अतुल्य भारत चेतना
ब्युरो चीफ हाकम सिंह रघुवंशी
गंजबासौदा। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के बरेठ रोड, चर्च वाली गली स्थित सेवा केंद्र में 10 जुलाई 2025 को गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में ब्रह्माकुमारी रुक्मणी दीदी और रेखा दीदी ने उपस्थित माता-बहनों को संबोधित करते हुए सतगुरु की सही पहचान और उनके महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता-बहनें उपस्थित रहीं, जिन्होंने इस आध्यात्मिक सत्र का लाभ उठाया।
सतगुरु की सही पहचान
ब्रह्माकुमारी रुक्मणी दीदी ने अपने संबोधन में कहा, “सच्चा सतगुरु वही है जो हमें बुराइयों और दुखों से मुक्त करता है। वह निराकार परमपिता परमात्मा शिव हैं, जिनका न कोई माता-पिता है, न कोई गुरु, न ही उनका जन्म होता है और न ही वे कभी मरते हैं। परमात्मा शिव परकाया प्रवेश कर ब्रह्मा के माध्यम से हमें मुक्ति, जीवनमुक्ति, और गति-सद्गति का मार्ग दिखा रहे हैं।”

इसे भी पढ़ें: नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (NSTI) और इसमें Admission के बारे में जानकारी
उन्होंने भगवद्गीता के हवाले से बताया कि परमात्मा स्वयं कहते हैं, “मैं तुम्हारा पिता हूं, गुरुओं का गुरु हूं, सारे जगत का गुरु हूं” (गीता अध्याय 11, श्लोक 43)। वे पिता, गाइड, और साधुओं के उद्धारक हैं, जो पाप कर्मों का विनाश कर सतधर्म की स्थापना करते हैं (गीता अध्याय 4, श्लोक 7-8)। रुक्मणी दीदी ने कहा कि वर्तमान समय में कुछ देह-अभिमानी लोग स्वयं को गुरु बताकर भक्तों के मन में भय उत्पन्न करते हैं, लेकिन सच्चा सतगुरु केवल परमपिता परमात्मा शिव ही हैं, जो कलयुग के अंत में अवतरित होकर सभी मनुष्य आत्माओं को दुखों से मुक्ति दिलाते हैं।
ब्रह्माकुमारी रेखा दीदी का संदेश
ब्रह्माकुमारी रेखा दीदी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “सतगुरु वह है जो अंधकार से प्रकाश की ओर, बुराइयों से अच्छाइयों की ओर ले जाता है। सत्य प्रकाश लाने वाला केवल निराकार परमपिता परमात्मा शिव ही हैं। कोई भी मनुष्य हमें गुरु तो हो सकता है, लेकिन सतगुरु केवल परमात्मा शिव हैं।” उन्होंने बताया कि वर्तमान पुरुषोत्तम संगम युग में परमात्मा शिव अवतरित होकर हमें सत्य ज्ञान का बोध कराते हैं कि हम यह देह नहीं, बल्कि चेतन आत्मा हैं। यह ज्ञान केवल परमात्मा ही दे सकते हैं, कोई मनुष्य गुरु नहीं।

इसे भी पढ़ें: एफिलिएट मार्केटिंग क्या होती है? इसके जरिए घर बैठे लाखों कमाने के टिप्स!
रेखा दीदी ने आगे कहा, “परमात्मा हमें हमारा सत्य परिचय देते हैं और हमें मुक्तिधाम, निर्माण धाम, और परमधाम—हम आत्माओं का निजी घर—की ओर ले जाते हैं। कलयुग के अंत में वह सृष्टि के आदि और मध्य का ज्ञान देकर सभी मनुष्य आत्माओं को दुखों से छुड़ाते हैं। अब हमें उनकी यथार्थ पहचान करनी होगी ताकि हम मुक्ति और जीवनमुक्ति का वरदान प्राप्त कर सकें।”
कार्यक्रम का महत्व
कार्यक्रम में उपस्थित माता-बहनों ने ब्रह्माकुमारी दीदियों के विचारों को ध्यानपूर्वक सुना और आध्यात्मिक ज्ञान से प्रेरित हुईं। यह आयोजन गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सतगुरु की सही पहचान और उनके मार्गदर्शन को समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर रहा। ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र ने इस आयोजन के माध्यम से समाज में आध्यात्मिक जागरूकता और सकारात्मकता को बढ़ावा देने का प्रयास किया।

इसे भी पढ़ें: सिबिल स्कोर (CIBIL SCORE) डाउन होने पर भी लोन कैसे प्राप्त करें?
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय का यह आयोजन बहराइच में आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण साबित हुआ। उपस्थित श्रद्धालुओं ने इस आयोजन की सराहना की और इसे एक प्रेरणादायक और आत्मिक अनुभव बताया। सेवा केंद्र की ओर से भविष्य में भी इस तरह के आध्यात्मिक आयोजनों को आयोजित करने का संकल्प लिया गया, ताकि अधिक से अधिक लोग सतगुरु के सत्य ज्ञान से लाभान्वित हो सकें। यह गुरु पूर्णिमा महोत्सव न केवल परमपिता परमात्मा शिव की महिमा का उत्सव था, बल्कि समाज में सत्य, शांति, और आध्यात्मिकता का संदेश फैलाने का एक प्रभावी माध्यम भी बना।