अतुल्य भारत चेतना
मेहरबान अली कैरानवी
कैराना। हरियाणा के किसान देवेंद्र देशवाल की निर्मम हत्या के मामले में हिंदूवादी संगठन राष्ट्रीय गौरक्षा वाहिनी गौसेवा संघ ने कठोर कार्रवाई की मांग की है। शनिवार, 5 जुलाई 2025 को संगठन के कार्यकर्ताओं ने कैराना कोतवाली में प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपकर हत्यारोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग की। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि हत्यारों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाए गए तो गांव मामौर के हिंदू समुदाय पलायन करने को मजबूर हो सकता है।
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ज्ञापन सौंपने की घटना
शनिवार को राष्ट्रीय गौरक्षा वाहिनी गौसेवा संघ के जिला उपाध्यक्ष सागर कुमार के नेतृत्व में कार्यकर्ता कैराना कोतवाली पहुंचे। उन्होंने कोतवाली प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें 16 जून 2025 को गांव मामौर के जंगल में हुई देवेंद्र देशवाल की हत्या का उल्लेख किया गया। ज्ञापन में कहा गया कि हत्याकांड के बाद से गांव में दहशत का माहौल है, और हिंदू समुदाय भय के साये में जी रहा है। संगठन ने मांग की कि हत्यारोपियों—नदीम, शोबान, और फरमान—के खिलाफ रासुका और गैंगस्टर एक्ट के तहत तत्काल कार्रवाई की जाए। ज्ञापन सौंपने वालों में रविन, अनुज, सोनू, गौरव, और अन्य कार्यकर्ता शामिल थे।
हत्याकांड का विवरण
16 जून 2025 को हरियाणा के पानीपत जिले के सनौली खुर्द थाना क्षेत्र के गांव कुराड़ निवासी किसान देवेंद्र देशवाल की गांव मामौर के जंगल में चाकुओं से गोदकर और गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। मृतक के पुत्र रोहित ने गांव मामौर निवासी नदीम, शोबान, और फरमान के खिलाफ कैराना कोतवाली में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसी दिन शाम को फरमान और नदीम को गिरफ्तार कर लिया था। मुठभेड़ के दौरान नदीम के पैर में गोली लगी थी, जबकि तीसरा आरोपी शोबान, जो घटना के दौरान घायल हो गया था, 26 जून 2025 को हत्या में प्रयुक्त तमंचे और छुरी के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
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सामाजिक तनाव और महापंचायत की चेतावनी
हत्याकांड के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो ने मामले को और तूल दे दिया। मुजफ्फरनगर के बघरा आश्रम के स्वामी यशवीर महाराज ने एक वीडियो में हत्यारों पर रासुका लागू करने की मांग की थी और चेतावनी दी थी कि यदि एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई नहीं हुई तो 27 जून 2025 को गांव मामौर में उत्तर प्रदेश और हरियाणा के हिंदू समुदाय के साथ मिलकर महापंचायत और धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। इस वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया था। शनिवार को पुलिस ने एक प्रेस रिलीज जारी कर हत्यारोपियों के खिलाफ रासुका और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की घोषणा की। इसके बाद यशवीर महाराज ने एक और वीडियो जारी कर पुलिस प्रशासन के आश्वासन के आधार पर महापंचायत और धरना स्थगित करने की घोषणा की।
अफवाहों का खंडन
हत्याकांड के बाद कुछ लोगों ने मृतक देवेंद्र देशवाल के किसी महिला से अवैध संबंध होने की अफवाह फैलाई, जिसे संगठन और स्थानीय लोगों ने पूरी तरह झूठा करार दिया। राष्ट्रीय गौरक्षा वाहिनी ने अपने ज्ञापन में इस अफवाह को हत्याकांड को दूसरा रंग देने की साजिश बताया और इसे खारिज किया।
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गांव में दहशत का माहौल
ज्ञापन में कहा गया कि हत्याकांड के बाद गांव मामौर में हिंदू समुदाय भय के माहौल में जी रहा है। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि हत्यारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं हुई तो समुदाय पलायन करने को मजबूर हो सकता है। यह मांग कैराना के इतिहास को देखते हुए और भी गंभीर हो जाती है, जहां 2016 में कथित तौर पर हिंदू परिवारों के पलायन का मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में रहा था।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने हत्याकांड में त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों—नदीम, शोबान, और फरमान—को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। नदीम मुठभेड़ में घायल हुआ था, जबकि शोबान का मेरठ के एक अस्पताल में इलाज के बाद गिरफ्तारी हुई। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त हथियार भी बरामद कर लिए हैं। शनिवार को जारी प्रेस रिलीज में पुलिस ने रासुका और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की बात कही, जिसे संगठन ने सकारात्मक कदम बताया।
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सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ
यह हत्याकांड कैराना में सामुदायिक तनाव को बढ़ाने वाला साबित हुआ है। कैराना पहले भी सामुदायिक तनाव और पलायन जैसे मुद्दों के कारण सुर्खियों में रहा है। इस घटना ने स्थानीय और सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा छेड़ दी है, जिसमें कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए गए हैं। हिंदूवादी संगठनों की सक्रियता और महापंचायत की चेतावनी ने प्रशासन पर दबाव बढ़ा दिया है।
अन्य संगठनों की प्रतिक्रिया
राष्ट्रीय गौरक्षा वाहिनी के अलावा, अन्य स्थानीय संगठनों और नेताओं ने भी इस हत्याकांड की निंदा की है। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में संगठन के कार्यकर्ता ने हत्यारों पर रासुका लगाने और मृत्युदंड की मांग की थी। इस तरह की मांगों ने मामले को और संवेदनशील बना दिया है।
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कैराना के इस हत्याकांड ने न केवल स्थानीय समुदाय में दहशत पैदा की है, बल्कि क्षेत्र की कानून-व्यवस्था और सामुदायिक सौहार्द पर भी सवाल उठाए हैं। राष्ट्रीय गौरक्षा वाहिनी गौसेवा संघ की मांग और पुलिस की कार्रवाई इस मामले को और गंभीर बनाती है। प्रशासन से अपेक्षा है कि वह कठोर कदम उठाकर गांव में शांति और विश्वास बहाल करे ताकि पलायन जैसे हालात से बचा जा सके।