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दिनेश सिंह तरकर
मथुरा। मथुरा रिफाइनरी कर्मचारी संघ ने शुक्रवार को इंडियन ऑयल के 66वें स्थापना दिवस पर रिफाइनरी स्थित संघ कार्यालय में कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर कर्मचारियों को एकजुट कर केक काटा गया और मिठाइयाँ बांटी गईं। कर्मचारी संघ ने जहां संगठनात्मक उत्साह के साथ यह दिवस मनाया, वहीं दूसरी ओर प्रबंधन की दमनकारी नीतियों और कार्यक्रमों का सामूहिक बहिष्कार किया गया।
यूनियनों ने किया प्रबंधन के कार्यक्रमों का बहिष्कार
कर्मचारी संघ के सभापति देवेन्द्र चौधरी और महामंत्री रामकिशन ने सभी कर्मचारियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह पहला अवसर है जब चेयरमैन अरविंदर सिंह साहनी के कार्यकाल में रिफाइनरी और पाइपलाइन डिवीजन की 21 यूनियनों ने प्रबंधन के किसी भी कार्यक्रम में भाग नहीं लिया। इस बार सभी यूनियनों ने मिलकर इंडियन ऑयल दिवस के प्रबंधन-प्रायोजित कार्यक्रमों का पूर्ण बहिष्कार किया।
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नेताओं ने स्पष्ट कहा कि कॉस्ट कटिंग के नाम पर प्रबंधन ने कर्मचारियों का शोषण करने वाली जो नीतियाँ लागू की हैं, वे दमनकारी और अस्वीकार्य हैं। इसी कारण ऑल इंडिया स्तर पर सभी यूनियनों ने प्रबंधन के कार्यक्रमों से दूरी बनाए रखी।
कर्मचारी संघ ने अपने स्तर पर मनाया उत्सव
प्रबंधन से अलग हटकर मथुरा रिफाइनरी कर्मचारी संघ ने अपने खर्चे से कर्मचारियों को केक और मिठाइयाँ खिलाकर स्थापना दिवस मनाया। इस मौके पर माहौल उत्साहपूर्ण रहा, लेकिन कर्मचारियों ने यह भी जताया कि वे प्रबंधन की नीतियों से बेहद असंतुष्ट हैं।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने भी जताई नाराजगी
इंडियन ऑयल दिवस के अवसर पर एम्पलॉइज क्लब में पधारे रिफाइनरी के सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने भी प्रबंधन की नीतियों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के साथ हो रहे कठोर व्यवहार और कुठाराघात को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रबंधन अपने कार्यक्रमों में लाखों रुपये खर्च करता है, लेकिन जब बात कर्मचारियों के सम्मान की आती है तो कॉस्ट कटिंग का हवाला दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इस बार तो सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया, और जब किरकिरी हुई तो मजबूरी में बुलाया गया।
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कर्मचारियों में आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी
कर्मचारी संघ ने चेतावनी दी कि यदि प्रबंधन ने अपनी दमनकारी नीतियाँ वापस नहीं लीं तो प्रदर्शन और आंदोलन को तेज किया जाएगा। कर्मचारियों ने ऐक्य दिखाते हुए यह संदेश दिया कि वे अपने अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए संघर्षरत रहेंगे।