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रईस
बहराइच/नानपारा। नानपारा में वर्षों से खाली पड़ी कब्रिस्तान की जमीन पर हाल ही में सीमेंट की बाउंड्री वॉल बनाए जाने से विवाद खड़ा हो गया है। मुस्लिम समुदाय ने इस जमीन को कब्रिस्तान और कर्बला का हिस्सा बताते हुए दावा किया, जबकि विद्या भगवानदीन बालिका इंटर कॉलेज की समिति ने इसे अपनी संपत्ति होने का दावा ठोका। विवाद की सूचना मिलने पर उप जिलाधिकारी (एसडीएम) नानपारा लालधर यादव और कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रामाज्ञा सिंह ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों की बात सुनी और दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए दो दिन का समय दिया है।
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विवाद का विवरण
नानपारा में लंबे समय से खाली पड़ी एक जमीन, जिसे मुस्लिम समुदाय कब्रिस्तान और कर्बला का हिस्सा बताता है, पर हाल ही में कुछ लोगों द्वारा सीमेंट की बाउंड्री वॉल बनाकर कब्जा करने का प्रयास किया गया। मुस्लिम समुदाय के लोगों को इस निर्माण की जानकारी दो दिन बाद मिली, जिसके बाद उन्होंने तत्काल थाना कोतवाली नानपारा और एसडीएम नानपारा को लिखित शिकायत दी। समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया कि विद्या भगवानदीन बालिका इंटर कॉलेज की समिति ने बिना किसी पूर्व सूचना या अनुमति के इस जमीन पर बाउंड्री वॉल बनवा दी। दूसरी ओर, विद्यालय समिति ने दावा किया कि यह जमीन उनकी संपत्ति का हिस्सा है और बाउंड्री वॉल का निर्माण वैध रूप से किया गया है। इस विवाद ने स्थानीय स्तर पर तनाव पैदा कर दिया, जिसके बाद प्रशासन ने त्वरित हस्तक्षेप किया।
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प्रशासन की कार्रवाई और समझौता
विवाद की सूचना मिलने पर एसडीएम लालधर यादव और प्रभारी निरीक्षक रामाज्ञा सिंह मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों—मोहर्रम कमेटी व कब्रिस्तान कमेटी और विद्या भगवानदीन बालिका इंटर कॉलेज समिति—की बात सुनी। दोनों पक्षों को अपने दावों के समर्थन में दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए दो दिन का समय दिया गया है। एसडीएम ने स्पष्ट किया कि 24 जुलाई 2025 को जमीन की पैमाइश कराई जाएगी, और जिस पक्ष के पास वैध दस्तावेज और मेरिट होगी, जमीन का स्वामित्व उसी को सौंपा जाएगा।
प्रशासन ने दोनों पक्षों के बीच एक समझौता भी कराया, जिसमें सहमति बनी कि:
यदि पैमाइश और दस्तावेजों के आधार पर जमीन कब्रिस्तान और कर्बला की साबित होती है, तो विद्यालय समिति द्वारा बाउंड्री वॉल का निर्माण कराया जाएगा।
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यदि जमीन विद्यालय की संपत्ति साबित होती है, तो मोहर्रम और कब्रिस्तान कमेटी बाउंड्री वॉल बनवाएगी।
दोनों पक्ष इस समझौते पर सहमत हुए, और प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए।
समुदाय की प्रतिक्रिया
मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बताया कि यह जमीन लंबे समय से कब्रिस्तान और कर्बला के रूप में उपयोग की जाती रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि विद्यालय समिति ने बिना किसी चर्चा या सूचना के बाउंड्री वॉल बनाकर कब्जा करने की कोशिश की। समुदाय ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और जमीन को कब्रिस्तान के रूप में बहाल किया जाए। वहीं, विद्यालय समिति ने अपने दावे का समर्थन करते हुए कहा कि उनके पास जमीन के स्वामित्व के वैध दस्तावेज हैं। समिति ने प्रशासन के निर्णय का स्वागत किया और कहा कि वे पैमाइश और जांच के परिणाम का इंतजार करेंगे।
शांति व्यवस्था और प्रशासन की भूमिका
एसडीएम लालधर यादव ने बताया कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और दोनों पक्षों के बीच सहमति बन चुकी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि पैमाइश और दस्तावेजों की जांच के बाद निष्पक्ष निर्णय लिया जाएगा। प्रभारी निरीक्षक रामाज्ञा सिंह ने कहा कि कोतवाली पुलिस क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात है, और किसी भी प्रकार की अशांति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सामाजिक और प्रशासनिक संदर्भ
यह विवाद नानपारा जैसे क्षेत्र में, जहां सामुदायिक और धार्मिक संवेदनशीलता महत्वपूर्ण है, एक गंभीर मुद्दा बन सकता था। हालांकि, प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और दोनों पक्षों के बीच समझौते ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया। उत्तर प्रदेश में पहले भी कब्रिस्तान और सार्वजनिक जमीनों पर कब्जे को लेकर विवाद सामने आए हैं, जैसे कि 2023 में बहराइच के ही एक गांव में कब्रिस्तान की जमीन पर अवैध निर्माण का मामला। प्रशासन की यह पहल न केवल इस विवाद का समाधान करेगी, बल्कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए दस्तावेजीकरण और पैमाइश की प्रक्रिया को और मजबूत करने की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है।
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प्रशासन ने स्पष्ट किया कि 24 जुलाई 2025 को होने वाली पैमाइश के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस दौरान दोनों पक्षों से अपील की गई है कि वे शांति बनाए रखें और प्रशासन के साथ सहयोग करें। स्थानीय लोगों ने प्रशासन की निष्पक्षता की सराहना की और उम्मीद जताई कि यह विवाद जल्द ही सुलझ जाएगा।
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नानपारा में यह घटना सामुदायिक संवेदनशीलता और प्रशासनिक जवाबदेही के महत्व को दर्शाती है। प्रशासन की त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई से न केवल इस विवाद का समाधान होने की उम्मीद है, बल्कि यह क्षेत्र में सामाजिक सौहार्द को बनाए रखने में भी सहायक होगा।