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Kairana news; कैराना में अनंगपुर मकान तोड़फोड़ के विरोध में प्रदर्शन, राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग

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अतुल्य भारत चेतना
मेहरबान अली कैरानवी

कैराना। हरियाणा के फरीदाबाद जिले के ऐतिहासिक गांव अनंगपुर तंवर में मकान तोड़ने की कार्रवाई के खिलाफ मंगलवार, 8 जुलाई 2025 को कैराना तहसील मुख्यालय पर कलस्यान गुर्जर खाप के युवाओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने एसडीएम कैराना को संबोधित एक ज्ञापन नायब तहसीलदार सतीश यादव को सौंपा, जिसमें उन्होंने अनंगपुर में वन विभाग द्वारा मकानों को तोड़े जाने पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया। साथ ही, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर तोड़फोड़ की कार्रवाई रोकने की मांग की।

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प्रदर्शन का विवरण

कैराना क्षेत्र के कलस्यान गुर्जर खाप के युवा भारी संख्या में तहसील मुख्यालय पर एकत्र हुए और नारेबाजी करते हुए जमकर प्रदर्शन किया। उन्होंने अनंगपुर में मकान तोड़ने की कार्रवाई को तुगलकी फरमान करार दिया और इसे ग्रामीणों के साथ अन्याय बताया। प्रदर्शन के बाद, युवाओं ने नायब तहसीलदार सतीश यादव को ज्ञापन सौंपा, जिसमें अनंगपुर गांव की स्थिति और वहां हो रहे अन्याय को विस्तार से उल्लेख किया गया।

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ज्ञापन का सार

ज्ञापन में बताया गया कि अनंगपुर तंवर गांव, जो फरीदाबाद में दिल्ली बॉर्डर के समीप स्थित है, सैकड़ों वर्षों से बसा हुआ है। गांव में लगभग 300 मकान हैं, जिनमें गुर्जर समाज सहित 36 बिरादरियों के लोग निवास करते हैं। ये लोग पीढ़ियों से अपनी पुश्तैनी जमीन पर बसे हुए हैं। हाल ही में वन विभाग ने इन मकानों को वन क्षेत्र की भूमि पर अवैध बताकर तोड़फोड़ शुरू की है। इस कार्रवाई से मासूम बच्चे और महिलाएं बेघर हो गए हैं, और कई लोगों को हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा है।

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ज्ञापन में कहा गया कि यह कार्रवाई देशभर में रोष का कारण बन रही है। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से इस मामले में हस्तक्षेप करने और मकान तोड़ने की कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाने की अपील की। उन्होंने मांग की कि ग्रामीणों के पुश्तैनी अधिकारों और उनकी आजीविका की रक्षा की जाए।

सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ

अनंगपुर में तोड़फोड़ की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अरावली वन क्षेत्र में अवैध निर्माण हटाने के लिए शुरू की गई थी। वन विभाग ने सर्वे में 6,000 से अधिक अवैध निर्माणों की पहचान की थी, जिनमें अनंगपुर, मेवला महाराजपुर, और अन्य गांव शामिल हैं। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि उनके मकान पुश्तैनी जमीन पर बने हैं, और उनके पास बिजली कनेक्शन, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, और परिवार पहचान पत्र जैसे सभी वैध दस्तावेज हैं। इस कार्रवाई के खिलाफ अनंगपुर में भी लगातार धरने और पंचायतें हो रही हैं, और 13 जुलाई को राष्ट्रीय स्तर की महापंचायत की घोषणा की गई है।कैराना में कलस्यान गुर्जर खाप का यह प्रदर्शन अनंगपुर के ग्रामीणों के समर्थन में क्षेत्रीय एकजुटता को दर्शाता है। प्रदर्शन में शामिल युवाओं ने इसे सामाजिक अन्याय और ग्रामीणों के अधिकारों का हनन बताया।

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उपस्थित प्रमुख व्यक्ति

प्रदर्शन में विलियम प्रधान, सूरज चौहान, बिजेंद्र शेखूपुरा, सौरव बुच्चाखेड़ी, फारुख मंडावर, जहांगीर गंदराऊ, रूपेश चौहान, दीपक जगनपुर, सतीश चौहान, अक्षय, मोहित, योगेश, ऋतिक, और अन्य युवा शामिल रहे। इन युवाओं ने एक स्वर में अनंगपुर के ग्रामीणों के साथ एकजुटता व्यक्त की और इस कार्रवाई को तत्काल रोकने की मांग की।

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सामाजिक प्रभाव

अनंगपुर में मकान तोड़ने की कार्रवाई ने न केवल हरियाणा, बल्कि पड़ोसी राज्यों में भी आक्रोश पैदा किया है। कैराना में हुआ यह प्रदर्शन इस मुद्दे की व्यापकता और सामाजिक संवेदनशीलता को दर्शाता है। ग्रामीणों का बेघर होना और उनकी पुश्तैनी जमीन पर खतरा सामाजिक और मानवीय संकट का कारण बन रहा है। यह मामला ग्रामीण अधिकारों, पर्यावरण संरक्षण, और प्रशासनिक नीतियों के बीच संतुलन की आवश्यकता को भी उजागर करता है।

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