अतुल्य भारत चेतना
रईस
बहराइच। शहर के रोडवेज प्रांगण में रविवार, 20 जुलाई 2025 को ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता नासिर अली खान ने की, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में समिति के प्रांतीय अध्यक्ष ओम शंकर तिवारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में देश के 78 लाख पेंशनरों के हित में चार प्रमुख मांगों को लेकर चल रहे आंदोलन पर चर्चा हुई और आगामी 4-5 अगस्त 2025 को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रस्तावित विशाल प्रदर्शन में व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।
पेंशनरों की बदहाली और मांगें
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ओम शंकर तिवारी ने कहा कि देश में लगभग 78 लाख पेंशनर हैं, जिनमें से करीब 37 लाख पेंशनरों को 1,000 रुपये से कम मासिक पेंशन मिल रही है। इस महंगाई के दौर में इतनी कम पेंशन से पेंशनरों के सामने गंभीर आर्थिक संकट है। उन्होंने बताया कि पेंशनरों की समस्याओं से केंद्र सरकार, सांसदों, और उच्च अधिकारियों को बार-बार अवगत कराया गया है, लेकिन उनकी मांगें जस की तस बनी हुई हैं। समिति की प्रमुख मांगों में शामिल हैं:
न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये मासिक, जिसमें महंगाई भत्ता (डीए) शामिल हो।
पेंशनरों और उनके पति/पत्नी के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं।
हायर पेंशन का लाभ सभी पेंशनरों को बिना भेदभाव प्रदान करना।
वंचित पेंशनरों को 5,000 रुपये प्रतिमाह प्रदान करना।
तिवारी ने चेतावनी दी कि यदि 31 जुलाई 2025 तक इन मांगों का निस्तारण नहीं हुआ, तो लाखों पेंशनर 4 और 5 अगस्त को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर एकत्र होकर विशाल प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि पेंशनर तब तक वहां से नहीं हटेंगे, जब तक सरकार उनकी मांगों को मानने का ऐलान नहीं करती।
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पेंशनरों में जागरूकता और आंदोलन
कार्यक्रम में बीपी मिश्रा, रमेश चंद श्रीवास्तव, राज नारायण द्विवेदी (प्रांतीय महामंत्री), विजय कुमार श्रीवास्तव, सरदार सरजीत सिंह, आरसी चौधरी, और आर पंडित मशरकी ने भी संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि पेंशनरों में अपनी समस्याओं को लेकर जागरूकता बढ़ी है और वे अपने हक-अधिकार के लिए संघर्ष करने को तैयार हैं। उन्होंने नारा दिया, “जो पेंशन का काम करेगा, वही देश पर राज करेगा।” यह आंदोलन न केवल पेंशनरों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए है, बल्कि उनकी गरिमा और सम्मान को भी सुनिश्चित करता है।
दिल्ली प्रदर्शन की तैयारी
आगामी 4-5 अगस्त को जंतर-मंतर पर होने वाले प्रदर्शन में देवीपाटन मंडल से अधिक से अधिक पेंशनरों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। नासिर अली खान ने कहा कि यह प्रदर्शन पेंशनरों की एकजुटता का प्रतीक होगा और केंद्र सरकार पर दबाव बनाएगा। उन्होंने सभी पेंशनरों से अपील की कि वे इस आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल हों।
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उपस्थित गणमान्य और संचालन
कार्यक्रम में तौकीर अहमद खान, डॉ. अजीमुल्ला खान, मोहम्मद अकरम एडवोकेट, रशीद अहमद सिद्दीकी, सैयद मोहम्मद फहीम, रामसनेही (मंडल अध्यक्ष), मौलाना चाद, रियाजुद्दीन खान, और हामिद अली खान सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन एसपी सिंह ने किया। अंत में, नासिर अली खान ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और दिल्ली प्रदर्शन में व्यापक भागीदारी का आश्वासन देते हुए सभा का समापन किया।
सामाजिक और राजनीतिक महत्व
ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति पिछले आठ वर्षों से न्यूनतम पेंशन बढ़ाने और चिकित्सा सुविधाओं की मांग को लेकर आंदोलन कर रही है। इस दौरान समिति ने दिल्ली, लखनऊ, और अन्य शहरों में सभाएं, धरने, और प्रदर्शन किए हैं। समिति का दावा है कि देश के 78 लाख पेंशनर औसतन 1,170 रुपये मासिक पेंशन पर जीवन यापन करने को मजबूर हैं, जो उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है। यह आंदोलन न केवल आर्थिक सुधार, बल्कि सामाजिक न्याय और पेंशनरों के सम्मान की लड़ाई को दर्शाता है।
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पेंशनरों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे देशव्यापी आंदोलन को और तेज करेंगे। बहराइच में आयोजित यह कार्यक्रम इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो पेंशनरों की एकजुटता और उनके हक की लड़ाई को मजबूती प्रदान करता है।