भारत सरकार ने हाल ही में संपन्न ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के मद्देनजर रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए पूरक बजट के माध्यम से 50,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटन का प्रस्ताव रखा है। इस वृद्धि के साथ, वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कुल रक्षा व्यय पहली बार 7 लाख करोड़ रुपये को पार कर सकता है, जो भारत की सैन्य तैयारियों और आत्मनिर्भरता के लक्ष्यों को और अधिक बल प्रदान करेगा।
पहलगाम हमले ने तेज की रक्षा तैयारियां
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा पर्यटकों और नागरिकों पर किए गए हमले ने देश को झकझोर दिया। इस हमले को 26/11 मुंबई हमलों के बाद सबसे घातक आतंकी घटनाओं में से एक माना जा रहा है। हमले में 26 लोगों की जान गई, जिसके जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। इस ऑपरेशन में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के नौ आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की रणनीतिक ताकत का प्रदर्शन
7 से 10 मई 2025 के बीच चले ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य क्षमताओं और रणनीतिक दृढ़ता को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया। भारतीय वायु सेना ने स्वदेशी ‘आकाश’ मिसाइल प्रणाली, बराक-8, रूसी एस-400 ट्रायम्फ और अन्य युद्ध-सिद्ध प्रणालियों का उपयोग कर पाकिस्तान की मिसाइलों और ड्रोनों को निष्प्रभावी कर दिया। ऑपरेशन में 11 पाकिस्तानी एयरबेस को निशाना बनाया गया, जिससे उनकी हवाई ताकत को गंभीर नुकसान पहुंचा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को अपने संबोधन में कहा, “ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारे मेड-इन-इंडिया हथियारों की विश्वसनीयता मजबूती से स्थापित हुई। दुनिया अब मानती है कि 21वीं सदी की जंग में स्वदेशी रक्षा उपकरणों का वक्त आ गया है।”
रक्षा बजट में वृद्धि का उद्देश्य
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 6.81 लाख करोड़ रुपये का रक्षा बजट पेश किया था, जो पिछले वर्ष के 6.22 लाख करोड़ रुपये से 9.2% अधिक था। प्रस्तावित 50,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि सैन्य आधुनिकीकरण, नए हथियारों और गोला-बारूद की खरीद, अनुसंधान और विकास, और उन्नत तकनीकों जैसे ड्रोन और काउंटर-ड्रोन सिस्टम के लिए खर्च की जाएगी।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, यह वृद्धि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में अनुपूरक बजट के माध्यम से मंजूरी के लिए प्रस्तुत की जाएगी। यह कदम भारत की रक्षा नीति में आत्मनिर्भरता और तकनीकी उन्नयन को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
जासूसी सैटेलाइट प्रोजेक्ट: निगरानी होगी और सटीक
ऑपरेशन की सफलता में खुफिया जानकारी की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए, सरकार ने 22,500 करोड़ रुपये की लागत से ‘स्पेस बेस्ड सर्विलांस (SBS-3)’ प्रोजेक्ट को तेज करने का फैसला किया है। इसके तहत 52 जासूसी सैटेलाइट्स बनाए जाएंगे, जिनमें से 31 निजी कंपनियां और 21 इसरो द्वारा निर्मित होंगे। ये सैटेलाइट्स 2026 तक तैयार होने की उम्मीद है, जो पाकिस्तान की गतिविधियों पर रियल-टाइम निगरानी सुनिश्चित करेंगे।
आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ता कदम
पिछले दशक में भारत का रक्षा बजट 2014-15 के 2.29 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 6.81 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो कुल बजट का 13.45% है। ऑपरेशन सिंदूर और प्रस्तावित बजट वृद्धि ने स्वदेशी रक्षा प्रणालियों और निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाया कि भारत न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भी अग्रणी भूमिका निभा सकता है।”
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर और प्रस्तावित रक्षा बजट वृद्धि भारत की रणनीतिक नीति में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है। यह कदम न केवल सैन्य आधुनिकीकरण को गति देगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के विजन को भी साकार करेगा। जैसे-जैसे भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करता है, वैश्विक समुदाय इसकी बढ़ती ताकत और दृढ़ता को करीब से देख रहा है।