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर लाना है।
भविष्य की योजनाएं
सांसद डॉ. गोंड ने बताया कि यह पहल केवल शुरुआत है। भविष्य में जनपद के अन्य धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को चिह्नित कर उनके विकास के लिए और धनराशि आवंटित की जाएगी। उन्होंने स्थानीय समुदाय से भी अपील की कि वे इन धार्मिक स्थलों के संरक्षण और प्रचार-प्रसार में सहयोग करें, ताकि बहराइच की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिले।
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सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
यह परियोजना बहराइच की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने के साथ-साथ स्थानीय समुदाय में एकता और गौरव की भावना को बढ़ावा देगी। मंदिरों का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण न केवल श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि यह क्षेत्र की ऐतिहासिक और पौराणिक धरोहर को संरक्षित करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।