Breaking
Sun. Jun 8th, 2025

AAP’s Sanjay Singh Calls Police Officer ‘Lafandar’ Over Holi Remark – Controversy Erupts

By News Desk Mar 12, 2025
Spread the love

AAP’s Sanjay Singh Calls Police Officer ‘Lafandar’ Over Holi Remark – Controversy Erupts

परिचय

आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह द्वारा उत्तर प्रदेश पुलिस अधिकारी अनुज चौधरी को ‘लफंडर’ कहे जाने के बाद एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब सर्कल ऑफिसर (CO) अनुज चौधरी ने होली और जुम्मा (शुक्रवार की नमाज) एक ही दिन पड़ने को लेकर कानून व्यवस्था बनाए रखने के संबंध में एक बयान दिया। संजय सिंह की इस टिप्पणी ने राजनीतिक गलियारों, पुलिस अधिकारियों और आम जनता के बीच तीखी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं।

विवाद की पृष्ठभूमि

होली और जुम्मा दोनों ही अपने-अपने समुदायों के लिए महत्वपूर्ण अवसर हैं। इस वर्ष, ये दोनों पर्व एक ही दिन पड़े, जिससे कानून-व्यवस्था को लेकर चिंताएं बढ़ गईं। उत्तर प्रदेश के संभल जिले के सीओ अनुज चौधरी ने शांति और सौहार्द्र बनाए रखने की अपील करते हुए एक बयान दिया। हालांकि, कुछ राजनीतिक नेताओं ने उनके बयान को एक विशेष समुदाय के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित बताया।

संजय सिंह का बयान

सीओ अनुज चौधरी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए संजय सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा:

“यह लफंडर टाइप का सीओ है, जो सिर्फ सरकार की गुलामी करता है। कोई मुसलमान यह नहीं कह रहा कि वह होली पर कोई दिक्कत करेगा। यह अपनी नौकरी बचाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं।”

इस बयान के बाद सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई और संजय सिंह की कड़ी आलोचना शुरू हो गई।

प्रतिक्रियाएं और नाराजगी

सीओ अनुज चौधरी के समर्थन में आवाजें

ओलंपिक पहलवान योगेश्वर दत्त सहित कई पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं ने संजय सिंह की टिप्पणी की आलोचना की। योगेश्वर दत्त ने ट्वीट कर कहा:

“एक सम्मानित पुलिस अधिकारी, जिसने देश की सेवा की है, उनके लिए इस तरह की भाषा का प्रयोग करना अशोभनीय है। यह पुलिस बल का अपमान है।”

इसके अलावा, कई अन्य पुलिस अधिकारियों ने भी अनुज चौधरी का समर्थन किया और कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना उनकी जिम्मेदारी है और उन्हें अपमानित नहीं किया जाना चाहिए।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

इस विवाद ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी। भाजपा नेताओं ने आम आदमी पार्टी पर पुलिस बल का अपमान करने और साम्प्रदायिक तनाव फैलाने का आरोप लगाया।

एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा:

“आप नेताओं की यह आदत बन गई है कि वे उन अधिकारियों पर निशाना साधते हैं जो अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। यह पुलिस बल को बदनाम करने और समाज को बांटने का प्रयास है।”

वहीं, आम आदमी पार्टी के नेताओं ने संजय सिंह का बचाव करते हुए कहा कि वे केवल यह बता रहे थे कि कुछ अधिकारी सरकार की चापलूसी करने के लिए अनावश्यक बयान देते हैं।

जनता की प्रतिक्रिया

यह विवाद जनता के बीच भी चर्चा का विषय बन गया है। कुछ लोगों का मानना है कि संजय सिंह की भाषा अनुचित थी, जबकि कुछ का कहना है कि सरकारी अधिकारियों को भी अपने बयानों में संतुलन बनाए रखना चाहिए ताकि सामाजिक सौहार्द्र प्रभावित न हो। सोशल मीडिया पर लोग इस मुद्दे पर बंटे हुए नजर आ रहे हैं।

राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव

यह विवाद उत्तर प्रदेश और दिल्ली में चल रही राजनीतिक खींचतान को और बढ़ा सकता है। यह घटना इस बात पर भी सवाल उठाती है कि राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों को संवेदनशील मुद्दों पर किस तरह बयान देना चाहिए।

राजनीतिक नेताओं की भाषा का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यदि वे पुलिस अधिकारियों या अन्य सरकारी सेवकों के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं, तो इससे नकारात्मक संदेश जाता है और कानून-व्यवस्था पर भी असर पड़ता है।

निष्कर्ष

AAP सांसद संजय सिंह द्वारा सीओ अनुज चौधरी के खिलाफ की गई टिप्पणी ने दिखाया कि भारत में किस प्रकार राजनीतिक मुद्दे तूल पकड़ लेते हैं। लोकतंत्र में सरकारी अधिकारियों की आलोचना करना सामान्य बात है, लेकिन अपमानजनक भाषा का उपयोग पुलिस बल के मनोबल को प्रभावित कर सकता है।

वहीं, यह भी आवश्यक है कि पुलिस अधिकारी निष्पक्ष रहें और ऐसे बयान न दें जिससे किसी समुदाय को ठेस पहुंचे। भारत जैसे विविधता भरे देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखना ही सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या संजय सिंह के इस बयान पर कोई कानूनी या राजनीतिक कार्रवाई होती है या फिर यह विवाद समय के साथ ठंडा पड़ जाता है।

Responsive Ad Your Ad Alt Text
Responsive Ad Your Ad Alt Text

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Responsive Ad Your Ad Alt Text