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Bahraich news; बहराइच सांसद डॉ. आनंद कुमार गौड़ के हाथों मो. जमील कुरैशी को मिला उत्कृष्ट साहित्य रत्न सम्मान, ‘अंशिका-2’ पुस्तक का हुआ विमोचन

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अतुल्य भारत चेतना
रईस

बहराइच। सामाजिक संस्था शमा फाउंडेशन द्वारा मंगलवार, 15 जुलाई 2025 को बहराइच के ए.आर. काम्प्लेक्स (एआरटीओ कार्यालय के निकट) में ‘अंशिका-2’ साझा संकलन पुस्तक के विमोचन और सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर बहराइच के सांसद डॉ. आनंद कुमार गौड़ ने मुख्य अतिथि के रूप में पुस्तक का विमोचन किया और साहित्यकार मोहम्मद जमील कुरैशी को उत्कृष्ट साहित्य रत्न अवॉर्ड-2025 से सम्मानित किया। कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, कला प्रदर्शनी, और साहित्यिक चर्चा ने समारोह को यादगार बना दिया।

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कार्यक्रम का शुभारंभ

कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती की वंदना के साथ हुई, जिसके बाद मुख्य अतिथि डॉ. आनंद कुमार गौड़ और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का माल्यार्पण और बुके भेंटकर स्वागत किया गया। नन्हे-मुन्ने बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं, जिनमें नृत्य, गीत, और नाट्य प्रदर्शन शामिल थे। इसके साथ ही, बच्चों द्वारा आयोजित कला प्रदर्शनी ने उपस्थित लोगों का ध्यान आकर्षित किया, जिसमें उनकी रचनात्मकता और प्रतिभा की झलक दिखाई दी।

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‘अंशिका-2’ पुस्तक का विमोचन

मुख्य अतिथि बहराइच सांसद डॉ. आनंद कुमार गौड़ ने ‘अंशिका-2’ साझा संकलन पुस्तक का विमोचन किया। अपने संबोधन में उन्होंने पुस्तक में शामिल साहित्यकारों की मेहनत की सराहना की और कहा, “इस पुस्तक में गीत, कहानी, और अन्य रचनाओं का संकलन न केवल साहित्यिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को भी दर्शाता है।” उन्होंने सभी साहित्यकारों, अभिभावकों, और बच्चों को इस आयोजन के लिए बधाई दी।

मो. जमील कुरैशी को सम्मान

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण विकास खंड मिहींपुरवा की ग्राम पंचायत गोपिया निवासी साहित्यकार और प्रशिक्षु शिक्षक मोहम्मद जमील कुरैशी को उत्कृष्ट साहित्य रत्न अवॉर्ड-2025 से सम्मानित करना रहा। सांसद डॉ. गौड़ ने उन्हें मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा, “मो. जमील कुरैशी ने अपनी रचनाओं से ‘अंशिका-2’ की शोभा बढ़ाई है। उनकी साहित्यिक उपलब्धियाँ प्रेरणादायी हैं।” कुरैशी ने शमा फाउंडेशन की डायरेक्टर शमा परवीन और उनकी पूरी टीम की सराहना करते हुए इस सम्मान के लिए आभार व्यक्त किया।

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शमा फाउंडेशन की भूमिका

शमा फाउंडेशन की डायरेक्टर शमा परवीन ने अपने समापन संबोधन में सभी उपस्थित साहित्यकारों, अतिथियों, और बच्चों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य साहित्य और कला के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है। ‘अंशिका-2’ इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।” उन्होंने भविष्य में भी इस तरह के आयोजनों को जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। कार्यक्रम का संचालन प्रदीप पांडेय बहराइची ने कुशलतापूर्वक किया, जिसने आयोजन को और प्रभावशाली बनाया।

सामुदायिक और साहित्यिक महत्व

‘अंशिका-2’ पुस्तक का विमोचन और सम्मान समारोह बहराइच के साहित्यिक और सांस्कृतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण पड़ाव रहा। इस आयोजन ने न केवल स्थानीय साहित्यकारों को मंच प्रदान किया, बल्कि बच्चों की रचनात्मकता और प्रतिभा को भी प्रोत्साहित किया। उपस्थित लोगों ने शमा फाउंडेशन के इस प्रयास की सराहना की और इसे साहित्य और कला के क्षेत्र में एक प्रेरणादायी पहल बताया। एक दर्शक ने कहा, “ऐसे आयोजन स्थानीय प्रतिभाओं को सामने लाने और साहित्य के प्रति रुचि जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।”

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उपस्थित गणमान्य व्यक्ति

कार्यक्रम में शमा फाउंडेशन की डायरेक्टर शमा परवीन, उप संपादक मो. अल्ताफ, प्रशिक्षु शिक्षक मोहम्मद जमील कुरैशी, ममता यादव, रजनी सिंह, रश्मि पांडेय, शगुफ्ता परवीन, डॉ. सगीर अहमद, प्रदीप पांडेय बहराइची, रानू, और फाउंडेशन की पूरी टीम उपस्थित रही। इसके अलावा, साहित्य प्रेमी, अभिभावक, और स्थानीय निवासी भी बड़ी संख्या में शामिल हुए, जिन्होंने आयोजन की सफलता में योगदान दिया।

भविष्य की योजनाएँ

शमा फाउंडेशन ने भविष्य में भी साहित्य, कला, और शिक्षा के क्षेत्र में इस तरह के आयोजनों को आयोजित करने की योजना बनाई है। शमा परवीन ने बताया कि उनकी संस्था स्थानीय साहित्यकारों और बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यशालाएँ, प्रदर्शनियाँ, और सम्मान समारोह आयोजित करती रहेगी। उन्होंने स्थानीय समुदाय से सहयोग और समर्थन की अपील की ताकि बहराइच में साहित्य और संस्कृति का विकास और अधिक हो सके।

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‘अंशिका-2’ पुस्तक विमोचन और सम्मान समारोह बहराइच के लिए एक यादगार अवसर रहा, जिसने साहित्य, कला, और सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा दिया। मो. जमील कुरैशी का सम्मान और बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ इस आयोजन की शोभा बढ़ाने वाले प्रमुख आकर्षण रहे। यह कार्यक्रम शमा फाउंडेशन की साहित्य और संस्कृति के प्रति प्रतिबद्धता का एक शानदार उदाहरण है।

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