अतुल्य भारत चेतना
प्रमोद कश्यप
रतनपुर/बिलासपुर। ऐतिहासिक नगरी रतनपुर में 17 अगस्त 2025 को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर संस्कार भारती और राधा माधव धाम रतनपुर के संयुक्त तत्वावधान में पांच दिवसीय श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का भव्य आयोजन शुरू हुआ, जो विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों से परिपूर्ण रहा। नगर के सभी मोहल्लों में नवयुवकों ने मटका फोड़ और भजन संध्या के माध्यम से उत्सव का रंग बिखेरा, जबकि राधा माधव धाम में मंडलेश्वर दिव्यकांत महाराज जी के सान्निध्य में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए।

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नगर में जन्माष्टमी का उत्सव
रतनपुर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया गया। नगर के हृदय स्थल भीम चौक में प्रतिवर्षानुसार मटका फोड़ प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें नवयुवकों ने जोश के साथ भाग लिया। इसके अलावा करैहापारा, महामाया पारा, और राधा कृष्ण मंदिर बनिया पारा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बैठकी का आयोजन हुआ। इन कार्यक्रमों में 200 वर्ष पूर्व नगर के भक्त कवि बाबू रेवाराम द्वारा रचित पारंपरिक रतनपुरिहा गुटका भजन का गायन किया गया, जो श्रीकृष्ण की लीलाओं को समर्पित था। भजनों के बीच भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया, जिसने श्रद्धालुओं को भावनात्मक रूप से जोड़ा।

राधा माधव धाम में रंगारंग आयोजन
राधा माधव धाम में संस्कार भारती और राधा माधव धाम के संयुक्त तत्वावधान में मंडलेश्वर दिव्यकांत महाराज जी की उपस्थिति में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया गया। दिन के पहले सत्र में शाम 6 बजे से 8 बजे तक 0-4 वर्ष के बच्चों की श्रीकृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता हुई, जिसमें बच्चों ने भगवान श्रीकृष्ण के रूप में मनमोहक प्रस्तुति दी। इसके बाद रात्रि 9 बजे से 12 बजे तक वृंदावन धाम से पधारी सुश्री कौशिल्या वैष्णव ने अपने मधुर भजनों के साथ श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का समापन किया, जो देर रात तक श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहा।

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पांच दिवसीय जन्मोत्सव का कार्यक्रम
राधा माधव धाम में आयोजित पांच दिवसीय श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के तहत विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। द्वितीय दिवस पर श्री राधा कृष्ण युगल नृत्य प्रतियोगिता, तृतीय दिवस पर चित्रकला और रंगोली प्रतियोगिता, चतुर्थ दिवस पर भजन संध्या, और पंचम दिवस पर जिला स्तरीय कवि सम्मेलन के साथ पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम शामिल है। ये आयोजन रतनपुर की सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत करने और युवाओं को पारंपरिक कला से जोड़ने का प्रयास हैं।

समुदाय की भागीदारी और प्रभाव
इस जन्मोत्सव में स्थानीय निवासियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। एक स्थानीय निवासी, रमेश साहू, ने कहा, “मटका फोड़ और भजन संध्या ने हमें अपनी परंपराओं से जोड़ा, जबकि बच्चों की सज्जा प्रतियोगिता ने उत्सव को और खास बनाया।” एक अन्य निवासी, शांति देवी, ने कहा, “वृंदावन से आई कौशिल्या जी के भजनों ने हमें भक्ति में डुबो दिया। पांच दिवसीय आयोजन हमारी आस्था को मजबूत कर रहा है।”

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सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व
रतनपुर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का यह पर्व सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। मटका फोड़, भजन गायन, और रंगारंग कार्यक्रमों ने नगर में उत्सव का माहौल बनाया। राधा माधव धाम में आयोजित पांच दिवसीय जन्मोत्सव ने न केवल भक्ति को बढ़ावा दिया, बल्कि स्थानीय कला और संस्कृति को संरक्षित करने में भी योगदान दिया। मंडलेश्वर दिव्यकांत महाराज जी की मौजूदगी ने इस आयोजन को आध्यात्मिक ऊंचाई प्रदान की।

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रतनपुर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का यह उत्सव श्रद्धा, भक्ति, और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक बना। पांच दिवसीय जन्मोत्सव के माध्यम से नगर के लोग भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को याद करते हुए अपनी एकता और आस्था को और मजबूत कर रहे हैं।