अतुल्य भारत चेतना
अखिल सुर्यवंशी
छिंदवाड़ा/मध्य प्रदेश। वार्ड क्रमांक 22 सोनाखार में पिछले दो दिनों से नगर निगम की सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई है। कचरा गाड़ियों द्वारा कचरा उठाने और सफाई कर्मचारियों द्वारा नियमित सफाई का कार्य बंद पड़ा है, जिससे वार्ड में गंदगी का ढेर लग गया है। इस स्थिति से नाराज स्थानीय ग्रामीणों और पूर्व पार्षद ने आज नगर निगम के अधिकारियों का विरोध किया, जो सफाई व्यवस्था बहाल करने के लिए वार्ड में पहुंचे थे। ग्रामीणों ने साफ शब्दों में कहा कि अब वे वार्ड की सफाई खुद संभालेंगे और नगर निगम द्वारा प्रति परिवार ₹1200 कचरा शुल्क वसूलने की प्रक्रिया तत्काल बंद की जाए।
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विरोध और ग्रामीणों का रुख
जब नगर निगम के अधिकारी वार्ड में सफाई व्यवस्था को बहाल करने के लिए पहुंचे, तो स्थानीय नागरिकों और पूर्व पार्षद ने उनका जोरदार विरोध किया। ग्रामीणों का कहना है कि शुल्क वसूलने के बावजूद सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है, जो उनके साथ अन्याय है। इस विरोध के तहत वार्ड में तैनात सभी सफाई कर्मचारियों को ग्रामीणों ने निगम प्रशासन को वापस लौटा दिया। एक ग्रामीण ने कहा, “हमने शुल्क दिया, लेकिन कचरा उठाने वाली गाड़ियां नहीं आईं और न ही सफाई हुई। ऐसे में यह राशि हमसे वसूलना गलत है।”

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स्वयं संभाली जिम्मेदारी
ग्रामीणों और पूर्व पार्षद ने एकजुट होकर फैसला लिया कि जब तक निगम वास्तविक समाधान नहीं लाता, वे अपनी व्यवस्था खुद संभालेंगे। उन्होंने कचरा प्रबंधन और सफाई का कार्य स्वयं शुरू कर दिया है। इस दौरान उन्होंने यह भी मांग की कि नगर निगम कचरा शुल्क की वसूली तत्काल बंद करे। पूर्व पार्षद ने कहा, “हम बार-बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब हम खुद अपने वार्ड को साफ रखेंगे और शुल्क रद्द करने तक इस मांग पर अडिग रहेंगे।”
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समुदाय की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों का कहना है कि पिछले कुछ समय से सफाई व्यवस्था में लगातार लापरवाही बरती जा रही थी, जिससे गंदगी और बदबू से उनकी दिनचर्या प्रभावित हो रही थी। एक महिला निवासी ने बताया, “बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर इसका असर पड़ रहा है। हम मजबूर होकर खुद आगे आए हैं।” इस कदम से वार्डवासियों में एकजुटता और आत्मनिर्भरता की भावना दिखाई दे रही है।
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निगम की स्थिति और भविष्य
नगर निगम प्रशासन की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि वे निगम से बातचीत के लिए तैयार हैं, बशर्ते शुल्क रद्द करने और नियमित सफाई सुनिश्चित करने का वादा हो। इस घटना ने स्थानीय प्रशासन पर दबाव बढ़ा दिया है, और लोग आशा कर रहे हैं कि जल्द ही कोई ठोस कदम उठाया जाएगा।
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वार्ड 22 सोनाखार में ग्रामीणों का यह कदम न केवल सफाई व्यवस्था को लेकर उनकी नाराजगी को दर्शाता है, बल्कि समुदाय की एकजुटता और आत्मनिर्भरता को भी प्रतिबिंबित करता है। यह घटना छिंदवाड़ा में नागरिकों और प्रशासन के बीच संवाद की जरूरत को रेखांकित करती है, ताकि ऐसी समस्याओं का स्थायी समाधान निकाला जा सके।