अतुल्य भारत चेतना
रईस
बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की नगर पंचायत मिहींपुरवा में विद्युत आपूर्ति की लगातार समस्याओं और ट्रांसफार्मर के बार-बार जलने से त्रस्त उपभोक्ताओं का गुस्सा 10 जुलाई 2025 को फूट पड़ा। भीषण गर्मी और उमस के बीच बिजली कटौती, लो वोल्टेज, बार-बार ट्रिपिंग, तार टूटना, और 33,000 व 11,000 वोल्ट की लाइनों में फॉल्ट के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। नाराज उपभोक्ताओं ने विद्युत उपकेंद्र मोतीपुर पहुंचकर प्रदर्शन किया और अधिशासी अभियंता के नाम एक शिकायती पत्र सौंपा।
विद्युत समस्याओं का बोलबाला
मिहींपुरवा में विद्युत आपूर्ति की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। उपभोक्ताओं का कहना है कि ओवरलोडिंग, लो वोल्टेज, बार-बार ट्रिपिंग, और ट्रांसफार्मर जलने की घटनाएं आम हो गई हैं। रोस्टर से अधिक समय तक होने वाली बिजली कटौती ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। विशेष रूप से विवेकानंद स्कूल और गुरुद्वारा क्षेत्र में लगे ट्रांसफार्मरों की स्थिति अत्यंत खराब है।
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विवेकानंद स्कूल क्षेत्र: उपभोक्ताओं ने शिकायत की कि ट्रांसफार्मर से बिजली आपूर्ति शुरू होने के 15-20 मिनट बाद ही सप्लाई कट जाती है, जिसके कारण पूरी रात भीषण गर्मी में रहना मुश्किल हो जाता है।
गुरुद्वारा क्षेत्र: गुरुद्वारा में लगे ट्रांसफार्मर में बार-बार खराबी और जलने की घटनाएं हो रही हैं, जिससे उपभोक्ता परेशान हैं।
इन समस्याओं का कोई स्थायी समाधान न होने से लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
उपभोक्ताओं की शिकायतें और प्रयास
उपभोक्ताओं ने विद्युत समस्याओं के समाधान के लिए कई बार प्रयास किए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
हेल्पलाइन और शिकायतें: उपभोक्ताओं ने बिजली संबंधी शिकायतें टोल-फ्री नंबर 1912 और एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (IGRS) पर दर्ज कीं, लेकिन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ।
अधिकारियों की अनुपस्थिति: प्रदर्शन के दौरान उपभोक्ताओं ने बताया कि जब वे सब-डिविजनल ऑफिसर (SDO) और जूनियर इंजीनियर (JE) को फोन करते हैं, तो उनका फोन नहीं उठाया जाता। विद्युत उपकेंद्र मोतीपुर पर भी कोई अधिकारी मौजूद नहीं था, जिससे उपभोक्ताओं का गुस्सा और बढ़ गया।
प्रदर्शन और शिकायती पत्र
10 जुलाई 2025 को सैकड़ों की संख्या में नाराज उपभोक्ता विद्युत उपकेंद्र मोतीपुर पहुंचे और विद्युत विभाग के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। उपकेंद्र पर कोई अधिकारी न होने के कारण उपभोक्ताओं ने अधिशासी अभियंता के नाम एक शिकायती पत्र कार्यालय में मौजूद कर्मचारी को सौंपा। पत्र में निम्नलिखित मांगें शामिल थीं:
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ट्रांसफार्मर बार-बार जलने और खराब होने की समस्या का स्थायी समाधान।
नियमित और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना।
लो वोल्टेज, ओवरलोडिंग, और तार टूटने की समस्याओं का निवारण।
33,000 और 11,000 वोल्ट की लाइनों में बार-बार आने वाले फॉल्ट को ठीक करना।
अधिकारियों की जवाबदेही और शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई।
उपभोक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं, तो वे प्रदर्शन को और तेज करेंगे।
सामुदायिक प्रभाव
मिहींपुरवा में बिजली की समस्याओं ने न केवल घरेलू उपभोक्ताओं, बल्कि व्यापारियों और छात्रों को भी प्रभावित किया है।
दैनिक जीवन पर असर: बार-बार बिजली कटौती के कारण लोग रात में गर्मी और उमस में सो नहीं पा रहे हैं, और दिन में दैनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
व्यापार और शिक्षा: व्यापारियों का व्यवसाय ठप हो रहा है, और छात्रों की पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ रहा है।
स्वास्थ्य जोखिम: गर्मी और उमस के कारण बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
पूर्व में भी प्रदर्शन
मिहींपुरवा में बिजली समस्याओं को लेकर पहले भी प्रदर्शन हो चुके हैं। 2018 में उपभोक्ताओं ने रेलवे क्रॉसिंग चौराहे पर प्रदर्शन किया था, और हाल ही में 29 जून 2025 को मिहींपुरवा व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय सिंह के नेतृत्व में व्यापारियों ने चौराहे पर धरना दिया था। इन प्रदर्शनों के बावजूद समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं हो सका, जिससे उपभोक्ताओं में निराशा और आक्रोश बढ़ रहा है।
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विद्युत विभाग की जिम्मेदारी
उपभोक्ताओं का कहना है कि विद्युत विभाग की लापरवाही और अधिकारियों की उदासीनता के कारण समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। ट्रांसफार्मरों की ओवरलोडिंग और पुरानी बिजली लाइनों को समय पर न बदलने से बार-बार फॉल्ट और ट्रांसफार्मर जलने की घटनाएं हो रही हैं। उपभोक्ताओं ने मांग की है कि विभाग ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाए, नई लाइनें बिछाए, और नियमित रखरखाव सुनिश्चित करे।
समाधान के लिए सुझाव
ट्रांसफार्मर अपग्रेडेशन: उच्च क्षमता वाले ट्रांसफार्मर लगाए जाएं ताकि ओवरलोडिंग की समस्या खत्म हो।
लाइन रखरखाव: 33,000 और 11,000 वोल्ट की लाइनों का नियमित निरीक्षण और मरम्मत की जाए।
शिकायत निवारण: टोल-फ्री नंबर 1912 पर शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाए, और स्थानीय स्तर पर एक समर्पित शिकायत निवारण सेल स्थापित हो।
अधिकारियों की जवाबदेही: SDO और JE को उपभोक्ताओं की शिकायतों का जवाब देना अनिवार्य किया जाए।
लोड मैनेजमेंट: बिजली की मांग के अनुसार लोड को संतुलित करने के लिए तकनीकी उपाय किए जाएं।
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मिहींपुरवा में विद्युत उपभोक्ताओं का प्रदर्शन बिजली विभाग की लापरवाही और समस्याओं के प्रति उदासीनता का परिणाम है। उपभोक्ताओं ने अपनी मांगों को स्पष्ट रूप से रखा है और जल्द से जलद समाधान की उम्मीद कर रहे हैं। यह घटना प्रशासन और विद्युत विभाग के लिए एक चेतावनी है कि जनता की समस्याओं का त्वरित और प्रभावी समाधान न होने पर आक्रोश और बढ़ सकता है। विद्युत विभाग को चाहिए कि वह उपभोक्ताओं की शिकायतों को गंभीरता से ले और बिजली आपूर्ति को सुचारू करने के लिए ठोस कदम उठाए।