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रईस
रूपईडीहा/बहराइच। पड़ोसी देश नेपाल के बांके जिले के कोहलपुर में सुरखेत पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली नेपाली मुद्रा और भारी मात्रा में अफीम के साथ एक तथाकथित पत्रकार सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर की गई, जिसने एक संगठित आपराधिक गिरोह के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। सुरखेत पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आगे की जाँच शुरू कर दी है, ताकि इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों का पता लगाया जा सके।
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सुरखेत पुलिस की कार्रवाई
जिला प्रहरी कार्यालय, सुरखेत के प्रवक्ता और डीएसपी मोहन जंग थापा ने बताया कि यह कार्रवाई दो दिन पहले 12 लाख नेपाली रुपये की नकली मुद्रा के साथ कुछ लोगों की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुई जाँच के आधार पर की गई। जाँच के दौरान कोहलपुर में एक तथाकथित मीडिया संस्थान पर नजर रखी गई, जिसके परिणामस्वरूप मंगलवार, 15 जुलाई 2025 को छापेमारी की गई। लागुऔषधि नियन्त्रण ब्यूरो नेपालगंज और जिला प्रहरी कार्यालय सुरखेत की संयुक्त टीम ने कोहलपुर के वार्ड नंबर-11, न्यू रोड स्थित जनगर्जन नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय पर छापा मारा। इस दौरान पुलिस ने नकली मुद्रा और अफीम की भारी मात्रा बरामद की।
बरामद सामग्री और गिरफ्तारियाँ
छापेमारी में पुलिस ने निम्नलिखित सामग्री बरामद की:
51,000 नेपाली रुपये की नकली मुद्रा (1000 रुपये के 51 नकली नोट)
19 किलो 335 ग्राम अफीम, जो 15 प्लास्टिक बैग में पैक थी
नकली नोट छापने की मशीन
एक मोटरसाइकिल
एक मोबाइल फोन
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गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान मन बहादुर सहकारी (34 वर्ष, कालिकोट के नरहरिनाथ ग्रामीण नगरपालिका के स्थायी निवासी, वर्तमान में कोहलपुर-11, बांके में निवास) और सपना पुन (रुकुम जिले के बाफेकोट नगरपालिका वार्ड नंबर-10 की निवासी) के रूप में हुई है। मन बहादुर सहकारी स्वयं को पत्रकार बताता है और जनगर्जन नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड का संचालक है। पुलिस का मानना है कि इस मीडिया संस्थान का उपयोग अवैध गतिविधियों को छिपाने के लिए किया जा रहा था।
संगठित गिरोह का पर्दाफाश
सुरखेत पुलिस ने आशंका जताई है कि यह एक संगठित आपराधिक गिरोह का हिस्सा है, जो नकली मुद्रा छापने और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे गोरखधंधों में लिप्त है। डीएसपी थापा ने बताया कि प्रारंभिक जाँच में पता चला है कि इस गिरोह ने लगभग 2 लाख रुपये की नकली मुद्रा को असली मुद्रा में बदल लिया था। यह गिरोह सुरखेत और जाजरकोट के स्थानीय व्यापारियों से अफीम खरीदने के लिए नकली मुद्रा का उपयोग कर रहा था।
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पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि इस गिरोह में शामिल लोग नकली नोट छापने और अफीम की तस्करी के लिए एक सुनियोजित नेटवर्क का हिस्सा हैं। इस कार्रवाई में पहले दिन, 15 जुलाई को सुबह 1:30 बजे, बीरेन्द्रनगर-10, शांतितोल से दिलमाया सिंह ठकुरी को 6 नकली 1000 रुपये के नोटों के साथ गिरफ्तार किया गया था। उसी दिन शाम 6 बजे, उनके किराए के कमरे से राम बहादुर सिंह को 1,236 नकली नोटों (कुल 12.36 लाख रुपये) के साथ पकड़ा गया। रात 10 बजे, भेरीगंगा-12 के ठकुरी टोल से दो अन्य संदिग्धों, कृष्ण बहादुर वली और प्रेम बहादुर बीके, को 11.372 किलोग्राम अफीम के साथ गिरफ्तार किया गया।
भारत-नेपाल सीमा पर प्रभाव
रूपईडीहा, जो भारत-नेपाल सीमा पर एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और आवागमन का केंद्र है, इस घटना से प्रभावित हो सकता है। भारत और नेपाल के बीच खुली सीमा के कारण नकली मुद्रा और मादक पदार्थों की तस्करी एक गंभीर समस्या रही है। इस तरह की घटनाएँ दोनों देशों के बीच सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर चिंताएँ बढ़ाती हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की कार्रवाइयाँ अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने में महत्वपूर्ण हैं, लेकिन सीमा पर और अधिक सतर्कता की आवश्यकता है।
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आगे की जाँच और कार्रवाई
सुरखेत पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार संदिग्धों के खिलाफ नेपाल के नारकोटिक्स ड्रग कंट्रोल एक्ट और नकली मुद्रा से संबंधित कानूनों के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह नेटवर्क अन्य क्षेत्रों या देशों तक फैला हुआ है। डीएसपी थापा ने कहा, “हमारी जाँच से पता चल रहा है कि यह एक बड़ा संगठित गिरोह है, जो न केवल नकली मुद्रा बल्कि मादक पदार्थों की तस्करी में भी शामिल है। हम इसे जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
सामुदायिक और क्षेत्रीय प्रभाव
इस घटना ने कोहलपुर और आसपास के क्षेत्रों में हड़कंप मचा दिया है। जनगर्जन नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड जैसे मीडिया संस्थान का अवैध गतिविधियों में शामिल होना पत्रकारिता की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाता है। स्थानीय निवासियों ने इस कार्रवाई की सराहना की, लेकिन साथ ही माँग की कि इस तरह के संगठित अपराधों को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाए जाएँ। भारत-नेपाल सीमा पर बहराइच के रूपईडीहा में भी इस घटना की चर्चा जोरों पर है। स्थानीय व्यापारी और निवासी इस बात से चिंतित हैं कि नकली मुद्रा और अफीम की तस्करी का असर सीमावर्ती व्यापार और सुरक्षा पर पड़ सकता है। इस कार्रवाई ने एक बार फिर दोनों देशों के बीच बेहतर समन्वय और सीमा निगरानी की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
सुरखेत पुलिस की यह कार्रवाई नकली मुद्रा और मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल नेपाल के लिए, बल्कि भारत जैसे पड़ोसी देशों के लिए भी एक चेतावनी है कि संगठित अपराध के खिलाफ सतर्कता और सहयोग को और मजबूत करने की जरूरत है।