अतुल्य भारत चेतना
ब्युरो चीफ हाकम सिंह रघुवंशी
गंजबासौदा। 17 अगस्त 2025 को शक्ति हाउस आश्रम, छिंदवाड़ा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का भव्य आयोजन बड़े ही धूमधाम, हर्षोल्लास, और धार्मिक उल्लास के साथ संपन्न हुआ। आश्रम का वातावरण कृष्ण भक्ति के मधुर गीतों, कीर्तन, और “राधे-कृष्ण” के जयघोष से गुंजायमान हो उठा, जो श्रद्धालुओं के मन को आध्यात्मिक आनंद से भर गया।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और झांकियां
गुरुकुल के नन्हे-मुन्ने विद्यार्थियों ने आकर्षक भजन, नाटक, और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मनमोहक चित्रण किया। इन प्रस्तुतियों ने उपस्थित श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया। बाल स्वरूप में प्रस्तुत की गई श्रीकृष्ण झांकियों ने आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति कराई और सभी के हृदय को प्रफुल्लित किया।

दही-हांडी उत्सव का रोमांच
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण दही-हांडी उत्सव रहा, जिसमें बालक-बालिकाओं ने अद्भुत जोश और उत्साह के साथ भाग लिया। इस मनोरम दृश्य ने भगवान की बाल लीलाओं को जीवंत कर दिया और श्रद्धालुओं को झूमने पर विवश कर दिया। पूरा परिसर “हरे कृष्ण – हरे कृष्ण” के पावन जयकारों से गूंज उठा, जो उत्सव की भव्यता को दोगुना कर गया।

प्रसाद वितरण और समापन
आयोजन के उपरांत भक्तजनों को महाप्रसाद और भोजन प्रसार वितरित किया गया, जिसने इस पावन पर्व को और भी यादगार बना दिया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के साथ-साथ शहर के अनेक गणमान्य नागरिक, समाजसेवी, और आध्यात्मिक साधक भी उपस्थित रहे, जो इस उत्सव के साक्षी बने।

प्रमुख अतिथि और उपस्थित लोग
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आनंद वर्मा, प्रार्थना वर्मा, गुरुकुल डायरेक्टर दर्शन खट्टर, गुरुकुल संचालक सुशील भाई, योग वेदांत समिति के अध्यक्ष मदन मोहन परसाई, खजरी आश्रम संचालक जय राम, भाईशक्ति ट्रस्ट से साध्वी नीलू बहन, समाजसेवी महेश चुगलानी, योग वेदांत महिला समिति की अध्यक्ष डॉ. मीरा पराड़कर, सुमन दोई फोड़े, निर्मला पटेल, गीता परिहार, शारदा भोजवानी, कविता जामनानी, विमल जामनानी, मीणा मेश्राम, रश्मानी पाल, रेखा पाल, ललिता सूर्यवंशी, छाया सूर्यवंशी, चउतरे दीदी, युवा संघ दीपक दोई फोड़े, विशाल चउतरे, और अन्य साधक बहनों की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को भव्यता प्रदान की।

सामाजिक और आध्यात्मिक प्रभाव
यह श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि यह समाज में भक्ति, आस्था, और सांस्कृतिक एकता का अद्भुत संदेश लेकर आया। नन्हें बच्चों की प्रस्तुतियों और दही-हांडी उत्सव ने पारंपरिक उत्साह को जीवंत रखा, जबकि गणमान्य व्यक्तियों की भागीदारी ने इसकी व्यापकता को बढ़ाया। स्थानीय निवासी गीता परिहार ने कहा, “यह आयोजन हमें भक्ति और एकता का पाठ सिखाता है।” इसी तरह, कविता जामनानी ने कहा, “बच्चों की झांकियां और दही-हांडी ने हमें कृष्ण की लीलाओं से जोड़ा।”

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शक्ति हाउस आश्रम में संपन्न यह श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव छिंदवाड़ा में आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक बना। यह आयोजन न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव था, बल्कि समाज में एकता और भक्ति की भावना को मजबूत करने वाला भी साबित हुआ।