अतुल्य भारत चेतना
हर्षा बनोदे
कैराना/शामली। श्रावण मास के प्रारंभ के साथ ही कैराना में कांवड़ यात्रा की तैयारियाँ जोरों पर हैं। सोमवार, 14 जुलाई 2025 की रात्रि में जिलाधिकारी (डीएम) अरविंद चौहान और पुलिस अधीक्षक (एसपी) रामसेवक गौतम ने कांवड़ मार्ग का पैदल भ्रमण कर व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने शिवभक्तों के लिए की गई सुविधाओं की जाँच की और मातहतों को सतर्कता के साथ कर्तव्यों का निर्वहन करने के निर्देश दिए। वहीं, एसडीएम कैराना के सीयूजी नंबर पर कॉल न उठाए जाने को लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी देखी गई, जिसने प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल उठाए।
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डीएम-एसपी का रात्रि निरीक्षण
श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही कैराना क्षेत्र से गुजरने वाले कांवड़ियों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। हरियाणा, राजस्थान, और अन्य क्षेत्रों से आने वाले पैदल कांवड़ियों के लिए प्रशासन ने व्यापक तैयारियाँ की हैं। सोमवार रात्रि करीब 10 बजे डीएम अरविंद चौहान और एसपी रामसेवक गौतम ने यूपी-हरियाणा सीमा पर स्थित यमुना ब्रिज से लेकर तहसील क्षेत्र के विभिन्न कांवड़ मार्गों का पैदल निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्रकाश व्यवस्था, चिकित्सा शिविर, भोजन, पेयजल, शौचालय, स्नान सुविधा, और सुरक्षा व्यवस्थाओं का गहन जायजा लिया।
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डीएम ने यमुना घाट पर कांवड़ियों के स्नान के लिए बनाई गई बैरिकेडिंग और चेंजिंग रूम की व्यवस्थाओं की जाँच की, विशेष रूप से महिला श्रद्धालुओं के लिए की गई सुविधाओं पर ध्यान दिया। उन्होंने चिकित्सा शिविरों में उपलब्ध दवाइयों की गुणवत्ता और मात्रा की भी समीक्षा की। इसके अलावा, कांवड़ मार्ग पर निगरानी के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरों और यमुना ब्रिज पुलिस चौकी में मॉनिटरिंग के लिए स्थापित एलसीडी की स्थिति का भी जायजा लिया। डीएम ने मातहतों को सख्त निर्देश दिए कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और कांवड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराना प्रशासन की प्राथमिकता है।इस निरीक्षण में एसडीएम कैराना निधि भारद्वाज, सीओ श्यामसिंह, बीडीओ रोहतास कुमार, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह, और नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी समीर कुमार कश्यप सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
एसडीएम के सीयूजी नंबर पर कॉल न उठने से नाराजगी
कांवड़ यात्रा के दौरान प्रशासन की तैयारियाँ भले ही व्यापक हों, लेकिन एसडीएम कैराना के सीयूजी नंबर पर कॉल न उठाए जाने को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है। जनता का कहना है कि विषम परिस्थितियों, हादसों, या व्यवस्था सुधार से संबंधित सूचनाओं के लिए सीयूजी नंबर ही एकमात्र त्वरित संपर्क साधन है। आरोप है कि एसडीएम निधि भारद्वाज का सीयूजी नंबर अधिकतर समय कॉल रिसीव नहीं करता, जिससे कांवड़ यात्रा जैसे संवेदनशील आयोजन के दौरान जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “ऐसे समय में जब तहसील स्तर के वरिष्ठ अधिकारी से त्वरित संपर्क की आवश्यकता होती है, कॉल न उठाना जनता के साथ अन्याय है।”
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प्रशासन की प्रतिबद्धता
डीएम अरविंद चौहान ने कहा कि इस वर्ष कांवड़ यात्रा में बड़ी संख्या में शिवभक्तों के आने की उम्मीद है, और प्रशासन इसे शांतिपूर्ण और सुगम बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने सभी विभागों को सतर्क रहने और आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। एसपी रामसेवक गौतम ने बताया कि कांवड़ मार्ग पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है, और सीसीटीवी के माध्यम से निरंतर निगरानी की जा रही है। उन्होंने कांवड़ियों से भी अपील की कि वे प्रशासन के साथ सहयोग करें और किसी भी समस्या की स्थिति में तुरंत पुलिस हेल्पलाइन नंबर 100 या 112 पर संपर्क करें।
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सामुदायिक और धार्मिक महत्व
कैराना में कांवड़ यात्रा एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जो भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। यह यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह सामुदायिक एकता और सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा देती है। डीएम और एसपी के रात्रि निरीक्षण ने यह स्पष्ट किया कि प्रशासन कांवड़ियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा। हालांकि, एसडीएम के सीयूजी नंबर पर कॉल न उठने की शिकायत ने प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल उठाए हैं।
जनता की अपील और भविष्य की योजनाएँ
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि एसडीएम के सीयूजी नंबर पर कॉल रिसीव करने की व्यवस्था को सुधारा जाए ताकि आपात स्थिति में त्वरित सहायता मिल सके। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि कांवड़ यात्रा के दौरान सभी व्यवस्थाएँ चाक-चौबंद रखी जाएँगी और किसी भी शिकायत का तुरंत समाधान किया जाएगा। भविष्य में भी इस तरह के आयोजनों के लिए प्रशासन ने और बेहतर समन्वय और जनसंपर्क की योजना बनाई है।
कैराना में डीएम और एसपी का यह रात्रि निरीक्षण कांवड़ यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह आयोजन न केवल शिवभक्तों के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव है, बल्कि यह प्रशासन की जिम्मेदारी और समुदाय के सहयोग का भी एक शानदार उदाहरण है।