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Chhindwara news; भुजालिया उत्सव की तैयारी के लिए छोटी बाजार श्री बड़ी माता मंदिर समिति की बैठक 25 जुलाई को

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अतुल्य भारत चेतना
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छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक परंपराओं में विशेष स्थान रखने वाला भुजालिया उत्सव प्रत्येक वर्ष रक्षाबंधन के द्वितीय दिवस पर बड़े धूमधाम और श्रद्धा-भाव के साथ मनाया जाता है। छिंदवाड़ा की धर्म नगरी छोटी बाजार में स्थित श्री बड़ी माता मंदिर, जो इस पर्व का पारंपरिक आयोजन स्थल है, में भुजालिया रोपण और शोभायात्रा का भव्य आयोजन किया जाता है। इस पर्व की भव्यता और धार्मिक महत्व को बनाए रखने के लिए आगामी आयोजन को सफल और सुव्यवस्थित बनाने हेतु एक विशेष बैठक का आयोजन गुरुवार, 25 जुलाई 2025 को शाम 6 बजे श्री रामलीला रंगमंच, छोटी बाजार में रखा गया है।

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भुजालिया उत्सव का महत्व

भुजालिया उत्सव मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा क्षेत्र की एक अनूठी सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा है, जो कृषि और सामुदायिक एकता का प्रतीक है। इस पर्व में जौ के पौधों को रोपकर उनकी पूजा की जाती है, जो समृद्धि और सुख की कामना का प्रतीक है। यह उत्सव श्री बड़ी माता के प्रति श्रद्धा और भक्ति को व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है। छोटी बाजार का श्री बड़ी माता मंदिर इस आयोजन का केंद्रीय स्थल है, जहां हर वर्ष हजारों श्रद्धालु भुजालिया रोपण और शोभायात्रा में हिस्सा लेते हैं।

बैठक का उद्देश्य

आगामी भुजालिया उत्सव को और भव्य बनाने के लिए भुजालिया उत्सव समिति ने यह बैठक बुलाई है। समिति के अध्यक्ष ट्विंकल चरणागर और सचिव कुशल शुक्ला ने सभी हिंदू सनातनी प्रेमियों से अपील की है कि वे इस बैठक में अधिक से अधिक संख्या में शामिल हों। बैठक का उद्देश्य आयोजन की योजना को अंतिम रूप देना, सुरक्षा और व्यवस्था सुनिश्चित करना, और समुदाय के सुझावों को शामिल करना है।

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ट्विंकल चरणागर ने कहा, “भुजालिया उत्सव हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न अंग है। हम चाहते हैं कि यह आयोजन हर वर्ष और अधिक भव्य हो। इसके लिए समुदाय का सहयोग और सुझाव बहुत महत्वपूर्ण हैं।” कुशल शुक्ला ने जोड़ा, “हम सभी सनातनी भाइयों और बहनों से अनुरोध करते हैं कि वे 25 जुलाई की बैठक में उपस्थित होकर इस पर्व की गरिमा बढ़ाने में योगदान दें।”

आयोजन की तैयारियां

बैठक में निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी:

भुजालिया रोपण और शोभायात्रा की तारीख और समय का निर्धारण।

मंदिर परिसर और शोभायात्रा मार्ग की सजावट और स्वच्छता की व्यवस्था।

सुरक्षा इंतजाम: पुलिस और प्रशासन के साथ समन्वय कर श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना।

सामुदायिक सहभागिता: स्थानीय संगठनों, स्कूलों, और युवाओं को आयोजन में शामिल करने की योजना।

सांस्कृतिक कार्यक्रम: भुजालिया उत्सव के दौरान भक्ति संगीत, नृत्य, और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन।

सामुदायिक और सांस्कृतिक महत्व

छिंदवाड़ा की छोटी बाजार क्षेत्र की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान में श्री बड़ी माता मंदिर का विशेष स्थान है। भुजालिया उत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह स्थानीय समुदाय को एकजुट करने और सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित करने का अवसर भी प्रदान करता है। इस उत्सव में शामिल होने वाले श्रद्धालु जौ के पौधों को रोपते हैं और माता की पूजा-अर्चना करते हैं, जो समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना का प्रतीक है।

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स्थानीय निवासी रमेश साहू ने कहा, “भुजालिया उत्सव हमारी परंपराओं का गौरव है। यह आयोजन हर साल हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है और सामुदायिक एकता को मजबूत करता है।” एक अन्य निवासी सुनीता बाई ने बताया, “श्री बड़ी माता मंदिर में भुजालिया उत्सव का आयोजन देखने लायक होता है। हम सभी इस बैठक में हिस्सा लेंगे ताकि इस बार का आयोजन और भव्य हो।”

समुदाय से अपील

भुजालिया उत्सव समिति ने स्थानीय व्यापारियों, सामाजिक संगठनों, और युवाओं से इस आयोजन में सक्रिय भागीदारी की अपील की है। समिति ने यह भी सुनिश्चित किया है कि आयोजन के दौरान स्वच्छता, सुरक्षा, और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए स्थानीय प्रशासन और नगर निगम के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है।

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भविष्य की योजनाएं

समिति ने भुजालिया उत्सव को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की योजना बनाई है। इसके लिए भविष्य में सांस्कृतिक मेलों, पर्यटन प्रोत्साहन, और डिजिटल प्रचार की रणनीति पर काम किया जाएगा। ट्विंकल चरणागर ने कहा, “हम चाहते हैं कि भुजालिया उत्सव न केवल छिंदवाड़ा, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश और देश में अपनी पहचान बनाए। इसके लिए हम सभी के सहयोग की अपेक्षा करते हैं।”

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