अतुल्य भारत चेतना
अखिल सुर्यवंशी
छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) अपने संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। संगठन सृजन अभियान के तहत जिला कांग्रेस कमेटी (DCC) में नए नेतृत्व की नियुक्ति की प्रक्रिया तेज हो गई है। दिल्ली और भोपाल से नियुक्त चार सदस्यीय पर्यवेक्षक टीम, जिसमें केंद्रीय पर्यवेक्षक संजय कपूर, प्रादेशिक पर्यवेक्षक सुरेंद्र चौधरी, अभिनव ढिमोले, और सुनील जायसवाल शामिल थे, ने पिछले महीने छिंदवाड़ा का दौरा किया। इस दौरान जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए कार्यकर्ताओं और नेताओं से रायशुमारी की गई और छह नामों का पैनल तैयार कर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) और प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) को भेजा गया। सूत्रों के अनुसार, जुलाई 2025 के अंत तक नई सूची जारी होने की उम्मीद है।
संगठन सृजन अभियान और बदलाव की जरूरत
राहुल गांधी के नेतृत्व में शुरू किए गए संगठन सृजन अभियान का उद्देश्य पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करना और कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार करना है। छिंदवाड़ा में यह अभियान विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह जिला पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का गढ़ रहा है। चार दशकों तक कमलनाथ और कांग्रेस की जीत का पर्याय रहे इस जिले में पिछले दो वर्षों में बदले राजनीतिक समीकरणों ने पार्टी को बैकफुट पर ला दिया है। 2024 के लोकसभा चुनाव में सवा लाख वोटों से हार, अमरवाड़ा उपचुनाव में नुकसान, और न्यूटन चिखली नगर परिषद के वार्ड क्रमांक 04 में हुए उपचुनाव में एक चौथाई वोटों से हार ने कार्यकर्ताओं में निराशा पैदा की है।
इसे भी पढ़ें: नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (NSTI) और इसमें Admission के बारे में जानकारी
पर्यवेक्षकों की टीम ने जिले के कार्यकर्ताओं और नेताओं से मुलाकात कर उनकी राय जानी और संगठन में बदलाव की आवश्यकता को रेखांकित किया। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद में परिवर्तन के स्पष्ट संकेत दिए गए हैं। कार्यकर्ताओं में भी नए नेतृत्व की मांग बढ़ रही है, जो जमीनी स्तर पर समन्वय स्थापित कर पार्टी को मजबूत कर सके।

सुरेश कपाले की मजबूत दावेदारी
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए सुरेश कपाले की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है। कपाले, जो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व सांसद नकुलनाथ के करीबी और विश्वसनीय सहयोगी हैं, पिछले 30 वर्षों से कांग्रेस के लिए निस्वार्थ भाव से कार्य कर रहे हैं। उनकी संगठनात्मक क्षमता, चुनावी अनुभव, और कार्यकर्ताओं से सीधा जुड़ाव उन्हें इस पद के लिए प्रबल दावेदार बनाता है। कपाले ने समाज के सभी वर्गों के बीच मजबूत पकड़ बनाई है और सामाजिक मुद्दों को जिम्मेदारी के साथ उठाया है।
इसे भी पढ़ें: एफिलिएट मार्केटिंग क्या होती है? इसके जरिए घर बैठे लाखों कमाने के टिप्स!
कपाले ने कांग्रेस सेवा दल के माध्यम से जिले में हजारों युवाओं को पार्टी से जोड़ा है। विभिन्न आंदोलनों, बैठकों, और कार्यक्रमों में उनकी और उनकी टीम की सक्रिय भूमिका रही है। पर्यवेक्षकों के समक्ष कपाले ने अपनी दावेदारी को मजबूती से रखा और जिले के बदलते राजनीतिक परिवेश में संगठन को नई दिशा देने की बात कही। उनकी सामाजिक सक्रियता और कार्यकर्ताओं से नजदीकी ने उन्हें एक लोकप्रिय और प्रभावी नेता के रूप में स्थापित किया है।
जिला कांग्रेस की चुनौतियां
छिंदवाड़ा में कांग्रेस की स्थिति पिछले कुछ वर्षों में कमजोर हुई है। कमलनाथ के नेतृत्व में जिला लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ रहा, लेकिन हाल की हार और कार्यकर्ताओं का पार्टी छोड़ना चिंता का विषय है। जिला कांग्रेस कमेटी के प्रमुख नेताओं का कार्यकर्ताओं से कमजोर समन्वय और स्थानीय स्तर पर स्वतंत्र निर्णय लेने की कमी ने संगठन को कमजोर किया है। कमलनाथ और नकुलनाथ के दौरे के दौरान ही स्थानीय नेता सक्रिय नजर आते हैं, लेकिन उनके जाने के बाद संगठन धरातल पर कमजोर पड़ जाता है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि ज्यादातर आयोजन औपचारिकता तक सीमित रहते हैं, जिससे संगठन की प्रभावशीलता पर सवाल उठ रहे हैं।
छह नामों का पैनल तैयार
पर्यवेक्षकों की चार सदस्यीय टीम ने चार दिनों तक जिले के नेताओं और कार्यकर्ताओं से चर्चा की और उनके सुझावों के आधार पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए छह नामों का पैनल तैयार किया। इस पैनल को AICC और PCC को भेजा गया है। पार्टी ने नेतृत्व क्षमता, कार्यकर्ताओं से जुड़ाव, और संगठन के प्रति समर्पण जैसे मानदंडों पर जोर दिया है। सूत्रों के अनुसार, जुलाई 2025 के अंत तक नई सूची जारी होगी, जिसमें जिला कांग्रेस कमेटी के नए अध्यक्ष का नाम शामिल होगा।
इसे भी पढ़ें: सिबिल स्कोर (CIBIL SCORE) डाउन होने पर भी लोन कैसे प्राप्त करें?
कार्यकर्ताओं में उत्साह
संगठन सृजन अभियान ने छिंदवाड़ा के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नई उम्मीद और उत्साह जगाया है। कार्यकर्ता इस बदलाव को एक अवसर के रूप में देख रहे हैं, जिससे पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत किया जा सके और भाजपा के बढ़ते प्रभाव को चुनौती दी जा सके। पर्यवेक्षकों की टीम ने भी इस अभियान को कार्यकर्ताओं के बीच जोश बढ़ाने वाला बताया।
भविष्य की दिशा
छिंदवाड़ा में कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती संगठन को पुनर्जनन और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना है। कमलनाथ का प्रभाव अब भी जिले में मजबूत है, लेकिन हाल की हार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि संगठन में नए नेतृत्व और सक्रियता की जरूरत है। सुरेश कपाले जैसे नेताओं की दावेदारी और कार्यकर्ताओं का समर्थन इस दिशा में सकारात्मक संकेत दे रहा है।
इसे भी पढ़ें: इंस्टाग्राम से पैसे कमाने की पूरी जानकारी
जुलाई 2025 के अंत तक नई सूची के जारी होने के बाद यह स्पष्ट होगा कि कांग्रेस जिला कमेटी में कितना और कैसा बदलाव लाती है। यह बदलाव न केवल छिंदवाड़ा में पार्टी की स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण होगा, बल्कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की समग्र रणनीति को भी प्रभावित करेगा। संगठन सृजन अभियान के तहत यह पहल छिंदवाड़ा में कांग्रेस के लिए एक नई शुरुआत का संकेत दे रही है।