अतुल्य भारत चेतना
मेहरबान अली कैरानवी
कैराना। मंगलवार, 8 जुलाई 2025 को ऊँचागांव में स्थित बहुद्देश्यीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति (बी-पैक्स) पर यूरिया खाद वितरण के दौरान किसानों की भारी भीड़ के कारण अव्यवस्था फैल गई, जिसके चलते जमकर हंगामा हुआ। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। लगभग एक माह बाद समिति पर यूरिया उपलब्ध होने की सूचना पर सैकड़ों किसान खाद लेने पहुंचे थे।
घटना का विवरण
ऊँचागांव सहकारी समिति पर मंगलवार को यूरिया खाद वितरण का कार्य शुरू हुआ। करीब एक माह की प्रतीक्षा के बाद यूरिया उपलब्ध होने की खबर फैलते ही आसपास के गांवों से सैकड़ों किसान ट्रैक्टर, बुग्गी, और अन्य साधनों के साथ समिति पर उमड़ पड़े। यूरिया प्राप्त करने की होड़ में अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई, जिसके कारण किसानों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ता देख समिति के कर्मचारियों ने तत्काल तीतरवाड़ा चौकी पुलिस को सूचना दी।
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तीतरवाड़ा चौकी प्रभारी एसआई राकेश कुमार गौतम पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और हंगामा कर रहे किसानों को समझा-बुझाकर शांत किया। पुलिस ने व्यवस्था बनाकर लाइन में लगवाकर किसानों को यूरिया वितरित कराया। समिति की संबद्ध सचिव सरिता कश्यप ने बताया कि एक माह बाद 500 बैग यूरिया प्राप्त हुआ था, जिसमें से मंगलवार को लगभग 150 किसानों को खाद वितरित की गई।

पूर्व घटना का संदर्भ
यह पहली बार नहीं है जब यूरिया वितरण को लेकर क्षेत्र में हंगामा हुआ है। बीते गुरुवार को ब्लॉक क्षेत्र के शेखूपुरा में स्थित सहकारी समिति पर यूरिया वितरण के दौरान किसानों के दो गुटों में हिंसक झड़प हो चुकी है, जिसमें कई किसान घायल हो गए थे। उस घटना में भी पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा था।
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पुलिस और समिति का बयान
तीतरवाड़ा चौकी प्रभारी राकेश कुमार गौतम ने बताया कि हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। उन्होंने किसानों को शांतिपूर्ण तरीके से लाइन में लगवाकर यूरिया वितरण सुनिश्चित किया। वहीं, समिति की सचिव सरिता कश्यप ने कहा कि यूरिया की सीमित उपलब्धता के कारण किसानों में उत्साह और अव्यवस्था दोनों देखने को मिली। पुलिस की मौजूदगी में वितरण कार्य सुचारू रूप से संपन्न हुआ।
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क्षेत्र में यूरिया की कमी का प्रभाव
क्षेत्र में यूरिया की कमी के कारण किसान लंबे समय से परेशान हैं। खरीफ फसलों की बुवाई के लिए यूरिया की आवश्यकता बढ़ गई है, जिसके चलते सहकारी समितियों पर किसानों की भीड़ उमड़ रही है। ऊँचागांव के अलावा भूरा गांव में भी यूरिया वितरण के दौरान भारी भीड़ देखी गई। यूरिया की सीमित उपलब्धता और वितरण में देरी के कारण किसानों में आक्रोश बढ़ रहा है, जो इस तरह के हंगामों का कारण बन रहा है।
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सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
यूरिया खाद की कमी और वितरण में अव्यवस्था न केवल किसानों की खेती को प्रभावित कर रही है, बल्कि उनके आर्थिक और मानसिक तनाव को भी बढ़ा रही है। सहकारी समितियों पर व्यवस्थित वितरण और पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं टाली जा सकें।