अतुल्य भारत चेतना
रईस
रुपईडीहा/बहराइच। नगर पंचायत रुपईडीहा में 29 मई 2025 को महान राष्ट्रसेविका, दानवीर और समाज सुधारिका पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर की त्रिशताब्दी स्मृति के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर बहराइच के सांसद आनंद गौड़ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में अहिल्याबाई के जीवन, उनके शासन और सामाजिक योगदान को स्मरण करते हुए समाज सेवा और सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा देने का संकल्प लिया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और अहिल्याबाई होलकर के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों और नगरवासियों ने अहिल्याबाई के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। वक्ताओं ने उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और बताया कि अहिल्याबाई ने अपने शासनकाल में न केवल पारदर्शी और न्यायपूर्ण प्रशासन स्थापित किया, बल्कि शिक्षा, धर्म, और समाज सेवा के क्षेत्र में भी अनुकरणीय कार्य किए।
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मुख्य अतिथि का संबोधन
मुख्य अतिथि सांसद आनंद गौड़ ने अपने संबोधन में अहिल्याबाई होलकर के जीवन को प्रेरणा का स्रोत बताया। उन्होंने कहा, “अहिल्याबाई होलकर का जीवन हमें सिखाता है कि सच्चा नेतृत्व समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए समर्पित होता है। उनके द्वारा किए गए धर्म, शिक्षा, और समाज सुधार के कार्य आज भी प्रासंगिक हैं। हमें उनकी स्मृति को जीवित रखते हुए उनके आदर्शों को अपनाना चाहिए।” सांसद ने जोर देकर कहा कि ऐसे महापुरुषों की गाथाएँ जन-जन तक पहुँचाना हमारी सांस्कृतिक और सामाजिक जिम्मेदारी है।
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गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में नगर पंचायत अध्यक्ष डॉ. उमाशंकर वैश्य, ब्लॉक प्रमुख जय प्रकाश सिंह, अधिशासी अधिकारी रंग बहादुर, स्थानीय जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाविद, और बड़ी संख्या में नगरवासी, विशेष रूप से महिलाएँ उपस्थित रहीं। सभी ने एक स्वर में अहिल्याबाई के समाज सुधार, दानशीलता, और धर्मनिष्ठा की प्रशंसा की और उनके जीवन से प्रेरणा लेकर समाज सेवा के प्रति अपने संकल्प को दोहराया।
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अहिल्याबाई होलकर का योगदान
वक्ताओं ने अपने उद्बोधन में अहिल्याबाई के शासनकाल की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि अहिल्याबाई ने न केवल मालवा रियासत में सुशासन स्थापित किया, बल्कि मंदिरों, धर्मशालाओं, कुओं, और तालाबों का निर्माण करवाकर समाज के कल्याण में योगदान दिया। उनकी नीतियों ने समाज के कमजोर वर्गों, विशेष रूप से महिलाओं और किसानों, को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके द्वारा स्थापित न्याय व्यवस्था को आज भी एक आदर्श माना जाता है।
सामुदायिक एकता और संकल्प
कार्यक्रम ने न केवल अहिल्याबाई की स्मृति को जीवित रखने का कार्य किया, बल्कि समाज में एकता और सेवा की भावना को भी प्रोत्साहित किया। उपस्थित नगरवासियों, विशेष रूप से महिलाओं, ने अहिल्याबाई के आदर्शों को अपनाने और समाज में शिक्षा, स्वास्थ्य, और समानता के लिए कार्य करने का संकल्प लिया। यह आयोजन सामाजिक और सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
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रुपईडीहा में आयोजित यह त्रिशताब्दी स्मृति कार्यक्रम पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर के जीवन और उनके योगदान को स्मरण करने का एक शानदार मंच रहा। सांसद आनंद गौड़ और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने इस आयोजन को और अधिक गरिमामय बनाया। नगर पंचायत रुपईडीहा के इस प्रयास ने न केवल अहिल्याबाई की विरासत को सम्मान दिया, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव और सांस्कृतिक गर्व की भावना को भी प्रोत्साहित किया। इस तरह के आयोजन भविष्य में भी समाज को प्रेरित और एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे