बाबा नीम करोली कैंची धाम की महिमा
कैंची धाम, उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित एक पवित्र आध्यात्मिक स्थल है, जो नीम करोली बाबा के आश्रम के रूप में विश्व भर में प्रसिद्ध है। यह स्थान हिमालय की सुरम्य पहाड़ियों में बसा है और भगवान हनुमान को समर्पित है। कैंची धाम का नाम इसकी भौगोलिक संरचना से पड़ा, जो कैंची के आकार की तरह है। यहाँ की शांत और दिव्य ऊर्जा भक्तों को आंतरिक शांति और ईश्वर के प्रति श्रद्धा का अनुभव कराती है।
नीम करोली बाबा को उनके भक्त हनुमान जी का अवतार मानते हैं। उनकी महिमा चमत्कारों और आध्यात्मिक शक्तियों से जुड़ी है। कहा जाता है कि बाबा के दर्शन मात्र से ही लोगों के कष्ट दूर हो जाते थे और उनकी मनोकामनाएँ पूरी होती थीं। कैंची धाम में हर साल 15 जून को स्थापना दिवस के रूप में विशाल भंडारा आयोजित होता है, जिसमें लाखों भक्त शामिल होते हैं। यहाँ की एक लोकप्रिय कथा है कि एक बार भंडारे के दौरान घी की कमी पड़ गई थी, लेकिन बाबा के कहने पर नदी का पानी घी में बदल गया, जो उनके चमत्कारी स्वरूप को दर्शाता है।
कैंची धाम की महिमा सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है; यहाँ स्टीव जॉब्स, मार्क जुकरबर्ग और जूलिया रॉबर्ट्स जैसी अंतरराष्ट्रीय हस्तियाँ भी आध्यात्मिक प्रेरणा के लिए आए हैं। भक्तों का मानना है कि यहाँ की पवित्र भूमि में बाबा की उपस्थिति आज भी महसूस की जा सकती है, और यह स्थान हर आने वाले को सकारात्मकता और आशीर्वाद से भर देता है।
नीम करोली बाबा के प्रमुख संदेश

नीम करोली बाबा ने अपने जीवन और सत्संगों के माध्यम से कई प्रेरणादायक संदेश दिए, जो सरल लेकिन गहन हैं। उनके प्रमुख संदेश इस प्रकार हैं:
- प्रेम और भक्ति का मार्ग
बाबा कहते थे कि ईश्वर को पाने के लिए सबसे बड़ा साधन प्रेम और भक्ति है। “सबको प्रेम करो” उनका मूल मंत्र था। वे मानते थे कि प्रेम से ही मनुष्य अपने संकटों से मुक्ति पा सकता है और जीवन में शांति प्राप्त कर सकता है। - सेवा ही सच्ची पूजा
बाबा का कहना था, “दूसरों की सेवा करो, यही ईश्वर की सच्ची भक्ति है।” वे भक्तों को प्रेरित करते थे कि जरूरतमंदों की मदद करें, क्योंकि सेवा से न केवल संकट दूर होते हैं, बल्कि आत्मिक उन्नति भी होती है। - नाम जप की शक्ति
बाबा नीम करोली हनुमान भक्त थे और “राम नाम” जपने पर विशेष जोर देते थे। उनका कहना था कि ईश्वर का नाम जपने से मन शुद्ध होता है और संकटों से छुटकारा मिलता है। “राम-राम” का जाप उनके भक्तों के लिए संकटमोचन का आधार था। - सादगी और विश्वास
बाबा सादा जीवन और उच्च विचार के पक्षधर थे। उनका संदेश था कि जीवन में दिखावे और लालच से दूर रहें, ईश्वर पर पूरा विश्वास रखें। वे कहते थे, “सब कुछ ईश्वर के हाथ में है, उस पर भरोसा रखो, संकट अपने आप दूर हो जाएंगे।” - क्रोध और अहंकार का त्याग
बाबा ने सिखाया कि क्रोध, अपमान और अहंकार मनुष्य के सबसे बड़े शत्रु हैं। इनका त्याग करने से व्यक्ति मानसिक शांति पाता है और संकटों से उबरने की शक्ति प्राप्त करता है। उनका कहना था, “क्षमा सबसे बड़ा हथियार है।” - सकारात्मकता और आभार
बाबा का मानना था कि जीवन में जो कुछ भी मिलता है, उसके लिए आभार प्रकट करें। सकारात्मक दृष्टिकोण रखने से व्यक्ति संकटों को भी अवसर में बदल सकता है। वे कहते थे, “जो आभारी रहता है, उसके पास कभी कमी नहीं होती।” - विश्वास: बाबा ने हमेशा ईश्वर और अपने गुरु पर अटूट विश्वास रखने की सीख दी। उनका कहना था कि विश्वास से ही जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं। “ईश्वर पर भरोसा रखो, सब ठीक हो जाएगा” उनका प्रिय वाक्य था।
- सेवा: दूसरों की निःस्वार्थ सेवा को बाबा ने जीवन का सबसे बड़ा धर्म बताया। वे कहते थे कि सेवा से ही ईश्वर के करीब पहुँचा जा सकता है। “सेवा करो, भगवान तुम्हें देख रहे हैं।”
- हनुमान चालीसा का पाठ: बाबा हनुमान जी के परम भक्त थे और भक्तों को नियमित रूप से हनुमान चालीसा पढ़ने की सलाह देते थे। उनका मानना था कि यह पाठ सभी कष्टों को दूर करता है और मन को शुद्ध बनाता है।
- सादगी और संतोष: बाबा का जीवन सादगी का प्रतीक था। वे कहते थे कि सच्चा धनवान वही है, जिसमें अच्छा चरित्र, संतोष और ईश्वर के प्रति भक्ति हो। धन संचय से ज्यादा मन की शांति को महत्व देने की सीख दी।
- शांत रहें: कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य और शांति बनाए रखने की सलाह बाबा ने दी। उनका कहना था, “बुरा वक्त आज है तो अच्छा भी आएगा, घबराओ मत।”
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नीम करोली बाबा के ये संदेश आज भी उनके भक्तों के लिए मार्गदर्शक हैं। उनकी शिक्षाएँ सरल जीवन, उच्च विचार और ईश्वर के प्रति समर्पण पर आधारित हैं, जो हर व्यक्ति को सच्चाई और शांति की ओर ले जाती हैं। कैंची धाम उनकी इसी दिव्यता और संदेशों का जीवंत प्रमाण है।
जय हनुमान! जय नीम करोली बाबा!