नेहा सिंह राठौर, एक प्रसिद्ध भोजपुरी लोक गायिका और सामाजिक-राजनीतिक व्यंग्यकार, एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले पर उनकी विवादित टिप्पणियों के कारण उनके खिलाफ लखनऊ और पटना में FIR दर्ज की गई है। नेहा के सोशल मीडिया पोस्ट और वीडियो, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला, को लेकर गंभीर आरोप लगे हैं, जिनमें राष्ट्रद्रोह, सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने और राष्ट्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाने जैसे इल्जाम शामिल हैं। इस समाचार में हम नेहा सिंह राठौर के जीवन, उनके करियर, और इस विवाद के सभी पहलुओं का विस्तार से विश्लेषण करेंगे।
नेहा सिंह राठौर कौन हैं?
नेहा सिंह राठौर का जन्म 1997 में बिहार के कैमूर जिले के जंदहा में हुआ था। उनके पिता एक आर्किटेक्ट हैं, जबकि उनकी मां एक गायिका और गृहिणी हैं। नेहा तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं। उन्होंने 2018 में कानपुर विश्वविद्यालय से बी.एससी. की डिग्री हासिल की। 2019 में, नेहा ने अपने भोजपुरी लोक गीतों की रचना और गायन शुरू किया, जिन्हें उन्होंने अपने फोन पर रिकॉर्ड कर फेसबुक पर अपलोड किया। उनके गीत सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों, जैसे महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और सरकारी नीतियों पर व्यंग्य करते हैं, जिसने उन्हें युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाया।
नेहा के गाने, जैसे “बिहार में का बा?” (2020), “यूपी में का बा?” (2022), “यूपी में का बा? सेशन-2” (2023), और “एमपी में का बा?” (2023), सोशल मीडिया पर वायरल हुए। उनके गीत भोजपुरी कवियों भिखारी ठाकुर और महेंद्र मिसिर से प्रेरित हैं। 2022 में, नेहा ने अंबेडकरनगर, उत्तर प्रदेश के हिमांशु सिंह से शादी की, जिसके बाद वह उत्तर प्रदेश की बहू बन गईं। नेहा का एक गीत “इलाहाबाद यूनिवर्सिटी” पर भी खूब वायरल हुआ था, जिसने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
हालांकि, नेहा का करियर हमेशा विवादों से घिरा रहा। “यूपी में का बा?” और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर उनके गानों के कारण पहले भी उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाइयां हुईं। 2024 में, मध्य प्रदेश के सीधी पेशाब कांड पर उनके ट्वीट के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी, जिसे हाई कोर्ट ने रद्द करने से इनकार कर दिया था।
पहलगाम आतंकी हमला: पृष्ठभूमि
22 अप्रैल 2025 को, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई, जिनमें ज्यादातर हिंदू पर्यटक थे। हमलावरों ने कथित तौर पर 20 मिनट तक गोलीबारी की, जिसमें 1000-1500 पर्यटक मौजूद थे। प्रारंभिक जांच में विदेशी आतंकियों की संलिप्तता के संकेत मिले हैं, और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को इसकी जांच सौंपी गई है। इस हमले ने देशभर में गुस्से और शोक की लहर दौड़ा दी। केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए, जिसमें सिंधु जल समझौते को रद्द करना शामिल है।
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नेहा सिंह राठौर का विवादित बयान
पहलगाम हमले के तुरंत बाद, नेहा सिंह राठौर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल @nehafolksinger पर कई पोस्ट और वीडियो शेयर किए, जिनमें उन्होंने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। उनके कुछ प्रमुख बयान निम्नलिखित हैं:
- 22 अप्रैल 2025: नेहा ने लिखा, “जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ और पर्यटकों की हत्या कर दी गई। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। कश्मीर की शांति आतंकवादियों की मेहरबानी पर टिकी है क्या मोदीजी?” उन्होंने सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, “आपकी चौकीदारी में कैसे चूक हो गई? आपने तो नोटबंदी करके आतंकियों की कमर तोड़ दी थी। फिर ये कैसे हो गया?”
- 23 अप्रैल 2025: नेहा ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा, “एक फोन कॉल से दूसरे देशों में युद्ध रुकवाने वाले अपने देश में आतंकवादी हमला नहीं रोक पाए। आतंकवादी हमले में देश के लोग मारे जा रहे हैं तो सवाल किस मुद्दे पर करूं? नरेंद्र मोदी की सरकार में ये हमला हुआ तो जिन्ना और नेहरू से सवाल पूछा जाए? पुलवामा हमले पर वोट मांगने वाला यह आदमी पहलगाम पर वोट मांगेगा और अंधभक्त मास्टर स्ट्रोक बताकर वोट देंगे।”
- 25 अप्रैल 2025: नेहा ने एक और वीडियो में कहा, “56 इंच की छाती और लाल आंखों वाले प्रधानमंत्री सवालों से परे हैं? जो व्यक्ति रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवा सकता है, वह अपने देश में आतंकी हमले नहीं रोक पा रहा है।” उन्होंने दावा किया कि यह हमला बिहार चुनाव में राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
नेहा ने हमले को “सरकारी प्रोपेगेंडा” करार दिया और कहा कि यह सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की विफलता का परिणाम है। उनके इन बयानों को पाकिस्तानी मीडिया और सोशल मीडिया पेजों, जैसे PTI Promotion, ने खूब बढ़ा-चढ़ाकर शेयर किया। एक पाकिस्तानी पेज ने दावा किया, “इस भारतीय लड़की ने पहलगाम हमले के पीछे की सच्चाई और कारण का खुलासा किया।”
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FIR और कानूनी कार्रवाई
नेहा के बयानों के बाद, उनके खिलाफ लखनऊ और पटना में FIR दर्ज की गई। इन कार्रवाइयों का विवरण निम्नलिखित है:
लखनऊ में FIR
- स्थान: हजरतगंज थाना, लखनऊ
- शिकायतकर्ता: कवि अभय प्रताप सिंह उर्फ निर्भीक
- तारीख: 27 अप्रैल 2025
- आरोप: नेहा पर भारतीय दंड संहिता (BNS 2023) की धाराओं 196(1)(a), 196(1)(b), 197(1)(a), 197(1)(b), 197(1)(c), 197(1)(d), 353(1)(c), 353(2), 302, 152 और आईटी एक्ट की धारा 69A के तहत मामला दर्ज किया गया। इन धाराओं में राष्ट्रद्रोह, सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने, राष्ट्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाने, और दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
- आरोपों का आधार: शिकायतकर्ता ने दावा किया कि नेहा के बयान पाकिस्तान में वायरल हो रहे हैं और वहां की मीडिया इनका इस्तेमाल भारत के खिलाफ प्रचार के लिए कर रही है। उनके बयानों को “राष्ट्र-विरोधी” और “भड़काऊ” करार दिया गया, जो कथित तौर पर एक विशेष धर्म को निशाना बनाते हैं।
- अतिरिक्त मांग: गाजियाबाद से बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने नेहा के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की मांग की। उन्होंने नेहा को “ISI की एजेंट” और “आतंकी संगठन TRF की सदस्य” तक कह डाला।
पटना में शिकायत
- स्थान: गांधी मैदान थाना, पटना
- शिकायतकर्ता: भाजयुमो नेता कृष्णा सिंह कल्लू
- तारीख: 28 अप्रैल 2025
- आरोप: नेहा पर भारत और प्रधानमंत्री के खिलाफ “देश-विरोधी” टिप्पणी करने और पाकिस्तान से मिलीभगत का आरोप लगाया गया। शिकायत में कहा गया कि उनके बयान दो समुदायों के बीच सौहार्द बिगाड़ने और शांति व्यवस्था भंग करने वाले हैं।
- विशेष दावा: शिकायतकर्ता ने कहा कि नेहा ने पहले भी पुलवामा हमले पर राजनीति की थी और अब पहलगाम हमले पर विवादित बयान दे रही हैं, जिन्हें पाकिस्तानी मीडिया भारत के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है।
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नेहा की प्रतिक्रिया
FIR दर्ज होने के बाद, नेहा ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने 28 अप्रैल 2025 को एक पोस्ट में लिखा, “मेरे ऊपर FIR हो गई है…होनी भी चाहिए। एक मामूली लड़की इतने बड़े लोकतंत्र में सवाल कैसे पूछ सकती है! लोकतंत्र का साइज़ तो देखो!” उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया।
नेहा ने एक अन्य पोस्ट में आर्थिक मदद की गुहार लगाई, जिसमें उन्होंने कहा कि उनके बैंक खाते में केवल 519 रुपये हैं और उनके पास वकील की फीस देने के लिए पैसे नहीं हैं। इस पोस्ट ने उनके समर्थकों के बीच सहानुभूति पैदा की, लेकिन उनके आलोचकों ने इसे “ड्रामा” करार दिया।
विवाद के विभिन्न पहलू
समर्थकों का दृष्टिकोण
नेहा के समर्थक उनके बयानों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा मानते हैं। उनका कहना है कि एक लोकतंत्र में सरकार की आलोचना करना हर नागरिक का अधिकार है। कुछ ने तर्क दिया कि नेहा ने केवल सुरक्षा चूक पर सवाल उठाए, जो एक जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य है। उनके समर्थकों ने यह भी कहा कि उनके बयानों को पाकिस्तानी मीडिया द्वारा तोड़-मरोड़कर पेश किया गया, जिसके लिए नेहा को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
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आलोचकों का दृष्टिकोण
नेहा के आलोचकों, जिनमें बीजेपी नेता और कुछ सोशल मीडिया यूजर्स शामिल हैं, ने उनके बयानों को “राष्ट्र-विरोधी” और “पाकिस्तान समर्थित” करार दिया। उनका दावा है कि नेहा ने जानबूझकर एक संवेदनशील मुद्दे को राजनीतिक रंग दिया और एक विशेष समुदाय को निशाना बनाया। गाजियाबाद विधायक नंद किशोर गुर्जर जैसे नेताओं ने नेहा को “देशद्रोही” तक कहा और उनकी गिरफ्तारी की मांग की। कुछ ने यह भी आरोप लगाया कि नेहा के बयान ISI और आतंकी संगठनों के लिए प्रचार सामग्री बन रहे हैं।
पाकिस्तान का कोण
नेहा के वीडियो और ट्वीट को पाकिस्तानी सोशल मीडिया पेजों और मीडिया ने खूब शेयर किया। PTI Promotion जैसे पेज ने उनके बयानों को “भारत की सच्चाई” के रूप में पेश किया। इससे भारत में यह धारणा बनी कि नेहा के बयान भारत के खिलाफ प्रचार के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं। हालांकि, कोई ठोस सबूत नहीं है कि नेहा का पाकिस्तानी एजेंसियों से कोई सीधा संबंध है।
कानूनी और सामाजिक प्रभाव
नेहा के खिलाफ दर्ज FIR ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राष्ट्रद्रोह कानूनों के दुरुपयोग पर बहस छेड़ दी है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि नेहा के बयान भले ही तीखे हों, लेकिन वे राष्ट्रद्रोह जैसे गंभीर आरोपों के दायरे में नहीं आते। दूसरी ओर, सरकार समर्थक तर्क देते हैं कि संवेदनशील मुद्दों पर ऐसी टिप्पणियां सामाजिक अशांति पैदा कर सकती हैं।
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सामाजिक स्तर पर, यह विवाद नेहा को और अधिक ध्रुवीकृत व्यक्ति बना रहा है। उनके समर्थक उन्हें एक नन्हीं लड़की के रूप में देखते हैं जो सत्ता से सवाल पूछ रही है, जबकि उनके आलोचक उन्हें “अराजक तत्व” मानते हैं। कवयित्री अनामिका जैन अंबर ने नेहा पर निशाना साधते हुए कहा, “अगर आपमें सच कहने की हिम्मत नहीं है तो देश के लोगों को गाली देना बंद करें।”
निष्कर्ष
नेहा सिंह राठौर का पहलगाम आतंकी हमले पर बयान और उसके बाद दर्ज FIR ने भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, राष्ट्रीय सुरक्षा, और सामाजिक-राजनीतिक व्यंग्य के बीच तनाव को उजागर किया है। एक ओर, नेहा की आलोचना को सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर, उनके बयानों को राष्ट्रीय हितों के खिलाफ माना जा रहा है। यह मामला अभी कोर्ट में है, और इसकी सुनवाई से यह स्पष्ट होगा कि नेहा के बयान कानूनी रूप से कितने आपत्तिजनक थे।
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इस बीच, नेहा ने अपने सोशल मीडिया पर सक्रियता जारी रखी है, जिससे यह विवाद और गहरा सकता है। यह मामला न केवल नेहा के भविष्य को प्रभावित करेगा, बल्कि भारत में सोशल मीडिया पर राजनीतिक आलोचना के लिए कानूनी सीमाओं को भी परिभाषित कर सकता है।