अतुल्य भारत चेतना
मेहरबान अली कैरानवी
कैराना। हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में 16,525 क्यूसेक पानी प्रवाहित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप कैराना क्षेत्र में यमुना नदी के जलस्तर में वृद्धि की संभावना है। गुरुवार को बैराज से छोड़े गए पानी के कारण यमुना के जलस्तर में 57 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है।
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जल प्रवाह और जलस्तर में वृद्धि
हथिनीकुंड बैराज पर पानी के दबाव को नियंत्रित करने के लिए यमुना नदी में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। गुरुवार सुबह 8 बजे बैराज से 6,682 क्यूसेक पानी यमुना में डिस्चार्ज किया गया था। उस समय कैराना में यमुना का जलस्तर 228.07 मीटर था। इस पानी के 24 घंटे बाद कैराना पहुंचने पर यमुना के जलस्तर में 57 सेंटीमीटर की वृद्धि देखी गई। शुक्रवार सुबह 8 बजे कैराना में यमुना का जलस्तर 228.64 मीटर दर्ज किया गया। इसी समय हथिनीकुंड बैराज से दिनभर का अधिकतम 16,525 क्यूसेक पानी यमुना नदी में प्रवाहित किया गया। इस पानी के प्रभाव से कैराना क्षेत्र में यमुना के जलस्तर में और वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है।
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ड्रेनेज विभाग का बयान
ड्रेनेज विभाग के अवर अभियंता आशु कुमार ने बताया कि हथिनीकुंड बैराज से शुक्रवार को अधिकतम 16,525 क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़ा गया है। इस पानी के कारण यमुना के जलस्तर में आंशिक वृद्धि होने की संभावना है। उन्होंने आश्वासन दिया कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और संबंधित विभाग सतर्कता बरत रहे हैं।
संभावित प्रभाव और सतर्कता
हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी सामान्यतः 48 से 72 घंटे में कैराना और दिल्ली जैसे क्षेत्रों में पहुंचता है। यमुना के जलस्तर में वृद्धि से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है, खासकर यदि जलस्तर 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार करता है। हालांकि, वर्तमान में जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है, और विभाग स्थिति पर निरंतर निगरानी रखे हुए है। स्थानीय प्रशासन और ड्रेनेज विभाग ने नदी के किनारे बसे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। साथ ही, बाढ़ से निपटने के लिए आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं।
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अपील
प्रशासन ने स्थानीय निवासियों से अनुरोध किया है कि वे यमुना नदी के किनारे अनावश्यक रूप से न जाएं और सरकारी निर्देशों का पालन करें। किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन द्वारा त्वरित सहायता प्रदान की जाएगी।