Breaking
Fri. Jul 25th, 2025

Amarwara news; हरियाली अमावस्या पर पौधा वितरण की तैयारी, थावड़ी में संकल्प सोसाइटी ने तैयार की 1000 पौधों की नर्सरी

Spread the love

अतुल्य भारत चेतना
डॉ. मीरा पराड़कर

अमरवाड़ा/छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक और पर्यावरणीय परंपराओं को संजोने वाला हरियाली अमावस्या पर्व 24 जुलाई 2025 को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर पर मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के नवांकुर सखी कार्यक्रम के अंतर्गत अमरवाड़ा के ग्राम थावड़ी कला में संकल्प वेलफेयर सोसाइटी द्वारा पौधा वितरण की व्यापक तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। सोसाइटी ने हरियाली अमावस्या के लिए 1000 पौधों की नर्सरी तैयार की है, जिसमें मुनगा, जामुन, आम, नीम, और पपीता जैसे पौधे शामिल हैं।

नर्सरी का अवलोकन और तैयारियां

जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक अखिलेश जैन ने थावड़ी कला में संकल्प वेलफेयर सोसाइटी की नर्सरी का अवलोकन किया। उन्होंने बताया कि नर्सरी में तैयार किए गए पौधों को हरियाली अमावस्या के दिन नवांकुर सखी महिलाओं को वितरित किया जाएगा। इस आयोजन में कलश यात्रा, संगोष्ठी, और बैठक का आयोजन होगा, जिसमें महिलाओं को पौधों की देखभाल और पोषण की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। जैन ने कहा, “ये पौधे न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान देंगे, बल्कि सामाजिक आयोजनों जैसे जन्मदिन, सालगिरह, और पुण्यतिथि पर वितरण के लिए भी उपयोगी होंगे।”

इसे भी पढ़ें : Shiv Mandir Lucknow; लखनऊ स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर और उनकी महिमा

नर्सरी में 1500 बीजों का अंकुरण कार्य प्रगति पर है, जिसे सोसाइटी ने स्थानीय समुदाय के सहयोग से शुरू किया है। संकल्प वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. चंद्रकांत विश्वकर्मा ने बताया, “हमारा उद्देश्य हरियाली अमावस्या के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक जागरूकता को बढ़ावा देना है। नवांकुर सखी महिलाएं इस अभियान की रीढ़ हैं, जो पौधों की देखभाल और वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।” उन्होंने सभी सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस आयोजन को सफल बनाने में समुदाय का मार्गदर्शन और सहयोग अनमोल है।

हरियाली अमावस्या का महत्व

हरियाली अमावस्या, जो श्रावण मास के कृष्ण पक्ष में मनाई जाती है, पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का पर्व है। इस दिन पौधरोपण, पितरों का तर्पण, और दान-पुण्य का विशेष महत्व है। मध्यप्रदेश के मालवा और निमाड़ क्षेत्रों में इस पर्व को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है, जहां लोग गेहूं, ज्वार, चना, और मक्का की सांकेतिक बुआई कर कृषि उत्पादन का अनुमान लगाते हैं। इस वर्ष हरियाली अमावस्या श्रीवत्स योग, रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, और पुष्प नक्षत्र के शुभ संयोग में मनाई जाएगी, जिससे इसका धार्मिक और पर्यावरणीय महत्व और बढ़ जाता है।

इसे भी पढ़ें : ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही हिना खान बनीं कोरिया टूरिज्म की ब्रांड एंबेसडर

पौधों का चयन और वितरण

नर्सरी में तैयार किए गए पौधों में मुनगा, जामुन, आम, नीम, और पपीता शामिल हैं, जो न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी हैं, बल्कि औषधीय और फलदार गुणों से भी युक्त हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, नीम, आम, और अनार जैसे पौधे घर के समीप शुभ माने जाते हैं, जबकि पपीता और जामुन पोषण और स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हैं। इन पौधों को नवांकुर सखी महिलाओं को वितरित किया जाएगा, जो इन्हें अपने गांवों में रोपेंगी और उनकी देखभाल करेंगी।

इसे भी पढ़ें : श्रावस्ती जिले के पौराणिक इतिहास एवं भौगोलिक विस्तार तथा यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में पूरी जानकारी

विकासखंड समन्वयक वंदना राकेशिया ने बताया, “पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी महिलाओं को सौंपने से न केवल पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा, बल्कि महिलाओं में आत्मविश्वास और सामाजिक जिम्मेदारी का भाव भी जागृत होगा।” पौधों का वितरण विशेष आयोजनों जैसे जन्मदिन, सालगिरह, और पुण्यतिथि पर भी किया जाएगा, जिससे सामुदायिक स्तर पर हरियाली को बढ़ावा मिलेगा।

उपस्थित पदाधिकारी और सहयोगी

नर्सरी अवलोकन के दौरान संकल्प वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. चंद्रकांत विश्वकर्मा, मेंटर राजेश तिवारी, राजकुमार मालवी, भुवनेश्वर सूर्यवंशी, डी.पी. मालवीय, सूरसिंग वर्मा, जय कुमार, सतीश मालवी, वृंदावन वर्मा, और ग्राम विकास प्रस्फुरण समिति, थावड़ी के अध्यक्ष व अन्य सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने इस पर्यावरणीय पहल की सराहना की और इसे सफल बनाने का संकल्प लिया।

सामुदायिक और पर्यावरणीय प्रभाव

हरियाली अमावस्या का यह आयोजन छिंदवाड़ा जिले में पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। संकल्प वेलफेयर सोसाइटी और नवांकुर सखी कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर मिल रहा है। स्थानीय निवासी रमेश वर्मा ने कहा, “यह आयोजन हमारे गांव को हरा-भरा बनाने के साथ-साथ हमारी सांस्कृतिक परंपराओं को भी जीवित रखता है।” अखिलेश जैन ने जोड़ा, “पौधरोपण केवल पर्यावरण संरक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक एकता और महिलाओं के सशक्तिकरण का भी प्रतीक है। नवांकुर सखी महिलाएं इस अभियान को गांव-गांव तक ले जाएंगी।”

इसे भी पढ़ें : गर्मी में कूलर को बनाएं AC : आसान हैक्स और टिप्स

भविष्य की योजनाएं

संकल्प वेलफेयर सोसाइटी ने भविष्य में और अधिक नर्सरियां स्थापित करने और पौधरोपण अभियान को जिले के अन्य हिस्सों में विस्तार देने की योजना बनाई है। डॉ. चंद्रकांत विश्वकर्मा ने बताया, “हमारा लक्ष्य है कि हरियाली अमावस्या के अवसर पर न केवल पौधे वितरित किए जाएं, बल्कि इनकी देखभाल और संरक्षण के लिए एक दीर्घकालिक योजना बनाई जाए।” सोसाइटी ने स्थानीय स्कूलों और सामुदायिक संगठनों को भी इस अभियान में शामिल करने की अपील की है।

Responsive Ad Your Ad Alt Text
Responsive Ad Your Ad Alt Text

Related Post

Responsive Ad Your Ad Alt Text