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Kairana news; सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में कावड़ यात्रा: नन्हे कावड़ियों ने शिव भक्ति से बांधा समां

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अतुल्य भारत चेतना
मेहरबान अली कैरानवी

कैराना/शामली। श्रावण मास के पावन अवसर पर मंगलवार, 15 जुलाई 2025 को कैराना के सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में एक अनूठी कावड़ यात्रा का आयोजन किया गया। इस धार्मिक उत्सव में नन्हे कावड़ियों ने अपनी भक्ति और उत्साह से पूरे कस्बे को शिवमय कर दिया। स्कूल की इस परंपरागत पहल ने न केवल बच्चों में धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को जीवंत किया, बल्कि समुदाय में एकता और भाईचारे का संदेश भी प्रसारित किया।

कावड़ यात्रा का शुभारंभ

कावड़ यात्रा का शुभारंभ कैराना के प्रतिष्ठित व्यापारी प्रमोद गोयल और जयप्रकाश द्वारा हरी झंडी दिखाकर किया गया। सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल के प्रांगण से शुरू हुई इस यात्रा में स्कूल के नन्हे कावड़ियों ने अपने कंधों पर कावड़ उठाकर भगवान शिव की भक्ति में लीन होकर कदम बढ़ाए। यात्रा के दौरान ढोल-नगाड़ों और स्कूल के बैंड द्वारा प्रस्तुत भक्तिमय संगीत ने माहौल को और अधिक उत्साहपूर्ण बना दिया। भगवान शंकर और माता पार्वती की आकर्षक झांकी ने सभी का ध्यान खींचा और श्रद्धालुओं को भक्ति के रंग में रंग दिया।

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यात्रा का मार्ग और उत्साह

कावड़ यात्रा सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल से शुरू होकर कस्बे के प्रमुख मार्गों—चौक बाजार, जोड़वा कुआं, पुराना बाजार, निर्मल चौराहा, पट्टोवाला, गुम्बद, और शामली बस स्टैंड होते हुए बेगमपुरा तक गई और पुनः स्कूल में समाप्त हुई। यात्रा के दौरान सड़कों पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग एकत्रित हुए, जो नन्हे कावड़ियों की भक्ति और उत्साह को देखकर अभिभूत हो गए। बच्चों की मासूमियत और शिव भक्ति ने सभी के मन को छू लिया।

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धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

इस कावड़ यात्रा ने बच्चों में धार्मिक संस्कार और सांस्कृतिक विरासत के प्रति जागरूकता को प्रदर्शित किया। सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल ने इस आयोजन के माध्यम से न केवल बच्चों को अपनी परंपराओं से जोड़ा, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का संदेश भी दिया। स्कूल के प्राचार्य ने कहा, “हमारा उद्देश्य बच्चों में धार्मिक और नैतिक मूल्यों का संचार करना है। यह कावड़ यात्रा नन्हे बच्चों के माध्यम से शिव भक्ति और सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने का एक अनूठा प्रयास है।”

सामुदायिक प्रतिक्रिया

यात्रा में शामिल बच्चों की भक्ति और अनुशासन ने स्थानीय निवासियों का दिल जीत लिया। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “इन नन्हे कावड़ियों को देखकर मन प्रसन्न हो गया। यह आयोजन हमें हमारी धार्मिक परंपराओं के महत्व को याद दिलाता है।” कस्बे के लोगों ने स्कूल के इस प्रयास की सराहना की और इसे बच्चों के लिए एक प्रेरणादायी पहल बताया।

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आयोजन की विशेषताएँ

यात्रा में स्कूल के बच्चों ने रंग-बिरंगे परिधानों में कावड़ उठाकर भक्ति भजनों पर नृत्य किया। भगवान शिव और माता पार्वती की झांकी को विशेष रूप से सजाया गया था, जो यात्रा का मुख्य आकर्षण रही। ढोल-नगाड़ों और बैंड की धुनों ने यात्रा को एक उत्सव का रूप दे दिया। स्कूल के शिक्षकों और कर्मचारियों ने यात्रा के सुचारू संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सामाजिक और धार्मिक संदेश

इस कावड़ यात्रा ने समाज में एकता, भाईचारे, और धार्मिक मूल्यों को मजबूत करने का कार्य किया। यह आयोजन बच्चों को यह सिखाने में सफल रहा कि धार्मिक परंपराएँ केवल अनुष्ठान नहीं, बल्कि समाज को एकजुट करने और नैतिकता को बढ़ावा देने का एक सशक्त माध्यम हैं। एक अभिभावक ने कहा, “यह देखकर गर्व होता है कि हमारे बच्चे इतनी कम उम्र में अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ रहे हैं। यह आयोजन समाज के लिए एक सकारात्मक संदेश है।”

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सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल ने इस तरह के आयोजनों को भविष्य में भी आयोजित करने की प्रतिबद्धता जताई है। स्कूल प्रबंधन ने बताया कि बच्चों में धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के आयोजन नियमित रूप से किए जाएँगे। यह कावड़ यात्रा न केवल एक धार्मिक उत्सव थी, बल्कि यह बच्चों और समुदाय के लिए एक प्रेरणादायी अनुभव भी साबित हुई।

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कैराना के सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल की यह कावड़ यात्रा नन्हे कावड़ियों की भक्ति और उत्साह का एक अनुपम उदाहरण रही। इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि जब बच्चों के नन्हे दिलों में भक्ति का संचार होता है, तो वे समाज को एक नई दिशा और ऊर्जा प्रदान कर सकते हैं। यह यात्रा कस्बे के लिए एक अविस्मरणीय क्षण बन गई, जो धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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