अतुल्य भारत चेतना
मेहरबान अली कैरानवी
कैराना/शामली। नगर पालिका परिषद (नपा) कैराना के चेयरमैन शमशाद अहमद अंसारी के खिलाफ सभासदों का धरना-प्रदर्शन 11 जुलाई 2025 को आठवें दिन भी अनवरत जारी रहा। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के पदाधिकारियों ने धरनास्थल पर पहुंचकर सभासदों को अपना समर्थन दिया और तीन दिन के भीतर समस्याओं के समाधान न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। वहीं, भूख हड़ताल पर बैठे सभासद शाहिद हसन की तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें शामली के एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है।
धरने का आठवां दिन: सभासदों के आरोप
4 जुलाई 2025 से शुरू हुआ सभासदों का धरना नपा प्रांगण में निरंतर जारी है। धरनारत सभासदों ने चेयरमैन शमशाद अहमद अंसारी पर तानाशाही, निरंकुशता, विकास कार्यों की अनदेखी, और भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। सभासदों का कहना है कि चेयरमैन द्वारा नगर के विकास कार्यों को नजरअंदाज किया जा रहा है और ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाया जा रहा है। इसके अलावा, कर वृद्धि और प्रशासनिक अनियमितताओं के खिलाफ भी सभासदों ने आवाज उठाई है।सभासद शाहिद हसन, उम्मेद राणा, राजपाल सिंह, फिरोज खान, और राशिद बागवान 9 जुलाई से भूख हड़ताल पर हैं। सभासदों ने मांग की है कि चेयरमैन स्वयं धरनास्थल पर आएं और उनकी समस्याओं का समाधान करें।

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सभासदों की तबीयत बिगड़ी
भूख हड़ताल के दौरान दो सभासदों की तबीयत बिगड़ चुकी है:
उम्मेद राणा: 9 जुलाई की रात करीब 11 बजे सभासद उम्मेद राणा की तबीयत अचानक खराब हो गई थी। उन्हें कैराना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भर्ती कराया गया, जहां से चिकित्सकों ने उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया। हालांकि, हालत में सुधार होने पर वे अगले दिन धरनास्थल पर वापस लौट आए।
शाहिद हसन: 10 जुलाई की शाम को सभासद शाहिद हसन की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें साथी सभासदों ने तत्काल शामली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां वे वर्तमान में आईसीयू में हैं। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
सपा विधायक का अस्पताल दौरा
समाजवादी पार्टी के विधायक चौधरी नाहिद हसन 10 जुलाई की रात शाहिद हसन का हाल जानने के लिए अस्पताल पहुंचे। उनके इस दौरे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। विधायक ने सभासदों के धरने का समर्थन करते हुए प्रशासन से उनकी मांगों पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
भारतीय किसान यूनियन का समर्थन
11 जुलाई को भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के नगराध्यक्ष इनाम चौधरी उर्फ कालू के नेतृत्व में संगठन के पदाधिकारी नपा प्रांगण में धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने सभासदों की समस्याओं को सुना और उन्हें पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की। भाकियू नगराध्यक्ष ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि तीन दिन के भीतर सभासदों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो संगठन बड़े आंदोलन की शुरुआत करेगा। इस अवसर पर जिला सचिव गुरदीप चौधरी, मंडल महासचिव गय्यूर हसन, मंडल सचिव पुष्कर सैनी, इमरान अली, इंतजार प्रधान, नवाब बागवान, कविता चौधरी, मोहसीन अली, मुख्तयार अली, नौशाद खान, मोहम्मद उमर, नईम मिर्जा, और अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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वायरल ऑडियो और तहरीर
शुक्रवार को एक ढाई मिनट का ऑडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप पर वायरल हुआ, जिसमें एक व्यक्ति द्वारा नपा चेयरमैन शमशाद अहमद अंसारी और एक जाति विशेष के खिलाफ अपमानजनक और आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया। यह व्यक्ति कस्बे के मोहल्ला अफगानान का निवासी बताया जा रहा है, जो वर्तमान में हरियाणा के पानीपत में रहता है। इस ऑडियो के खिलाफ वार्ड संख्या-23 के पूर्व सभासद मेहरबान अंसारी ने कैराना कोतवाली में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ तहरीर दी है, जिसमें कठोर कार्रवाई की मांग की गई है।
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इसके अलावा, एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें एक युवक, जो स्वयं को कांग्रेस पार्टी का पदाधिकारी बता रहा है, ने भूख हड़ताल पर बैठे सभासद उम्मेद राणा के साथ किसी भी गलत घटना होने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि वायरल ऑडियो के संबंध में तहरीर प्राप्त हुई है। अपशब्दों का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति की पहचान की जा रही है, और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि माहौल खराब करने की किसी को इजाजत नहीं दी जाएगी।
प्रशासन का प्रयास और सभासदों का अड़ियल रुख
10 जुलाई को एसडीएम कैराना निधि भारद्वाज और तहसीलदार अर्जुन चौहान धरनास्थल पर पहुंचे और सभासदों को समझाने का प्रयास किया। हालांकि, सभासद नपा चेयरमैन को धरनास्थल पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे। धरने में सभासद मौलवी फुरकान, तौसीफ चौधरी, मोहम्मद जब्बार, राशिद उर्फ पोती, और अन्य कई लोग मौजूद रहे।
सामुदायिक और सामाजिक प्रभाव
नपा चेयरमैन के खिलाफ सभासदों का यह धरना कैराना में एक गंभीर सामाजिक और प्रशासनिक मुद्दे को उजागर करता है। सभासदों का आरोप है कि चेयरमैन की तानाशाही और विकास कार्यों की अनदेखी से नगर की प्रगति रुकी हुई है। भूख हड़ताल के दौरान दो सभासदों की तबीयत बिगड़ने और एक के आईसीयू में भर्ती होने से स्थिति और गंभीर हो गई है। भारतीय किसान यूनियन के समर्थन ने इस आंदोलन को और बल प्रदान किया है, जिससे प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है।
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वायरल ऑडियो और वीडियो ने मामले को और जटिल बना दिया है, जिससे सामुदायिक तनाव बढ़ने की आशंका है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि वह इस मामले में निष्पक्ष जांच करे और सभासदों की मांगों पर त्वरित कार्रवाई करे।
भविष्य की संभावनाएं
यह धरना कैराना नगर पालिका में प्रशासनिक सुधारों और पारदर्शिता की आवश्यकता को रेखांकित करता है। यदि सभासदों की मांगों का समाधान नहीं हुआ, तो भाकियू के आंदोलन की चेतावनी से स्थिति और तनावपूर्ण हो सकती है। प्रशासन को चाहिए कि वह चेयरमैन और सभासदों के बीच मध्यस्थता कर मामले का शांतिपूर्ण समाधान निकाले। साथ ही, वायरल ऑडियो और वीडियो की जांच में पारदर्शिता बरती जाए ताकि सामुदायिक सौहार्द बना रहे।

कैराना के इस घटनाक्रम ने नगर पालिका प्रशासन में जवाबदेही और विकास कार्यों की प्राथमिकता को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। यह देखना बाकी है कि प्रशासन और नपा चेयरमैन इस स्थिति से कैसे निपटते हैं और क्या सभासदों की मांगों का समाधान समय रहते हो पाता है।