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Shiv Mandir Lucknow; लखनऊ स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर और उनकी महिमा

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लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी, अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ धार्मिक स्थलों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ कई प्राचीन और चमत्कारी शिव मंदिर हैं, जिनकी महिमा और पौराणिक महत्व भक्तों के बीच विशेष स्थान रखते हैं। नीचे लखनऊ के कुछ प्रमुख शिव मंदिरों, उनकी महिमा और उनके स्थान के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है:


1. मनकामेश्वर महादेव मंदिर

  • स्थान: गोमती नदी के तट पर, डालीगंज, लखनऊ
  • महिमा:
    • यह मंदिर लगभग 1000 वर्ष पुराना माना जाता है और लखनऊ के सबसे प्रमुख शिव मंदिरों में से एक है।
    • पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान लक्ष्मण ने इस स्थान पर भगवान शिव की आराधना की थी। यहाँ मनोकामनाएँ पूरी होने की मान्यता है, जिसके कारण इसका नाम “मनकामेश्वर” पड़ा।
    • मंदिर के शिखर पर 33 स्वर्ण कलश स्थापित हैं, जो इसकी भव्यता को बढ़ाते हैं।
    • सावन के महीने और महाशिवरात्रि के अवसर पर यहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। यहाँ जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है।
    • ऐसा विश्वास है कि यहाँ सच्चे मन से प्रार्थना करने पर भक्तों की सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं।
  • विशेषताएँ:
    • मंदिर का वास्तुशिल्प आकर्षक है और गोमती नदी के किनारे होने के कारण यहाँ का वातावरण शांत और आध्यात्मिक है।
    • मंदिर सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दोपहर 3 बजे से रात 10:30 बजे तक खुला रहता है। सोमवार को छोड़कर अन्य दिनों में दोपहर 12 से 3 बजे तक मंदिर बंद रहता है।
  • कैसे पहुँचें: डालीगंज पुल के पास गोमती नदी के किनारे यह मंदिर आसानी से पहुँचा जा सकता है। ऑटो, टैक्सी या निजी वाहन से यहाँ पहुँचना सुविधाजनक है।

2. बुद्धेश्वर महादेव मंदिर

  • स्थान: मोहन रोड, अलीगंज, लखनऊ
  • महिमा:
    • इस मंदिर की एक अनूठी विशेषता है कि यहाँ भगवान शिव की विशेष पूजा बुधवार को की जाती है, जबकि अन्य शिव मंदिरों में सोमवार को पूजा का विशेष महत्व होता है।
    • पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान राम ने माता सीता का त्याग किया था, तब लक्ष्मण उन्हें वन में छोड़ने जा रहे थे। इस स्थान पर लक्ष्मण ने भगवान शिव की आराधना की और बुधवार के दिन भोलेनाथ ने उन्हें दर्शन दिए। इसलिए इस मंदिर का नाम “बुद्धेश्वर” पड़ा।
    • मान्यता है कि यहाँ भगवान शिव ने भस्मासुर से बचने के लिए बुद्धि प्राप्त की थी, जिसके कारण यह मंदिर बुद्धि और ज्ञान का प्रतीक भी माना जाता है।
    • सावन के बुधवार को यहाँ ऐतिहासिक मेला लगता है, और भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
    • मंदिर के पास “सीता कुंड” भी है, जहाँ माता सीता ने विश्राम किया था। भक्त इस कुंड का भी पूजन करते हैं।
  • विशेषताएँ:
    • मंदिर में भगवान शिव का हर दिन अलग-अलग श्रृंगार किया जाता है, जो भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
    • मंदिर सुबह 4 बजे से रात 12 बजे तक खुला रहता है, जिससे भक्तों को दर्शन के लिए पर्याप्त समय मिलता है।
  • कैसे पहुँचें: मोहन रोड पर स्थित यह मंदिर लखनऊ के अलीगंज क्षेत्र में है। यह शहर के अन्य हिस्सों से ऑटो, बस या निजी वाहन द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।

3. कोनेश्वर महादेव मंदिर

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  • स्थान: चौक, नादान महल रोड, लखनऊ
  • महिमा:
    • इस मंदिर का इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि भगवान लक्ष्मण ने इस स्थान पर भगवान शिव का अभिषेक और पूजन किया था।
    • मंदिर का नाम “कोनेश्वर” इसलिए पड़ा क्योंकि शिवलिंग मंदिर के कोने में स्थापित है। कथानक के अनुसार, जब मंदिर का निर्माण हो रहा था, भक्तों ने शिवलिंग को मध्य में स्थापित करने की कोशिश की, लेकिन वह बार-बार अपने मूल स्थान (कोने) पर वापस आ जाता था।
    • यह मंदिर शिव भक्तों के लिए विशेष पूजा स्थल है, और यहाँ सच्चे मन से प्रार्थना करने पर मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।
    • सावन के महीने में यहाँ रुद्राभिषेक और अन्य पूजाएँ विशेष रूप से आयोजित की जाती हैं।
  • विशेषताएँ:
    • मंदिर का वातावरण शांत और भक्ति-भाव से भरा है।
    • मंदिर सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है।
  • कैसे पहुँचें: चौक क्षेत्र में नादान महल रोड पर स्थित यह मंदिर पुराने लखनऊ के केंद्र में है। यहाँ मेट्रो, ऑटो या रिक्शा से आसानी से पहुँचा जा सकता है।

4. गोमेश्वर महादेव मंदिर

  • स्थान: गोमती नदी के बीच, डालीगंज, लखनऊ
  • महिमा:
    • यह मंदिर अपनी अनूठी स्थिति के लिए प्रसिद्ध है, क्योंकि यह गोमती नदी के बीच में स्थित है। भक्तों को भगवान शिव के दर्शन के लिए नाव से मंदिर तक जाना पड़ता है।
    • माना जाता है कि यह मंदिर पूरे वर्ष गोमती नदी के बीच में विराजमान रहता है, और भगवान शिव यहाँ भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी करते हैं।
    • इस मंदिर की स्थापना राजा हिरण्यधनु ने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के बाद करवाई थी।
    • सावन और महाशिवरात्रि के दौरान यहाँ भक्तों की विशेष भीड़ होती है, और नाव से मंदिर तक की यात्रा एक आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है।
  • विशेषताएँ:
    • मंदिर का प्राकृतिक सौंदर्य और नदी के बीच की स्थिति इसे विशेष बनाती है।
    • यह मंदिर भक्तों के लिए सुबह से शाम तक खुला रहता है, लेकिन नाव की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
  • कैसे पहुँचें: डालीगंज के पास गोमती नदी के किनारे से नाव लेकर इस मंदिर तक पहुँचा जा सकता है। स्थानीय नाविक भक्तों को मंदिर तक ले जाते हैं।

5. सिद्धनाथ महादेव मंदिर

  • स्थान: नादान महल रोड, चौक, लखनऊ
  • महिमा:
    • यह मंदिर लगभग 300 वर्ष पुराना है और यहाँ भगवान शिव स्वयंभू शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं।
    • पौराणिक मान्यता के अनुसार, लक्ष्मण जी ने शेषनाग के अवतार में इस स्थान पर भगवान शिव की पूजा की थी। इस कारण यह मंदिर सिद्धपीठ के रूप में जाना जाता है।
    • मंदिर के चमत्कारों की कहानियाँ भक्तों के बीच प्रसिद्ध हैं। ऐसा माना जाता है कि यहाँ दर्शन करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और भक्तों को आध्यात्मिक शांति मिलती है।
    • खोदाई के दौरान इस शिवलिंग का प्रकट होना इसे और भी विशेष बनाता है। इसे निकालने की कोशिश की गई, लेकिन यह अपने स्थान से नहीं हिला, जिसके बाद इसे यहीं स्थापित किया गया।
  • विशेषताएँ:
    • मंदिर का आध्यात्मिक महत्व और शांत वातावरण भक्तों को आकर्षित करता है।
    • मंदिर सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है।
  • कैसे पहुँचें: नादान महल रोड पर स्थित यह मंदिर चौक क्षेत्र में है। यहाँ ऑटो, रिक्शा या निजी वाहन से आसानी से पहुँचा जा सकता है।

6. चिरंजीव महादेव मंदिर

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  • स्थान: माल क्षेत्र, नरायनपुर ग्राम, लखनऊ
  • महिमा:
    • इस मंदिर की महिमा महाभारत काल से जुड़ी है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में विराजमान शिवलिंग की स्थापना स्वयं पांडवों ने की थी, और इसका उल्लेख महाभारत में भी मिलता है।
    • यह मंदिर प्राचीन और चमत्कारी माना जाता है। स्थानीय भक्तों का कहना है कि यहाँ दर्शन करने से उनकी कई समस्याओं का समाधान हुआ है।
    • महाशिवरात्रि के अवसर पर यहाँ विशाल मेले का आयोजन होता है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन और पूजन के लिए आते हैं।
    • यह मंदिर अपनी आध्यात्मिक और धार्मिक महत्ता को आज भी बनाए हुए है।
  • विशेषताएँ:
    • मंदिर का ग्रामीण परिवेश और प्राचीन इतिहास इसे विशेष बनाता है।
    • यह मंदिर दिनभर भक्तों के लिए खुला रहता है, विशेष रूप से सुबह और शाम को पूजा का समय होता है।
  • कैसे पहुँचें: माल क्षेत्र में नरायनपुर ग्राम में स्थित यह मंदिर लखनऊ शहर से कुछ दूरी पर है। निजी वाहन या टैक्सी से यहाँ पहुँचना सबसे सुविधाजनक है।

7. आलमबाग शिव मंदिर

  • स्थान: आलमबाग, लखनऊ
  • महिमा:
    • यह मंदिर स्थानीय लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है, हालांकि यह अन्य मंदिरों की तुलना में छोटा है।
    • यहाँ भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को मानसिक शांति और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
    • सावन के महीने में यहाँ विशेष पूजा और रुद्राभिषेक का आयोजन होता है, जिसमें आसपास के भक्त बड़ी संख्या में शामिल होते हैं।
  • विशेषताएँ:
    • मंदिर का सरल और शांत वातावरण इसे स्थानीय भक्तों के लिए आकर्षक बनाता है।
    • मंदिर सुबह और शाम के समय खुला रहता है।
  • कैसे पहुँचें: आलमबाग क्षेत्र में स्थित यह मंदिर शहर के दक्षिणी हिस्से में है। यहाँ मेट्रो, ऑटो या बस से आसानी से पहुँचा जा सकता है।

सामान्य जानकारी और सुझाव:

  • सावन और महाशिवरात्रि: इन अवसरों पर सभी शिव मंदिरों में विशेष पूजा, जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का आयोजन होता है। भक्तों की भीड़ को देखते हुए समय प्रबंधन करें।
  • पूजा सामग्री: बेलपत्र, दूध, दही, शहद, और गंगाजल जैसी सामग्री शिव पूजा के लिए आवश्यक हैं। ये सामग्री मंदिर के आसपास की दुकानों पर आसानी से मिल जाती हैं।
  • सार्वजनिक परिवहन: लखनऊ में मेट्रो, ऑटो, और बसें सभी मंदिरों तक पहुँचने के लिए उपलब्ध हैं। पुराने लखनऊ में कुछ मंदिरों तक रिक्शा भी सुविधाजनक है।
  • आध्यात्मिक अनुभव: गोमती नदी के किनारे बने मंदिर, जैसे मनकामेश्वर और गोमेश्वर, न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य के साथ शांति भी प्रदान करते हैं।

लखनऊ के ये शिव मंदिर न केवल धार्मिक स्थल हैं, बल्कि शहर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का भी हिस्सा हैं। इन मंदिरों में दर्शन करने से न केवल आध्यात्मिक शांति मिलती है, बल्कि भक्तों की मनोकामनाएँ भी पूरी होती हैं। यदि आप लखनऊ में हैं या यहाँ यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो इन मंदिरों के दर्शन अवश्य करें।

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