अतुल्य भारत चेतना
रईस
रुपईडीहा/बहराइच। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित व्यस्त व्यापारिक कस्बा रुपईडीहा में बिजली कटौती के साथ ही मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह ठप हो जाने की समस्या ने स्थानीय नागरिकों, व्यापारियों, और सीमा पर तैनात सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। इस समस्या के कारण न केवल संचार व्यवस्था प्रभावित हो रही है, बल्कि व्यापारिक गतिविधियाँ, ऑनलाइन पढ़ाई, और आपातकालीन सेवाएँ भी बाधित हो रही हैं।
बिजली कटौती और नेटवर्क की समस्या
स्थानीय लोगों के अनुसार, जैसे ही रुपईडीहा में बिजली आपूर्ति बाधित होती है, सभी प्रमुख मोबाइल सेवा प्रदाताओं के नेटवर्क अचानक बंद हो जाते हैं। इससे फोन कॉल, इंटरनेट सेवाएँ, और ऑनलाइन भुगतान जैसे डिजिटल लेन-देन पूरी तरह ठप हो जाते हैं। यह समस्या विशेष रूप से तब गंभीर हो जाती है, जब बिजली कटौती लंबे समय तक रहती है। स्थानीय निवासी राम प्रसाद ने बताया, “बिजली जाते ही नेटवर्क गायब हो जाता है। न तो कोई कॉल कर पाते हैं और न ही इंटरनेट का उपयोग हो पाता है। यह स्थिति आपातकाल में बहुत खतरनाक साबित हो सकती है।”
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व्यापार और शिक्षा पर प्रभाव
रुपईडीहा एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र है, जहाँ भारत और नेपाल के व्यापारी रोजाना सैकड़ों लेन-देन करते हैं। मोबाइल नेटवर्क की अनियमितता के कारण व्यापारियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय दुकानदार मोहम्मद इकबाल ने कहा, “बिजली कटने पर ऑनलाइन भुगतान और ग्राहकों से संपर्क पूरी तरह रुक जाता है। कई बार हमें भारी नुकसान उठाना पड़ता है।” इसके अलावा, सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। छात्रा प्रिया वर्मा ने बताया, “ऑनलाइन कक्षाएँ और शैक्षिक सामग्री तक पहुँचने में दिक्कत होती है, जिससे हमारी पढ़ाई पिछड़ रही है।”
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सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती
भारत-नेपाल सीमा पर तैनात सुरक्षा एजेंसियों और गुप्तचर विभाग को भी इस समस्या से गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रुपईडीहा एक संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्र है, जहाँ सशस्त्र सीमा बल (SSB) और अन्य सुरक्षा एजेंसियाँ लगातार निगरानी रखती हैं। बिजली कटौती के दौरान नेटवर्क ठप होने से संचार व्यवस्था बाधित होती है, जिससे आपातकालीन समन्वय और त्वरित कार्रवाई में बाधा उत्पन्न होती है। एक स्थानीय सुरक्षा अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “नेटवर्क की अनुपलब्धता के कारण कई बार महत्वपूर्ण सूचनाओं का आदान-प्रदान प्रभावित होता है, जो सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा करता है।”
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ग्रामीणों की माँग और समाधान की आवश्यकता
स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों और जिला प्रशासन से इस समस्या का त्वरित समाधान करने की माँग की है। उन्होंने सुझाव दिया कि मोबाइल टावरों के लिए बैकअप व्यवस्था, जैसे जनरेटर या सोलर पावर, की व्यवस्था की जाए ताकि बिजली कटौती के दौरान भी नेटवर्क सुचारू रहे। व्यापारी नेता संजय गुप्ता ने कहा, “यह एक गंभीर समस्या है, जिसका असर न केवल व्यापार, बल्कि आम जनजीवन और सुरक्षा पर भी पड़ रहा है। प्रशासन और टेलीकॉम कंपनियों को इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए।”
प्रशासन और टेलीकॉम कंपनियों की जिम्मेदारी
रुपईडीहा में बार-बार बिजली कटौती और उसके साथ नेटवर्क ठप होने की समस्या ने स्थानीय प्रशासन और मोबाइल सेवा प्रदाताओं की तैयारियों पर सवाल उठाए हैं। ग्रामीणों ने माँग की है कि टेलीकॉम कंपनियाँ अपने टावरों के लिए वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करें और प्रशासन बिजली आपूर्ति को स्थिर करने के लिए ठोस कदम उठाए। इस समस्या के समाधान के लिए स्थानीय स्तर पर जागरूकता और समन्वय की आवश्यकता है।
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रुपईडीहा में बिजली कटौती के साथ मोबाइल नेटवर्क ठप होने की समस्या ने स्थानीय जनजीवन, व्यापार, शिक्षा, और सुरक्षा व्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। यह स्थिति न केवल क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों को बाधित कर रही है, बल्कि आपातकालीन परिस्थितियों में भी जोखिम पैदा कर रही है। स्थानीय लोगों की माँग है कि प्रशासन और टेलीकॉम कंपनियाँ इस समस्या का स्थायी समाधान निकालें ताकि रुपईडीहा के निवासी, व्यापारी, और सुरक्षा एजेंसियाँ निर्बाध संचार सेवाओं का लाभ उठा सकें।