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रईस
रुपईडीहा/बहराइच। थाना रुपईडीहा क्षेत्र के ग्राम छिटुपुरवा, ग्रामसभा इमामनगर गढ़राहवा निवासी पशुपालक भानु प्रताप वर्मा की तीन भैंसें बीती 23-24 मई की रात अज्ञात चोरों द्वारा चुरा ली गईं। इस घटना ने पशुपालक को गहरे आर्थिक और मानसिक संकट में डाल दिया है। भैंसों की चोरी से पीड़ित की आजीविका पर गहरा प्रभाव पड़ा है, और पुलिस की निष्क्रियता ने उनकी निराशा को और बढ़ा दिया है।
घटना का विवरण
भानु प्रताप वर्मा ने बताया कि उनकी तीन भैंसें, जिनकी अनुमानित कीमत लगभग पौने दो लाख रुपये थी, रात के समय अज्ञात चोरों द्वारा चुरा ली गईं। वे दूध बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे, और यह चोरी उनकी आर्थिक स्थिति के लिए बड़ा झटका साबित हुई है। घटना के बाद उन्होंने स्थानीय स्तर पर भैंसों की तलाश की और आसपास के लोगों से पूछताछ की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
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पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल
भानु प्रताप ने 24 मई को घटना की जानकारी रुपईडीहा थाने में प्रार्थना पत्र देकर दी, लेकिन 25 मई की शाम तक कोई पुलिसकर्मी उनके घर जांच के लिए नहीं पहुंचा। पीड़ित ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा, “रुपईडीहा थाना आदर्श थाना कहलाता है, लेकिन यहां कोई सुनवाई नहीं हो रही। हमारी आजीविका छिन गई है, और पुलिस की उदासीनता से हम और अधिक परेशान हैं।”
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इस संबंध में क्षेत्र के उपनिरीक्षक जीतेन्द्र यादव ने बताया कि प्रार्थना पत्र प्राप्त हो चुका है, और सिपाहियों को जांच के लिए भेजा गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले की जांच की जा रही है, और जल्द ही इसका खुलासा कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
पशुपालक की व्यथा
भानु प्रताप ने बताया कि भैंसों की चोरी ने उनके परिवार को गंभीर आर्थिक संकट में डाल दिया है। दूध की बिक्री उनकी आय का प्रमुख स्रोत थी, और अब इस घटना ने उनके परिवार के भरण-पोषण पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि चोरों का जल्द से जल्द पता लगाया जाए और उनकी भैंसें वापस दिलाई जाएं।
क्षेत्र में पशु चोरी की बढ़ती घटनाएं
रुपईडीहा क्षेत्र में पशु चोरी की घटनाएं हाल के समय में बढ़ रही हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि चोर संगठित गिरोह के रूप में काम कर रहे हैं, और इंडो-नेपाल सीमा के निकट होने के कारण चोरी किए गए पशुओं को सीमा पार ले जाना आसान हो जाता है। इससे पुलिस के सामने इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने की चुनौती बढ़ गई है।
प्रशासन से मांग
- त्वरित जांच और कार्रवाई: पीड़ित ने पुलिस से मांग की है कि मामले की गहन जांच की जाए और चोरों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए।
- क्षतिपूर्ति की मांग: भानु प्रताप ने अपनी आर्थिक क्षति के लिए उचित सहायता की मांग की है।
- निगरानी बढ़ाने की जरूरत: स्थानीय निवासियों ने क्षेत्र में रात्रि गश्त और निगरानी बढ़ाने की मांग की है, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
रुपईडीहा में भानु प्रताप वर्मा की तीन भैंसों की चोरी की घटना ने न केवल एक पशुपालक के परिवार की आजीविका को प्रभावित किया है, बल्कि क्षेत्र में पशु चोरी की बढ़ती घटनाओं और पुलिस की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए हैं। प्रशासन और पुलिस से अपेक्षा है कि वे इस मामले में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करें, ताकि पीड़ित को न्याय मिले और भविष्य में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।