अतुल्य भारत चेतना
एम. जमील कुरैशी
मिहींपुरवा/बहराइच। तहसील मिहींपुरवा क्षेत्र अन्तर्गत चहलवा में किसान जागरूकता चौपाल का आयोजन किया गया जिसमें 135 ग्रामीण किसानों को गन्ना बुआई, कटाई, भूमि सुधार, उर्वरा शक्ति, बीज शोधन, केंचुआ संरक्षण, कीटनाशक छिड़काव, पर्यावरण संरक्षण, सिंचाई हेतु कुलाबा बनाने,बाढ़ सूखा प्रभावित विस्तृत जानकारी दी गई।
गन्ना अधिकारी ने अरुण कुमार सिंह ने विस्तार से जानकारी दी। वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर पवन एडवोकेट ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है किसानों की जीविका खेती की उपज से सभी को जीवन मिलता है जीने के लिए आस्था से हमें मनोबल बढ़ता है लेकिन धार्मिक भावनाओं को, राजनीतिक अधिकारों को, सांस्कृतिक विरासत को संविधान के द्वारा ही संरक्षित किया जा सकता है।

आयोजक पर्यावरणविद् रमेश चन्द्रा ने बताया कि अपने जीवन काल में प्रत्येक व्यक्ति 5 करोड़ की आक्सीजन का उपयोग करता है जो कि पेड़ पौधों से हमें निशुल्क प्राप्त होती है पेड़ पौधे जीवित है तो जंगल जीवित हैं वन्यजीव हमारे वनसंरक्षक हैं वन्यजीवों को बचाने से ही पर्यावरण सुरक्षित रहेगा और वन्यजीव सुरक्षित हैं तभी तक धरती पर आक्सीजन सुरक्षित रहेगी तभी तक मानवीय जीवन का अस्तित्व बना रहेगा। रमेश चन्द्रा ने सभी प्रतिभागियों को भारत का संविधान उपलब्ध कराया। राष्ट्रीय जलवायु सेना के तत्वावधान में वन्यजीव संरक्षण जागरूकता संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया।
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