अतुल्य भारत चेतना
हाकम सिंह रघुवंशी
नगतरा/विदिशा। द्वारपाल की बात सुनकर भगवान कृष्ण नंगे पांव ही दौड़े चले आये और अपने मित्र सुदामा को गले लगा लिया।
ग्राम नगतरा जिंद बाबा टोरिया पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा का हुआ के समापन हुआ प्रसादी वितरण। कथा का वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा श्रीमद् भागवत कथा का हुआ के समापन हुआ प्रसादी वितरणजैसी करो। सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए ही मदद कर दे। परंतु आजकल स्वार्थ की मित्रता रह गई है। जब तक स्वार्थ सिद्ध नहीं होता है, तब तक मित्रता रहती है। जब स्वार्थ पूरा हो जाता है, मित्रता खत्म हो जाती है।

उन्होंने कहा कि एक सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर मित्र कृष्ण से मिलने द्वारकापुरी जाते हैं। जब वह महल के गेट पर पहुंच जाते हैं, तब प्रहरियों से कृष्ण को अपना मित्र बताते है और अंदर जाने की बात कहते हैं। सुदामा की यह बात सुनकर प्रहरी उपहास उड़ाते है और कहते है कि भगवान श्रीकृष्ण का मित्र एक दरिद्र व्यक्ति कैसे हो सकता है। प्रहरियों की बात सुनकर सुदामा अपने मित्र से बिना मिले ही लौटने लगते हैं। तभी एक प्रहरी महल के अंदर जाकर भगवान श्रीकृष्ण को बताता है कि महल के द्वार पर एक सुदामा नाम का दरिद्र व्यक्ति खड़ा है और अपने आप को आपका मित्र बता रहा है। द्वारपाल की बात सुनकर भगवान कृष्ण नंगे पांव ही दौड़े चले आते हैं और अपने मित्र को रोककर सुदामा को रोककर गले लगा लिया।ग्राम नगतरा जिंद बाबा टोरिया पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा का हुआ के समापन हुआ समापन पर आयोजन समिति द्वारा प्रसादी वितरण किया। कथा के अंतिम दिवस पर नटेरन जनपद अध्यक्ष श्रीमती संगीता यशपाल रघुवंशी द्वारा साल शरीफ फल से कथा वाचक श्री केशव शास्त्री जी का स्वागत किया गया इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष सचिन तिवारी ने कथा वाचक जी का स्वागत कर आशीर्वाद लिया कथा के समापन पर दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा जिसमें महिलाओं की भीड़ सबसे ज्यादा रही।
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