खादर क्षेत्र की सैकड़ों बीघा फसल डूबी, तटवर्ती गांवों में दहशत का माहौल
अतुल्य भारत चेतना
मेहरबान अली कैरानवी
कैराना। हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पौने दो लाख क्यूसेक पानी सोमवार को कैराना क्षेत्र में यमुना के उफान के रूप में दिखाई दिया। यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़कर चेतावनी बिंदु के बेहद नजदीक पहुँच गया। इससे खादर क्षेत्र में खड़ी किसानों की सैकड़ों बीघा फसलें जलमग्न हो गई हैं। उफनती यमुना को देखकर तटवर्ती क्षेत्रों में बसे लोगों की धड़कनें तेज हो गई हैं। प्रशासन ने हालात को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया है।
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बैराज से छोड़ा गया 1.79 लाख क्यूसेक पानी
पहाड़ी व मैदानी इलाकों में हो रही लगातार मूसलाधार बारिश के चलते हथिनीकुंड बैराज पर पानी का दबाव काफी बढ़ गया था। दबाव कम करने के लिए रविवार को बैराज के सभी द्वार खोलकर 1.79 लाख क्यूसेक पानी प्रति सेकेंड की दर से यमुना नदी में छोड़ा गया। इसके चलते सोमवार को पानी कैराना पहुँचते ही नदी का जलस्तर उफान पर आ गया।
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चेतावनी बिंदु से महज़ 20 सेंटीमीटर नीचे बह रही यमुना
सोमवार शाम चार बजे तक यमुना का जलस्तर लगातार बढ़कर 230.800 मीटर दर्ज किया गया, जबकि क्षेत्र में निर्धारित चेतावनी बिंदु 231.000 मीटर पर है। यानी यमुना अब केवल 20 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। सोमवार सुबह 8 बजे भी हथिनीकुंड बैराज से 53,878 क्यूसेक पानी यमुना में डिस्चार्ज किया गया था।
खेत जलमग्न, बढ़ा खतरे का अंदेशा
जलस्तर बढ़ने से खादर क्षेत्र में किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया। सैकड़ों बीघा फसल डूब गई है। वहीं, नदी के बहाव में तेजी आने से ग्रामीणों को बाढ़ का खतरा सताने लगा है। तटवर्ती गाँवों में लोग सहमे हुए हैं और नदी की ओर टकटकी लगाए हुए हैं।
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प्रशासन ने दी सतर्क रहने की हिदायत
बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को सतर्क रहने और ड्रेनेज विभाग को तटबंधों पर गश्त तेज करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यमुना के बहाव और जलस्तर पर निरंतर नजर रखने के आदेश दिए गए हैं।
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स्थिति नियंत्रण में: अधिशासी अभियंता
ड्रेनेज विभाग के अधिशासी अभियंता सुधांशु सिंह ने बताया कि रविवार को छोड़े गए पानी के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ा है। हालांकि स्थिति अभी पूरी तरह से नियंत्रण में है और किसी तरह का गंभीर खतरा नहीं है। धीरे-धीरे नदी में बहाव कम होने लगा है। जानकारी के अनुसार, क्षेत्र में यमुना का चेतावनी बिंदु 231.000 मीटर और खतरे का निशान 231.500 मीटर पर निर्धारित है।