रिफाइनरी नगर में आवारा कुत्तों का आतंक, राष्ट्रीय पक्षी को किया घायल
मामले में रिफाइनरी प्रबंधन ने किया मौन धारण
अतुल्य भारत चेतना
दिनेश सिंह तरकर
मथुरा। वैसे तो राष्ट्रीय पक्षी मोर अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए विश्व-विख्यात है और मोर के दर्शन कर भारतीय भी अपने-आपको सौभाग्यशाली मानते हैं, देश के राष्ट्रीय पक्षी के रूप में भी मोर ने विश्व पटल पर अपनी अलग ही छाप छोड़ रखी है। बात अगर कान्हा की नगरी की हो, तो मोर को ब्रजवासी अपने प्राणों से प्यारा मानते हैं, क्योंकि ब्रज की महारानी राधा रानी को रिझाने के लिए तीन लोक के तारणहार योगीराज भगवान श्रीकृष्ण ने मोर बनकर अद्भुत नृत्य किया था। इसलिए ब्रज क्षेत्र में मोर का विशेष महत्व है और ब्रज क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों में मोर लोगों को सबसे अधिक देखने को मिलते हैं। बात अगर कान्हा की नगरी में आधुनिक मंदिर के नाम से विश्व-विख्यात इंडियन ऑयल मथुरा रिफाइनरी की हो, तो यहां भी मोर को विशेष स्थान दिया गया है। रिफाइनरी नगर में सैकडों की संख्या में मोर लोगों को सुबह-शाम सभी जगह घूमते हुए मिल जाते हैं, रिफाइनरी नगर वासियों को भी मोर से काफी अत्यधिक प्रेम है, जिन्हें देख लोग काफी आनंदित होते हैं। लेकिन इन दिनों रिफाइनरी नगर में राष्ट्रीय पक्षी मोर दिन-प्रतिदिन कम होते हुए जा रहे हैं, जो बड़ी ही चिंता का विषय है, रिफाइनरी नगर में इन दिनों आवारा कुत्तों ने इस कदर आतंक मचा रखा है, जिन्हें जहां भी कोई (मयूर) मोर मिल जाता है, आवारा कुत्ते मिलकर मोर का शिकार कर देते हैं। रिफाइनरी नगर में यह घटनाएं अब आम बात हो गई हैं, आए तीसरे दिन मोर की कोई न कोई घटनाएं सामने आ रही हैं। सबसे बड़ी हैरानी वाली बात यह है कि रिफाइनरी नगर में नगरवासियों के बच्चे व राष्ट्रीय पक्षी मोर दोनों को ही इन दिनों आवारा कुत्तों के आतंक से भय का माहौल बना हुआ है और रिफाइनरी प्रबंधन इस ओर ध्यान तक नही दे रहा है। कहीं ऐसा तो नही कि रिफाइनरी प्रबंधन किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है। नगर वासियों को मथुरा रिफाइनरी के कार्यकारी निदेशक व रिफाइनरी प्रमुख मुकुल अग्रवाल से भी काफी उम्मीदें हैं कि टाउनशिप में आवारा कुत्तों पर शिकंजा कसा जाए, ताकि नगर वासियों के बच्चे भी आवारा कुत्तों से बच सकें। लेकिन रिफाइनरी प्रमुख ने भी अभी तक इस ओर कोई ध्यान नही दिया है, यही कारण है कि टाउनशिप में पिछले दो महीने से आवारा कुत्तों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जो बड़ी ही चिंता का विषय है। देखने वाली बात यह होगी कि आखिर रिफाइनरी प्रबंधन कब जाकर कुंभकर्णीय नींद से जागेगा और कब तक नगर वासियों को आवारा कुत्तों के आतंक से निजात मिलेगी।