स्वयं से प्रेरणा: जीवन की प्रेरक शक्ति
अतुल्य भारत चेतना | आरती जायसवाल आज के युग में, जहां जीवन की गति तेजी से बढ़ रही…
Read Moreन जाने क्या कशिश है बम्बई तेरे शबिस्तां मेंकि हम शामे-अवध, सुब्हे-बनारस छोड़ आये हैं पपीहे बोलते हैं,…
Read Moreसेवा की खातिर जो चुनाव होते!तो खुशहाल सारे नगर गांव होते।। तो फिर मुल्क मे भूखे नंगे ना…
Read More…फर्क होता है किलकारी और शोर में फर्क होता है।।कमजोर और कामचोर में फर्क होता है।। चांद का…
Read Moreहै मनुज का आधार जो।पालक है जो, संचार है जो।।जिनके सृजन से सृष्टि है।जिनकी ममतामई सी दृष्टि है।।उनके…
Read Moreबुद्धि वितरण केन्द्र सुरपुर में विधाता का खुलाभूमि के सब प्राणियों को था लिया विधि ने बुला। था…
Read Moreमां तुम महान होममता की खान होपुत्र के हर संकट मेंतुम नवा बिहान हो।अभागे है वे पुत्र बड़ेजिसने…
Read Moreअतुल्य भारत चेतनापूनम (हिसार-हरियाणा) अपने छोटे बच्चे की देखभाल के लिए बच्चे को कार्यस्थल पर ले जा कर…
Read Moreजिसने स्वेद बहाया अपनाईंट चढ़ाई, गारा ढोया।भूखा रहा स्वयं वो हीजिसने माटी मे पोषण बोया।जिसके श्रम से महल…
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