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Kairana news; कैराना नगरपालिका में सभासदों का धरना दूसरे दिन भी जारी, चेयरमैन के खिलाफ प्रदर्शन की मांगी अनुमति

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अतुल्य भारत चेतना
मेहरबान अली कैरानवी

कैराना। नगरपालिका परिषद कैराना में सभासदों का धरना शनिवार, 5 जुलाई 2025 को लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा। सभासदों ने पालिका चेयरमैन शमशाद अहमद पर तानाशाही, निरंकुशता, और विकास कार्यों में लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस बीच, वार्ड नंबर-02 के सभासद तौसीफ चौधरी ने तहसील मुख्यालय पर सम्पूर्ण समाधान दिवस में पत्र सौंपकर चेयरमैन के खिलाफ शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन की अनुमति मांगी है।

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धरने की पृष्ठभूमि

शुक्रवार, 4 जुलाई 2025 को नगरपालिका परिषद के कुछ निर्वाचित सभासदों ने नपा प्रांगण में धरना शुरू किया था। धरनारत सभासदों, जिनमें शाहिद हसन, तौसीफ चौधरी, राशिद बागवान, साजिद राणा, और फिरोज खान शामिल हैं, ने चेयरमैन शमशाद अहमद पर कई गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि चेयरमैन ने तानाशाही रवैया अपनाया है और जनता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे। सभासदों ने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकार से कैराना के विकास के लिए आवंटित धन का उपयोग शहर के विकास में नहीं हुआ। इसके अलावा, चेयरमैन पर सफाई लिपिक रविंद्र को निलंबित कर अपनी बिरादरी के व्यक्ति को नियुक्त करने का भी आरोप है, जिसे सभासदों ने राजनीति से प्रेरित बताया।

दूसरे दिन का धरना और समर्थन

शनिवार को धरना लगातार दूसरे दिन जारी रहा, जिसमें सभासदों ने अपनी मांगों को और मुखर किया। कस्बे के वार्ड नंबर-10 के पूर्व सभासद राशिद अली उर्फ पोती ने धरनास्थल पर पहुंचकर सभासदों को अपना समर्थन दिया। उन्होंने चेयरमैन की कार्यशैली की आलोचना करते हुए सभासदों की मांगों को जायज ठहराया। धरनास्थल पर मौजूद सभासदों ने एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए चेयरमैन के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया।

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तौसीफ चौधरी द्वारा अनुमति पत्र

वार्ड नंबर-02 के सभासद तौसीफ चौधरी ने तहसील मुख्यालय पर आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में एक पत्र सौंपकर चेयरमैन के खिलाफ शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन की अनुमति मांगी। पत्र में उन्होंने चेयरमैन पर विकास कार्यों की अनदेखी, जनता की समस्याओं को नजरअंदाज करने, और तानाशाही रवैये के आरोप लगाए। तौसीफ चौधरी ने कहा कि उनका धरना जनता के हित में है और वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें प्रशासन के समक्ष रखना चाहते हैं। इस पत्र के माध्यम से सभासदों ने अपनी मांगों को औपचारिक रूप से प्रशासन तक पहुंचाने का प्रयास किया है।

सभासदों के प्रमुख आरोप

धरनारत सभासदों ने चेयरमैन शमशाद अहमद के खिलाफ निम्नलिखित प्रमुख आरोप लगाए हैं:

तानाशाही और निरंकुशता: चेयरमैन पर नगरपालिका के कार्यों में पारदर्शिता की कमी और एकतरफा निर्णय लेने का आरोप।

विकास कार्यों में लापरवाही: केंद्र और राज्य सरकार से प्राप्त धन का शहर के विकास में उपयोग न होने का दावा।

पक्षपातपूर्ण नियुक्तियां: सफाई लिपिक रविंद्र के निलंबन और उनकी जगह चेयरमैन की बिरादरी के व्यक्ति की नियुक्ति को राजनीति से प्रेरित बताया।

जनता की अपेक्षाओं पर खरे न उतरना: सभासदों का कहना है कि चेयरमैन जनता के विश्वास को तोड़ने में विफल रहे हैं।

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पूर्व में विवाद

यह पहली बार नहीं है जब चेयरमैन शमशाद अहमद विवादों में घिरे हैं। इससे पहले भी कई बोर्ड बैठकों में सभासदों ने उन पर गंभीर आरोप लगाए और जमकर हंगामा किया था। इन बैठकों में चेयरमैन की कार्यशैली और निर्णय लेने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए थे, जिससे नगरपालिका की राजनीति में तनाव बना हुआ है।

चेयरमैन का पक्ष

चेयरमैन शमशाद अहमद से उनका पक्ष जानने के लिए दो बार संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका मोबाइल नंबर स्विच ऑफ पाया गया। इस कारण उनका पक्ष इस समाचार में शामिल नहीं किया जा सका।

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सामाजिक और प्रशासनिक प्रभाव

सभासदों का यह धरना कैराना नगरपालिका की कार्यप्रणाली और प्रशासनिक पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाता है। स्थानीय निवासियों के बीच चेयरमैन की कार्यशैली को लेकर असंतोष बढ़ रहा है, और धरने ने इस मुद्दे को और अधिक चर्चा में ला दिया है। सभासदों ने स्पष्ट किया कि उनका धरना अनिश्चितकालीन है और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे प्रदर्शन जारी रखेंगे।

कांवड़ यात्रा पर संभावित प्रभाव

यह धरना ऐसे समय में हो रहा है जब कैराना में आगामी कांवड़ यात्रा (11 जुलाई से 23 जुलाई 2025) की तैयारियां चल रही हैं। नगरपालिका की भूमिका इस धार्मिक आयोजन में महत्वपूर्ण है, और सभासदों का धरना प्रशासनिक कार्यों और यात्रा की तैयारियों पर प्रभाव डाल सकता है। डीआईजी सहारनपुर अभिषेक सिंह द्वारा हाल ही में कांवड़ मार्ग का निरीक्षण किया गया था, जिसमें सुरक्षा और यातायात व्यवस्था पर जोर दिया गया था। ऐसे में, नगरपालिका में चल रहा यह विवाद यात्रा की तैयारियों को जटिल बना सकता है।

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कैराना नगरपालिका परिषद में सभासदों का धरना और चेयरमैन के खिलाफ उनके गंभीर आरोप स्थानीय राजनीति में एक नए तनाव को दर्शाते हैं। तौसीफ चौधरी द्वारा धरना-प्रदर्शन की अनुमति के लिए पत्र सौंपना इस मुद्दे को और गंभीर बनाता है। यह धरना न केवल नगरपालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि जनता के बीच प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग को भी उजागर करता है। प्रशासन और चेयरमैन से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप और समाधान की उम्मीद की जा रही है ताकि कैराना में विकास कार्य और प्रशासनिक प्रक्रियाएं सुचारू रूप से चल सकें।

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