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रईस
रुपईडीहा/बहराइच। बहराइच जिले के रुपईडीहा नगर पंचायत और आसपास के क्षेत्रों में कानून व्यवस्था बनाए रखने और आम नागरिकों में सुरक्षा की भावना को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से शनिवार, 5 जुलाई 2025 को रुपईडीहा पुलिस ने प्रादेशिक सशस्त्र बल (पीएसी) के साथ संयुक्त रूप से गश्त की। इस दौरान पुलिस और पीएसी जवानों ने प्रमुख बाजारों, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों, और संवेदनशील स्थानों पर फ्लैग मार्च कर शांति और सुरक्षा का संदेश दिया। इस गश्त का नेतृत्व थाना प्रभारी निरीक्षक रमेश रावत ने किया, जिनके साथ भारी संख्या में पुलिस बल और पीएसी के जवान शामिल रहे।
संयुक्त गश्त और फ्लैग मार्च
शनिवार को रुपईडीहा पुलिस और पीएसी के जवानों ने नगर पंचायत के प्रमुख बाजारों, जैसे मुख्य चौराहा, और अन्य भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में संयुक्त गश्त की। इसके अलावा, संवेदनशील स्थानों पर विशेष ध्यान दिया गया ताकि किसी भी संभावित अशांति को रोका जा सके। फ्लैग मार्च के दौरान पुलिस और पीएसी जवानों ने स्थानीय लोगों के बीच सुरक्षा का विश्वास जगाने के लिए सक्रिय उपस्थिति दर्ज की। यह गश्त आगामी त्योहारों, जैसे कि ताजिया सवारी और अन्य धार्मिक आयोजनों, को देखते हुए की गई ताकि शांति और व्यवस्था बनी रहे।

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थाना प्रभारी निरीक्षक रमेश रावत ने बताया, “यह संयुक्त गश्त आगामी त्योहारों और जनसुरक्षा के दृष्टिगत की गई है। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अशांति या अप्रिय घटना न हो। पुलिस और पीएसी बल पूरी तरह सतर्क है और क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़ी नजर रखी जा रही है।”
पीएसी की भूमिका
प्रादेशिक सशस्त्र बल (पीएसी) उत्तर प्रदेश पुलिस का एक महत्वपूर्ण सशस्त्र विंग है, जो विशेष रूप से त्योहारों, मेलों, चुनावों, और अन्य संवेदनशील अवसरों पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया जाता है। पीएसी के जवान इंसास सेमी-ऑटोमैटिक राइफलों से लैस होते हैं, लेकिन भीड़ नियंत्रण के दौरान आमतौर पर लाठी का उपयोग करते हैं। बहराइच जैसे क्षेत्रों में, जहां त्योहारों के दौरान भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा चुनौतीपूर्ण हो सकता है, पीएसी की उपस्थिति महत्वपूर्ण होती है। इस गश्त में पीएसी जवानों ने पुलिस के साथ मिलकर क्षेत्र में सघन निगरानी और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की।
आगामी त्योहारों के लिए सुरक्षा तैयारियां
आगामी त्योहारों, विशेष रूप से ताजिया सवारी और विसर्जन जैसे आयोजनों के मद्देनजर, पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने का निर्णय लिया है। थाना प्रभारी रमेश रावत ने बताया कि जुलूस मार्गों और संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा। इसके अलावा, सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन के माध्यम से निगरानी को और प्रभावी किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जुलूस आयोजकों के साथ समन्वय स्थापित कर शांतिपूर्ण आयोजन सुनिश्चित किए जाएंगे।

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सामुदायिक और सामाजिक संदर्भ
रुपईडीहा, बहराइच जिले का एक महत्वपूर्ण नगर पंचायत क्षेत्र है, जो भारत-नेपाल सीमा के निकट होने के कारण रणनीतिक और सामाजिक दृष्टि से संवेदनशील है। इस क्षेत्र में त्योहारों के दौरान बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होते हैं, जिसके लिए सुरक्षा और यातायात व्यवस्था का पुख्ता प्रबंधन आवश्यक है। हाल के वर्षों में बहराइच में कुछ संवेदनशील घटनाएं, जैसे कि अक्टूबर 2024 में महाराजगंज में हुई हिंसा, ने प्रशासन को और सतर्क कर दिया है। उस घटना के बाद पुलिस और पीएसी ने 20 किलोमीटर के दायरे में सघन गश्त और निगरानी की थी, जिसका अनुभव इस बार भी उपयोग में लाया जा रहा है।
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इस संयुक्त गश्त ने स्थानीय निवासियों में सुरक्षा की भावना को मजबूत किया और यह संदेश दिया कि प्रशासन किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों ने इस पहल की सराहना की और पुलिस प्रशासन के प्रति अपना विश्वास व्यक्त किया।
प्रशासन की अपील
थाना प्रभारी रमेश रावत ने नागरिकों से अपील की कि वे त्योहारों को आपसी सद्भाव और शांति के साथ मनाएं। उन्होंने कहा, “हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। प्रशासन और पुलिस आपके साथ हैं, और हम मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि त्योहार शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से संपन्न हों।”
प्रशासनिक और सामुदायिक प्रभाव
रुपईडीहा में पुलिस और पीएसी की इस संयुक्त गश्त ने न केवल कानून व्यवस्था को मजबूत किया, बल्कि स्थानीय समुदाय में विश्वास और एकता को भी बढ़ावा दिया। यह प्रयास बहराइच जिले में त्योहारों के दौरान शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पुलिस और पीएसी की सक्रियता ने यह स्पष्ट किया कि प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और जनता की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है।
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यह संयुक्त गश्त न केवल आगामी त्योहारों के लिए एक पूर्व तैयारी है, बल्कि सामुदायिक पुलिसिंग और प्रशासनिक जवाबदेही का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है। रुपईडीहा पुलिस और पीएसी के इस प्रयास ने क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है।