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मेहरबान अली कैरानवी
कैराना/शामली। हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में 11 जुलाई 2025 को सुबह 8 बजे 1492 क्यूसेक पानी प्रवाहित किया गया। ड्रेनेज विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इस मात्रा में छोड़ा गया पानी कैराना और आसपास के क्षेत्रों के लिए किसी भी प्रकार का खतरा उत्पन्न नहीं करता। यमुना नदी का जलस्तर वर्तमान में नियंत्रण में है, और स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है।
हथिनीकुंड बैराज से पानी का प्रवाह
हथिनीकुंड बैराज, जो यमुनानगर जिले (हरियाणा) में यमुना नदी पर स्थित है, से परिस्थितियों के अनुसार पानी का प्रवाह यमुना नदी में नियंत्रित रूप से किया जा रहा है। बैराज पर पानी का दबाव बढ़ने पर ही जल को नदी में छोड़ा जाता है। ड्रेनेज विभाग के अवर अभियंता आशु कुमार ने बताया कि शुक्रवार सुबह 8 बजे 1492 क्यूसेक पानी यमुना में प्रवाहित किया गया, जो सामान्य प्रवाह से काफी कम है। उन्होंने आश्वस्त किया कि इससे क्षेत्र में बाढ़ या अन्य किसी खतरे की संभावना नहीं है।
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इस मानसून सीजन में हथिनीकुंड बैराज से यमुना में अब तक का सबसे अधिक पानी 3 जुलाई 2025 को 27,000 क्यूसेक छोड़ा गया था। इसके अलावा, 29 जून 2025 को 11,225 क्यूसेक पानी नदी में प्रवाहित किया गया था। दोनों ही अवसरों पर यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे रहा, और कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखा गया।
यमुना का जलस्तर और चेतावनी बिंदु
कैराना में यमुना नदी का वर्तमान जलस्तर 228.20 मीटर है, जो यमुना ब्रिज पर स्थापित सूचकांक के अनुसार चेतावनी बिंदु (231.00 मीटर) और खतरे के निशान (231.50 मीटर) से काफी नीचे है। ड्रेनेज विभाग के अनुसार, वर्तमान जल प्रवाह सामान्य है और इससे स्थानीय स्तर पर किसी भी प्रकार की आपदा की आशंका नहीं है। विभाग द्वारा यमुना के किनारे बसे गांवों और निचले इलाकों में स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।
हथिनीकुंड बैराज की भूमिका
हथिनीकुंड बैराज, जो 1996-1999 के बीच बनाया गया था, यमुना नदी के जल को पश्चिमी यमुना नहर (हरियाणा) और पूर्वी यमुना नहर (उत्तर प्रदेश) में वितरित करने के लिए बनाया गया है। यह बैराज दिल्ली के लिए पेयजल आपूर्ति और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि, यह एक बैराज है, न कि बांध, इसलिए इसमें जल भंडारण की क्षमता नहीं है। भारी बारिश या ऊपरी क्षेत्रों (हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड) में जलस्तर बढ़ने पर बैराज से अतिरिक्त पानी यमुना में छोड़ा जाता है। सामान्य तौर पर, बैराज से 352 क्यूसेक का नियमित प्रवाह बनाए रखा जाता है, लेकिन मानसून में यह प्रवाह बढ़ सकता है।
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क्षेत्र में स्थिति सामान्य
अवर अभियंता आशु कुमार ने बताया कि हथिनीकुंड बैराज से 1492 क्यूसेक पानी का प्रवाह सामान्य माना जाता है और इससे कैराना या आसपास के क्षेत्रों में कोई खतरा नहीं है। यह प्रवाह पिछले दिनों की तुलना में काफी कम है, जब 1 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया था, जिसे मध्यम बाढ़ स्तर माना जाता है। विभाग ने स्थानीय निवासियों को आश्वस्त किया है कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और यमुना के किनारे बसे गांवों में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन तैयार है।
सामुदायिक और प्रशासनिक प्रभाव
कैराना, जो यमुना नदी के किनारे बसा एक महत्वपूर्ण धार्मिक और व्यापारिक केंद्र है, में यमुना के जलस्तर पर स्थानीय लोग और प्रशासन सतर्क रहते हैं। वर्तमान में 1492 क्यूसेक पानी का प्रवाह सामान्य होने के कारण किसानों की फसलों, निचले इलाकों, या स्थानीय परिवहन पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है। हालांकि, मानसून सीजन में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ने की आशंका रहती है, जिसके लिए ड्रेनेज और सिंचाई विभाग सतर्कता बरत रहा है।
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भविष्य के लिए सुझाव
निगरानी और जागरूकता: ड्रेनेज विभाग को यमुना के किनारे बसे गांवों में नियमित निगरानी और जागरूकता अभियान चलाने चाहिए, ताकि मानसून के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
सूचना तंत्र: हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने की जानकारी स्थानीय प्रशासन और निवासियों तक तुरंत पहुंचाने के लिए एक प्रभावी संचार तंत्र विकसित किया जाए।
बाढ़ प्रबंधन: यमुना के किनारे बाढ़ सुरक्षा के लिए तटबंधों को मजबूत करने और नदी की गाद हटाने जैसे दीर्घकालिक उपाय किए जाएं।
सहयोग: हरियाणा, उत्तर प्रदेश, और दिल्ली सरकारों के बीच समन्वय बढ़ाया जाए ताकि यमुना के जल प्रवाह को संतुलित और नियंत्रित किया जा सके।
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हथिनीकुंड बैराज से 1492 क्यूसेक पानी का प्रवाह कैराना और आसपास के क्षेत्रों के लिए सामान्य और सुरक्षित है। स्थानीय प्रशासन और ड्रेनेज विभाग की सतर्कता के कारण स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। फिर भी, मानसून सीजन में यमुना के जलस्तर पर निरंतर निगरानी और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है ताकि भविष्य में किसी भी संभावित खतरे से बचा जा सके। यह घटना कैराना में यमुना नदी के प्रबंधन और स्थानीय समुदाय की सुरक्षा के लिए प्रशासन की तैयारियों को दर्शाती है।